nagpur samachar
विज्ञान आणि अध्यात्माचे काम परस्परपूरक राहिले पाहिजे
सरसंघचालक भागवत यांचे आवाहन
नागपूर. विज्ञान आणि अध्यात्म एकमेकांच्या विरोधी नाही. या दोघांची स्पर्धाच नाही. मार्ग वेगवेगळे असले तरी दोघेही सत्याचाच शोध घेतात. हे लक्षात घेता विज्ञान आणि अध्यात्माचे काम परस्परपुरक राहिले पाहिजे असे परखड प्रतिपादन सरसंघचालक मोहन भागवत यांनी यांनी येथे केले. नाना महाराज सपाद जन्म शताब्दी समापन समारंभात ते प्रमुख अतिथी म्हणून बोलत होते. सुरेश भट सभागृहात झालेल्या कार्यक्रमाला केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी यांची प्रमुख उपस्थिती होती. शांतीपुरूष सेवा संस्थेचे अध्यक्ष डॉ. बाबा महाराज तराणेकर अध्यक्षस्थानी होते.
श्री शांतिपुरुष सेवा संस्थेतर्फे श्री दत्तसंप्रदायातील परमपमूज्य परिव्राजकाचार्य श्री वासुदेवानंद सरस्वती स्वामी महाराज यांचे शिष्य श्री चैतन्यानंद सरस्वती नानामहाराज तराणेकर यांच्या सपाद (125 वर्षे) जन्मशताब्दी समापन समारोहाचे उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघाचे सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत यांच्या हस्ते झाले. कार्यक्रमाला विशेष अतिथी म्हणून केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी यांची उपस्थिती होती तर अध्यक्षस्थानी शांतिपुरुष सेवा संस्थेचे अध्यक्ष डॉ. बाबामहाराज तराणेकर, कार्याध्यक्ष राजीव हिंगवे व तेजस तराणेकर यांची मंचावर उपस्थिती होती. डॉ. बाबामहाराज तराणेकर यांच्या हस्ते डॉ. मोहनजी भागवत व नितीन गडकरी यांचा सत्कार करण्यात आला.
अखिल भारतीय त्रिपदी परिवाराचे मुखपत्र ‘श्री शांतिपुरुष’ च्या रौप्य महोत्सवी वर्षानिमित्त विशेषांकाचे मान्यवरांच्या हस्ते प्रकाशन करण्यात आले.डॉ. भागवत यांनी विज्ञान आणि अध्यात्म यांची उत्कृष्ट सांगड घालत कार्य करणा-या त्रिपदी परिवारच्या कार्याचे कौतुक केले. आपली परंपरा सनातन असून त्यावेळच्या लोकांचा मन व बुद्धीचा स्तर आजच्या लोकांपेक्षा खूप वेगळा होता. त्याकाळी जे तत्व दर्शन झाले ते आज उलगडून दाखवण्याचे काम संतमहात्मे करत असतात.
कार्यक्रमाच्या सुरुवातीला रुपाली बक्षी यांनी करुणा त्रिपदी सादर केली. त्यानंतर अखिल भारतीय त्रिपदी परिवाराच्या कार्याचा आढावा घेणारी चित्रफीत प्रदर्शित करण्यात आली. दुस-या सत्रात रात्री कार्तिक कला अकादमी इंदूरतर्फे ‘अमृतस्य नर्मदा’ ही नृत्यनाटिका प्रस्तुत करण्यात आली. या कार्यक्रमाला कांचनताई गडकरी विशेषत्वाने उपस्थित होत्या. सूत्रसंचालन व आभारप्रदर्शन किशोर गलांडे यांनी केले.
त्रिपदी परिवारचे लोकसेवा हे वैशिष्ट्य : गडकरी
अध्यात्म आणि विज्ञान याची सांगड घालून नवीन पिढीमध्ये व समाजामध्ये गुणात्मक परिर्वतन घडवून आणण्याचे कार्य त्रिपदी परिवार करीत आहे. लोकशिक्षण आणि लोकसंस्काराबरोबरच लोकसेवा हे देखील त्रिपदी परिवारचे वैशिष्ट्य आहे, असे मत केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी यांनी व्यक्त केले.इंदोर येथे झालेल्या नानामहाराज तराणेकर यांच्या सपाद जन्मशताब्दी सोहळ्याच्या उद्घाटनाला उपस्थित राहण्याचा योग आला होता, अशी आठवण नितीन गडकरी यांनी सांगितले. नानामहाराजांचे लहानपणी अनेकदा दर्शन घेण्याची संधी मिळाली आहे. बाबामहाराजांनी त्यांचे कार्य यशस्वीपणे पुढे चावले आहे. विज्ञानाची जोड देऊन अध्यात्माला पुढे नेण्याचा काम बाबामहाराज करीत आहेत, असे गडकरी म्हणाले.
आज समारोहात
मूकबधिर संस्था, शंकरनगर चौक येथे सकाळी 8.30 वाजता श्रीसद्गुरूंच्या मूर्तीस महाभिषेक. कार्यक्रमाच्या अध्यक्षस्थानी प.पू्. बाबामहाराज तराणेकर राहणार असून प्रसिद्ध होमिओपॅथ डॉ. विलास डांगरे, सयाजी विद्यापीठ वडोदराच्या संस्कृत, पाली व प्राकृत भाषा विभागाच्या अध्यक्ष डॉ. श्वेता जेजुरीकर यांची उपस्थिति राहील. यावेळी राजेंद्र बेनोडेकर लिखित ‘मागोवा: प्राचीन भारताचा’पुस्तकाचे विमोचन होणार आहे.
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गडकरी की ‘विकास’ से टक्कर
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वेब डेस्क. नागपुर. लोकसभा चुनाव में नागपुर की प्रतिष्ठित सीट पर कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को चुनौती देते हुए नागपुर शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक विकास ठाकरे को उतार दिया है। नागपुर लोकसभा सीट पर कड़ी टक्कर है। संघ समेत देश की नजरें इस सीट पर गढ़ी हुईं हैं। अब देखना यह है कि क्या गडकरी तीसरी बार चुनकर अपनी हैट्रिक पूरी करेंगे या ठाकरे गडकरी का सपना भंग करके इतिहास रच देंगे? बता दें कि नागपुर लोकसभा में वर्ष 2014 और 2019 में गडकरी ने कांग्रेस नेता विलास मुत्तेमवार और नाना पटोले को पराजित कर विजय हासिल की थी।
असंतुष्ट बिगाड़ सकते हैं ‘खेला’
बताया जाता है कि पार्टी का एक गुट गडकरी के ही खिलाफ काम कर रहा है जबकि कांग्रेस में हाईकमान के आदेश के बाद गुटबाजी करने वाले नेता ठाकरे के नाम पर एक हो गए हैं। इनकी एकता विकासपुरूष को भारी पड़ सकती है। इसके अलावा जातिगत समीकरण भी जीत के लिए महत्वपूर्ण है। कुणबी, तेली, बौध्द और मुस्लिम समाज का गठजोड़ किसी भी प्रत्याशी की हार-जीत तय करेगा।
रामटेक से बर्वे को टिकट
कांग्रेस हाईकमान ने रश्मि बर्वे के फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आरोपों के बावजूद रश्मी बर्वे के नाम का घोषणा कर दी है।हालांकि मंगलवार को हाईकोर्ट में उनके मामले पर सुनवाई होनी है। इधर कांग्रेस विधायक राजू पारवे के शिंदे गुट में शामिल होने की चर्चा है जिसका गुट में जमकर विरोध किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो पूर्व सांसद तुमाने की जगह पारवे को टिकट दिया जा सकता है। संभावना है कि आज यानी रविवार शाम होने वाली बैठक में इसकी घोषणा भी की जा सकती है।
NAGPUR
नागपुरकरों के लिए शेयर ऑटो सुविधा
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महामेट्रो का नए साल का तोहफा
नागपुर. अब नागपुरकरों के लिए मेट्रो स्टेशन तक पहुंचना और यात्रा के बाद गंतव्य तक पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। क्योंकि अब महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने यात्रियों के लिए सोमवार से शेयर ऑटोरिक्शा की व्यवस्था कर दी है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के प्रस्ताव को हाल ही में कलेक्टर की अध्यक्षता वाली परिवहन समिति ने मंजूरी दे दी है और नए साल में महामेट्रो द्वारा यह सेवा शुरू की जाएगी। इससे मेट्रो स्टेशन तक पहुंचना और मेट्रो से यात्रा कर गंतव्य तक पहुंचना बहुत सुविधाजनक हो जाएगा। यह नागपुर के लोगों के लिए नए साल का उपहार होगा। महामेट्रो नए साल में यात्रियों के लिए शेयर ऑटो सेवा शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
nagpur samachar
कांग्रेस MLA सुनील केदार को झटका
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बैंक घोटाले में 5 साल की सजा, 21 साल बाद आया फैसला
नागपुर. पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता सुनील केदार की मुश्किलें और बढ़ गईं हैं। बहुचर्चित नागपुर जिला बैंक घोटाला मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। नागपुर की विशेष अदालत ने कांग्रेस विधायक सुनील केदार और पांच अन्य को दोषी ठहराया है। जबकि सबूतों के अभाव में तीन अन्य को बरी कर दिया है। इस मामले में केदार को 5 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही 12.50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा है। नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) घोटाला मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने शुक्रवार को सावनेर से कांग्रेस विधायक सुनील केदार को 150 करोड़ रुपये के घोटाले में दोषी ठहराया है। घोटाले के अन्य आरोपियों को भी सजा सुनाई गई है। महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार में मंत्री रहे सुनील केदार से जुड़े इस मामले में दो दशक से अधिक समय बाद फैसला आया है।
केदार समेत 11 आरोपी थे मौजूद
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ज्योति पेखले-पुरकर की अदालत में दोषियों को सजा सुनाई गई। सुनवाई के दौरान केदार के अलावा अन्य आरोपी भी अदालत में मौजूद थे। जांच एजेंसी की चार्जशीट में केदार और 11 अन्य आरोपियों पर आईपीसी की धारा 406, 409, 468, 471, 120-बी और 34 के तहत आरोप लगाए गए थे। आरोपियों में बैंक के पूर्व महाप्रबंधक अशोक चौधरी, तत्कालीन मुख्य अकाउंटेंट सुरेश पेशकर, महेंद्र अग्रवाल, श्रीप्रकाश पोद्दार, सुबोध भंडारी, कानन मेवावाला, नंदकिशोर त्रिवेदी, अमित वर्मा और मुंबई के स्टॉकब्रोकर केतन सेठ शामिल हैं। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने अग्रवाल के मामले पर रोक लगाई थी, जबकि मेवावाला फरार है।
क्या है मामला
2002 में जब 150 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था तब कांग्रेस नेता बैंक के अध्यक्ष थे। सीआईडी के तत्कालीन उपाधीक्षक किशोर बेले इस घोटाले के जांच अधिकारी हैं। जांच पूरी कर उन्होंने 22 नवंबर 2002 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। तभी से विभिन्न कारणों से सुनवाई पूरी नहीं हो सकी और मामला लंबित था।
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