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जनसभा का मंच गिरा, 4 मजदूर जख्मी

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यवतमाल में 28 फरवरी को होने वाली है पीएम मोदी की जनसभा

 यवतमाल .यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के जनसभा कार्यक्रम के लिए बनाए जा रहे मंच (मंडप) का हिस्सा ढह जाने से चार मजदूर घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।

ऐसे हुआ हादसा

बता दें कि पीएम मोदी बुधवार (28 फरवरी) को यवतमाल जिले  के दौरे पर आने वाले है। जहां उनकी बड़ी जनसभा भी होगी। इसके लिए भारी गांव में 45 एकड़ पर भव्य मंडप बनाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि रविवार को जब मजदूर एक डोम (गुंबद) को खड़ा कर रहे थे तो खंभा जमीन से उखड़ गया। जिससे पिलर नीचे क्रेन पर गिर गए। इस दौरान कई मजदूर चपेट में आ गए और जख्मी हो गए। सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई।

45 एकड़ में बन रहा मंडप

प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को यवतमाल-नागपुर मार्ग पर भारी गांव में महिला स्वयं सहायता समूह के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी स्वयं सहायता समूहों की दो लाख से अधिक महिलाओं को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम के लिए लगभग 45 एकड़ के विशाल क्षेत्र में मंडप खड़ा किया जा रहा है। इस सभा की तैयारी जोरों पर है।

पीएम का चौथा दौरा

प्रधानमंत्री मोदी पिछले कुछ दिनों से लगातार महाराष्ट्र का दौरा कर रहे हैं। यवतमाल जिले का यह उनका चौथा दौरा होगा। 2004 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी यवतमाल आए थे और तब पोस्टल ग्राउंड में उन्होंने जनसभा को संबोधित किया था। 20 मार्च 2014 को लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने यवतमाल का दौरा किया था, तब नरेंद्र मोदी बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे।

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एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को गोलियों से भूना

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वेबडेस्क, मुंबई

राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले उस समय सनसनी फैल गई जब अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार को मुंबई में तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। गोली लगने के बाद उन्हें गंभीर हालत में मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया । मुंबई पुलिस ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि हमलावरों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि घटना के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है और हमलावरों की तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई है।

ऐसे मारी गोली

पुलिस के मुताबिक, तीन लोगों ने बांद्रा ईस्ट में बाबा सिद्दीकी को उस समय गोली मारी जब वह अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर थे। बताया जा रहा है कि उन्हें दो गोलियां लगी थीं। जीशान सिद्दीकी एनसीपी के मौजूदा विधायक हैं। मुंबई पुलिस ने आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके।

तीन बार एमएलए रह चुके हैं

इस साल फरवरी में सिद्दीकी ने कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे रिश्ते को खत्म कर दिया था और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में शामिल हो गए थे। वे मुंबई के बांद्रा-वेस्ट निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी रह चुके थे। वह 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार विधायक रहे और उन्होंने कांग्रेस सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए राज्य मंत्री (2004-08) के रूप में भी कार्य किया था।

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बैठे-ठाले

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और कितने बदलापुर सरकार ?

एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर घंटे 3 महिलाएं रेप का शिकार होती हैं, यानी हर 20 मिनट में 1. रेप के मामलों में 100 में से 27 आरोपियों को ही सजा होती है, बाकी बरी हो जाते हैं.ये आंकड़े बताते हैं कि सख्त कानून होने के बावजूद हमारे देश में रेप के मामलों में न तो कमी आ रही है और न ही सजा की दर यानी कन्विक्शन रेट बढ़ रहा है.महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों का जिक्र इसलिए, क्योंकि हाल-फिलहाल में रेप के बढ़ते मामलों ने देश को हिलाकर रख दिया है. कोलकाता में रेजिडेंट डॉक्टर की रेप और उसके बाद हत्या का मामला, बदलापुर कांड और एनकाउंटर चर्चा में बना हुआ है. रेप के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान होने के बावजूद 24 साल में पांच दुष्कर्मियों को ही फांसी की सजा मिली है. 2004 में धनंजय चटर्जी को 1990 के बलात्कार के मामले में फांसी दी गई थी. जबकि, मार्च 2020 में निर्भया के चार दोषियों- मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी. यही वजद है कि ऐसे अपराधियों में कानून का खौफ नहीं है. तभी तो बदलापुर एनकाउंटर के बाद भी महाराष्ट्र में लगभग हर दिन रेप की एक घटना सामने आ रही है. सबसे दुख की बात ये है कि मासूमों को शिकार बनाया जा रहा है. सवाल यह है कि सरकार और कितने बदलापुर का इंतजार कर रही है? राज्य में शक्ति लॉ कानून क्यों नहीं लागू करती?

 

शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक, 2020 (शक्ति विधेयक) दिसंबर 2020 में पेश किया गया था, पास भी हो गया. लेकिन सरकार ने इसे लटकाकर रखा है क्यों? चुनाव के इस माहौल में लाड़की बहनें क्यों नहीं इस कानून को लागू करने की मांग करती हैं? इस विधेयक में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध बलात्कार जैसे कुछ अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है. आंध्रप्रदेश में ऐसा ही कानून लागू किया गया है. आज इस विधेयक को राज्य में लागू करने की सबसे ज्यादा जरूरत है.

महाराष्ट्र  में बढ़ रही है संपन्नता

महाराष्ट्र के आर्थिक हालात तेजी से सुधर रहें हैं. देश में बढ़ते निवेश का असर राज्य में देखने को मिल रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक यहां बीते 12 साल में प्रति व्यक्ति जीडीपी 64.5 बढ़कर 1.63 लाख रुपए हो गई है. प्रति व्यक्ति जीडीपी यानी प्रति व्यक्ति शुध्द राज्य उत्पादन. यह बताती है कि किसी राज्य में संपन्नता का स्तर कितना है? ग्रोथ या निवेश उन्हीं राज्यों में ज्यादा हो रहा है, जो पहले से बहुत अमीर हैं. इस मामले में ओडिशा ने हालात तेजी से सुधारे हैं.

 

बिहार आज भी 12 साल पुरानी स्थिति में है. यहां  प्रति व्यक्ति जीडीपी सिर्फ 47 ही बढ़ी है. जो कि देश में सबसे कम है. 18 राज्यों में कनार्टक सबसे अमीर है. हरियाणा दूसरे और तेलंगाना तीसरे नंबर पर है. महाराष्ट्र का नंबर 5 वां है. यानी हम भी संपन्नता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहें हैं. अच्छी बात है.

व्यापारियों का दर्द

अब व्यापारी भी सरकारी योजनाओं के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं. क्योंकि वे मानते हैं कि सरकार का ध्यान टैक्स पेयर व्यापारी की तरफ़ से हटकर वोट बैंक की ओर ज़्यादा हो गया है जिससे उनकी समस्याएं बढ़ती जा रही है. टैक्सपेयर और व्यापारियों द्वारा भरे गए टैक्स से मुफ़्त रेवड़ियां बांटी जा रही है यानि मुफ़्त की राहत ज़्यादा बढ़ गई है जो सिरदर्द बनती जा रही है. इधर जीएसटी  में सरकार रोज़ नए – नए प्रावधान ला रही है जिससे व्यापारी का ध्यान व्यापार से हटकर इन समस्याओं की ओर ज़्यादा जा रहा है. अब इनकी मांग है कि सरकार आयुष्मान भारत की तरह आयुष्मान व्यापारी योजना भी लागू करे. इन मांगों को लेकर  व्यापारी डीसीएम फडणवीस से मिले भी है. आश्वासन तो मिला है, आगे देखिए क्या होता है?

-डॉ. एस. शर्मा

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गाय बनी महाराष्ट्र की “राज्यमाता”

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चुनाव से पहले शिंदे सरकार का बड़ा फैसला

Web Desk , maharashtrakhabar24.com

नागपुर, 1 अक्टूबर

महाराष्ट्र  की एकनाथ शिंदे सरकार ने गाय को राज्यमाता घोषित कर दिया है। सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस फैसले को भारतीय संस्कृति, वैदिक काल में गाय के महत्व को देखते हुए लिया गया है। फैसले में कहा गया है कि देसी गाय का दूध मानव आहार के लिए उपयुक्त है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति,पंचगव्य उपचार पद्धति, इस तरह गोमूत्र जैविक खेती पद्धति में भी इसका बहुत महत्व है। इसी को देखते हुए सरकार ने गाय को अब से राज्यमाता घोषित किया है।

बता दें कि भारत में गाय को माता का दर्जा मिला हुआ है। हिंदू धर्म में गाय की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में माना जाता है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का निवास होता है। इसी को देखते हुए पिछले काफी समय से गाय को राष्ट्रमाता घोषित किए जाने की भी मांग की जा रही है। हिंदू संगठनों की ओर से समय-समय पर इसकी मांग की जाती है।

कैबिनेट बैठक में हुआ फैसला

महाराष्ट्र में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है। इसमें देसी गायों के पालन-पोषण के लिए 50 रुपये प्रतिदिन की सब्सिडी योजना लागू करने का निर्णय लिया गया। यह योजना महाराष्ट्र गोसेवा आयोग द्वारा ऑनलाइन लागू की जाएगी. प्रत्येक जिले में एक जिला गोशाला सत्यापन समिति होगी। 2019 में हुई पशुगणना के मुताबिक देसी गायों की संख्या 46,13,632 तक कम पाई गई है।महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने यह फैसला विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लिया है। दो दिन पहले ही चुनाव आयोग की टीम तैयारियों का जायजा लेने दो दिवसीय दौरे पर पहुंची थी। इस दौरान कई राजनीतिक दलो के साथ बैठक भी आयोजित की गई। महाराष्ट्र में वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है।

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