काले रंग की डिमांड
वेब डेस्क.नागपुर. साड़ी हो या आभूषण महिलाओं का इनसे विशेष प्रेम है. मौका संक्रांति का हो तो फिर कहना ही क्या? महाराष्ट्र में परंपरा है कि मकर संक्रांति में हल्दी कुंकू, नववधू का तलवा, छोटे बच्चों की लूट जैसे कार्यक्रम महिलाओं के लिए होते हैं जिसके कारण नये कपड़ों की खासकर साड़ी और ड्रेसेस की मांग ज्यादा होती है. इस बार हर त्योहार की तरह संक्रांति पर भी उत्साह नजर आ रहा है.
नववारी का क्रेज
साड़ियों से दूकानें सजने लगी हैं. संक्रांति में काले रंग का महत्व होने से काले रंग की साड़ियों की डिमांड ज्यादा है. मांग के अनुसार काले रंग की साड़ियों का स्टाक ग्राहकों के लिए उपलब्ध है. दूकानों के डिस्प्ले में भी काले रंग की साड़ियां सजाई गई हैं. साड़ियों की वैरायटी भी देखने को मिल रही है.

क्रेप, कॉटन, सिल्क, सिन्थेटिक में अनेक डिजाइन उपलब्ध हैं. बनारसी साड़ी की भी मांग काफी है. लड़कियों के लिए भी विशेष साड़ियां बाजार में उपलब्ध हैं. नववारी (लुगड़ा) का भी क्रेज है. खास बात यह है कि नववारी अब सिलकर भी मिलने लगी है. सिलाकर महिलाओं की नववारी 1,500 से 2,500 रुपये तक जाती है. वहीं लड़कियों की 750 रुपये तक सिलाई कर मिलती है.
10 करोड़ का व्यापार
इस बार मांग ज्यादा है. नागपुर में संक्रांति पर काले रंग कि सिल्क और कॉटन में डिजाइनर और वर्क वाली साड़ियों का क्रेज काफी है. सूरत और बेंगलुरु से नागपुर में साड़ियों की सप्लाई होती है. फिर संपूर्ण विदर्भ में नागपुर से साड़ियां जाती हैं. संक्रांति पर शहर में 10 करोड़ रुपये के लगभग का व्यापार होता है.