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सीहोर में बनी फिल्म ‘व्हाट-ए-किस्मत’ 1 मार्च को होगी रिलीज

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मुंबई में ट्रेलर किया गया लॉन्च

मुंबई. ‘चांदनी बार’ और ‘गौर हरी दास्तां’ जैसी फिल्मों के पटकथा लेखक मोहन आज़ाद ने कॉमेडी फिल्म ‘व्हाट- ए- किस्मत’ का ट्रेलर मुंबई में लॉन्च किया । बता दें कि राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित मोहन आज़ाद इस फिल्म के निर्देशक हैं। यह फ़िल्म आगामी एक मार्च को देश के सिनेमाघरों में प्रदर्शन के लिए तैयार है।

सीहोर के वरिष्ठ समाज सेवी अखिलेश राय, लीसा  राय और  अंशय  फिल्म के निर्माता हैं। फ़िल्म के मुख्य अभिनेता युद्धवीर दहिया, वैष्णवी पटवर्धन, कपिल शर्मा फेम श्रीकांत मस्की, आनंद मिश्रा, सीहोर की होनहार प्रतिभा रिया चौधरी, अभिषेक सक्सेना आदि हैं।फिल्म के प्रोडक्शन मैनेजर का कार्य और सहायक पटकथा लेखक की जिम्मेदारी सीहोर के शैलेन्द्र गोहिया ने संभाली है, जो मुंबई में कार्यरत हैं।

 

 

 ‘चंदू’ के इर्द-गिर्द घूमती है स्टोरी

फिल्म की कहानी चंदू (युद्धवीर) के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है जो भाग्य से  हारा हुआ एक व्यक्ति है लेकिन उसके सपने बड़े हैं।  उसकी पत्नी आरती (वैष्णवी) उससे तंग आ चुकी है, उसका निराश बॉस (भरत दाभोलकर) उसे नौकरी से निकालने वाला है और ‘दूसरी लड़की’ (मानसी) उसके अस्तित्व को भी स्वीकार नहीं करती है।

लेकिन उसके  भाग्य में एक मोड़ आता है।  रिपोर्टर (कपिल शर्मा शो फेम श्रीकांत), इंस्पेक्टर (रोनित) और अति स्मार्ट एसपी (टीकू तल्सानिया) द्वारा पीछा किए जाने पर, उसका जीवन ही एक खतरनाक मजाक में बदल जाता है। युद्धवीर दहिया, वैष्णवी, मानसी सहगल, टीकू तल्सानिया, भरत दाभोलकर, रोनित अग्रवाल, भावना बलसावर, श्रीकांत मास्की, आनंद मिश्रा, सीहोर की बेटी रिया चौधरी और भोपाल के अतुल द्विवेदी की स्टार कास्ट के साथ इस फिल्म की पूर्ण शूटिंग सीहोर में की गई है ।

 सीहोर में ही हुई है शूटिंग 

इस फिल्म की संपूर्ण शूटिंग सीहोर में ही लगभग एक माह में पूर्ण की गई है। फिल्म के क्रिएटिव डायरेक्टर विक्रांत भी सीहोर के ही हैं। फिल्म के प्रोडक्शन मैनेजर का कार्य और सहायक पटकथा लेखक की जिम्मेदारी सीहोर के शैलेन्द्र गोहिया ने संभाली है, जो मुंबई में कार्यरत हैं। फिल्म के कार्यकारी निदेशक शुजालपुर के अभिषेक सक्सेना हैं। यह फिल्म मध्यप्रदेश और विशेष रूप से सीहोर की फिल्म है। जिसमें सीहोर के प्रसिद्ध पर्यटक व धार्मिक स्थानों को भी दर्शाया गया है। फिल्म के सभी जूनियर कलाकार सीहोर के हैं। फिल्म का चित्रण विलास चव्हाण, ध्वनि कार्य प्रमोद गुप्ता, रचनात्मक निर्देशन आदित्य बंग, एडिट कामेश कुमार, नृत्य निर्देशन जानवी शाह, मेकअप वाजिद शेख, कला कार्य विनायक होजेगा ने किया है। उम्मीद की जा रही है कि फिल्म व्हाट-ए-किस्मत सफलता के नए झंडे गाड़ेगी और सीहोर के साथ मध्यप्रदेश का भी नाम रोशन करेगी।

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आसमान से बरसी आग

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4 जिलों का अधिकतम तापमान 44 डिसे.से ज्यादा

वेबडेस्क, नागपुर

समूचा विदर्भ लू की चपेट में है। अंचल के सभी प्रमुख शहरों में  तेजी से पारा चढ़ने लगा है. शनिवार को नागपुर में अधिकतम  तापमान 44.7 और अकोला में 44 डिसे. तापमान दर्ज किया गया. सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. लोग घरों में बंद रहे. बाजार भी सूना रहा. बिजली की आंखमिचौली ने लोगों को परेशान किया. मौसम विभाग का मानना है कि अब तापमान और बढ़ेगा. गर्म हवाएं चलेंगीं. शनिवार को नागपुर विदर्भ में सबसे गर्म रहा. यहां का अधिकतम तापमान 44.7 डिसे दर्ज किया गया. विदर्भ के 4 जिलों का अधिकतम तापमान 44 डिसे.से ज्यादा रहा जबकि 7 जिलों में अधिकतम तापमान 40 डिसे. से ऊपर रहा.

कहां, कितना तापमान

नागपुर :    44.7

अकोला : 44.3

वर्धा: 44.2

चंद्रपुर :    44.1

अमरावती : 43.8

यवतमाल : 43.5    

वाशिम: 41.8

गोंदिया   : 40.6

बुलढाणा : 40.1

भंडारा : 40.0

(अधिकतम तापमान डिसे.में)

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‘पीपल’ को बचाने की लड़ाई

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नागपुरियों ने कायम की मिसाल

वेबडेस्क, नागपुर. यहां टेकड़ी लाइन के लोग एक बड़ी लड़ाई लढ़ रहें हैं। उनकी यह लड़ाई देश के लिए मिसाल है। आज जिस तरह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है उससे न सिर्फ मौसम बदला है बल्कि इंसान को कई तरह की बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है। पेड़ बचाओ का नारा सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गया। कई जंगल साफ हो गए।

 

ऐसे में नागपुरियों ने 200 साल पुराने पीपल के पेड़ को बचाने का बीड़ा उठाया। यह पेड़ बिल्कुल बाजार के बीचों-बीच है। कंक्रीट के जंगल के लिए इस पेड़ को काटने का फैसला किया गया था लेकिन यहां के लोगों ने हिम्मत दिखाई और कोर्ट पहुंच गए। पेड़ कटाई पर रोक लगा दी गई। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है। पेड़ जहां था, वहीं हैं।

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desh dunia

बहू-बेटियां सावधान : हाईकोर्ट ने कहा – दांत हथियार नहीं

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महिला ने ससुराल पक्ष पर काटे जाने का आरोप लगाया

वेबडेस्क,औरंगाबाद

एक महिला ने  ससुराल पक्ष के ऊपर दांतों से काटने पर धारदार हथियार से हमला करने और चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था। हाईकोर्ट की संभाजीनगर (औरंगाबाद) पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इंसानी दांत को हथियार नहीं माना जा सकता।यहां हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला की ससुराल पक्ष पर दांत से काटे जाने का आरोप लगाया था। बंबई हाईकोर्ट ने महिला द्वारा उसके ससुराल वालों के खिलाफ की गई शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि मानव दांतों को ऐसा खतरनाक हथियार नहीं माना जा सकता है, जिससे गंभीर नुकसान की संभावना हो।हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ की जज विभा कंकनवाड़ी और न्यायमूर्ति संजय देशमुख ने 4 अप्रैल को अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता के चिकित्सा प्रमाणपत्र से पता चलता है कि दांतों के निशान से उसे केवल मामूली चोट लगी। इसी चोट के आधार पर महिला ने अप्रैल 2020 में एफआईआर दर्ज करवाई थी।

यह है मामला

थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक ससुराल पक्ष के साथ हाथापाई के दौरान एक रिश्तेदार ने महिला को काट लिया, जिससे उसे खतरनाक नुकसान पहुंचा। पुलिस के मुताबिक महिला की शिकायत के आधार पर आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता के अनुसार चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था।

हाईकोर्ट का फैसला

  • मानवीय दांतों को खतरनाक हथियार नहीं कहा जा सकता।
  • इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपियों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए केस को खारिज कर दिया।
  •  मामले में शिकायतकर्ता के मेडीकल सर्टिफिकेट से पता चलता है कि दांतों से केवल साधारण चोट लगी थी। इसके कारण यहां पर धारा 324 के तहत अपराध नहीं बनता है। ऐसे में ससुराल पक्ष या अभियुक्त पर केस चलाना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करना होगा।

क्या कहता है कानून

आपको बता दें भारतीय दंड संहिता की धारा 324 (खतरनाक हथियार का उपयोग करके चोट पहुंचाना) के तहत, चोट किसी ऐसे उपकरण से लगी होनी चाहिए जिससे मृत्यु या गंभीर नुकसान होने की आशंका हो अगर ऐसा नहीं है तो यह मामला नहीं बनता है

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