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मोदी का दांव, विपक्ष चित्त

I.N.D.I.A. के कुनबे को बिखेरने ‘एक देश, एक चुनाव’ का अभियान
जी20 की बैठक के एक हफ्ते बाद 18-22 सितंबर के बीच सांसद का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा कर सरकार ने विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. को भौंचक्का कर दिया है। वे नहीं समझ पा रहे हैं कि यह भाजपा सरकार का कौन-सा दांव है? उनके नेता 2024 की तैयारी में जुटे हुए हैं लेकिन यह एकजुटता अभी पुख़्ता नहीं बन पाई है। इसीलिए इंडिया गठबंधन बनने के मात्र एक महीने में तीसरी अहम बैठक मुंबई में हो रही है। यदि सरकार एक देश, एक चुनाव का बिल ले आई और वह क़ानून बन गया तो मोदी सरकार को पुनः आने से रोकना मुश्किल हो जाएगा।
नई दिल्ली.जल्द ही मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलांगना, मिज़ोरम और राजस्थान में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे मौक़े पर यदि लोकसभा चुनाव भी इसी मौक़े पर करवाने का फ़ैसला हो गया तो I.N.D.I.A. के लिए अपने को संभालना मुश्किल हो जाएगा। वजह यह है, कि ये सारे दल अपने-अपने राज्यों में कांग्रेस के विरोधी हैं। कांग्रेस को माइनस कर INDIA कोई करिश्मा नहीं कर सकता।इसके अतिरिक्त कई और विधेयक भी लाए जाने की संभावना है। यह भी कहा जा रहा है कि सरकार इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण का बिल ला सकती है या समान नागरिक संहिता पास कराने हेतु विधेयक ला सकती है। महिला आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा में भी असंतोष हो सकता है और समान नागरिक संहिता (UCC) का बहुत लाभ सरकार को नहीं मिलेगा।
नमो के 2 बड़े इंम्पैक्ट
1.चंद्रयान की सफलता
अभी जनता के बीच मोदी की प्रतिष्ठा शिखर पर है। चंद्रयान-3 की सफलता ने उनके हौसले बढ़ा दिए हैं। विश्व में उनका डंका बज रहा है, क्योंकि भारत का चंद्रयान जिस जगह उतरा, वह अभी तक अछूती थी। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी मिलने की संभावना से चंद्रमा पर जीवन के संकेत भी मिले हैं। अभी तक चंद्रमा में जीवन के कोई लक्षण नहीं मिले थे लेकिन भारत के रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा के बारे में बहुत सारे अज्ञान से उबारा है।
2.जी-20 से भारत का रुतबा बढ़ा
जी-20 की मेज़बानी भारत कर रहा है। विश्व के 20 विकसित देशों में से 18 देशों के राष्ट्राध्यक्ष इस आयोजन में पहुंच रहे हैं। 8, 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में होने वाली इस बैठक से भारत में काफ़ी-कुछ विनिवेश होगा। इसका श्रेय भी सरकार को मिलेगा।
इसलिए घबराए विपक्षी
इन सफलताओं से प्रफुल्लित सरकार ने तय किया है कि 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए। हालांकि, विशेष सत्र कोई आम बात नहीं है। किसी विशेष स्थिति में ही ऐसा किया जा सकता है। मगर सरकार ने ना कोई खुलासा किया न विपक्षी दलों को इसकी भनक लगने दी लेकिन ऐसा करना कोई असंवैधानिक नहीं है। पूर्व की सरकारें भी ऐसा कर चुकी हैं। अब विपक्षी दलों के गठबंधन को लग रहा है कि सरकार इस विशेष सत्र में कौन-कौन से बिल पास करेगी?सरकार के पास लोकसभा में अपार बहुमत है और राज्यसभा में उसके पास जुगाड़ है। इसलिए वह जो बिल चाहे पास करवा सकती है। विपक्षी गठबंधन इंडिया को सबसे अधिक भय एक देश, एक चुनाव का है, क्योंकि ऐसा कर सरकार अपनी तात्कालिक लोकप्रियता को इसी वर्ष भुना सकती है।
हवा में तलवारबाजी
अभी इस विशेष सत्र के बारे में कोई पुख़्ता जानकारी नहीं है लेकिन विशेष सत्र बुलाने की घोषणा से ही हड़कंप मच गया है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐसा मास्टर स्ट्रोक है, जिससे इंडिया को कुछ सूझ नहीं रहा। जिस तीव्रता के साथ यह इंडिया गठबंधन उभरा था, इससे उसे आघात लगा है। यद्यपि भाजपा और कांग्रेस दोनों को एक देश, एक चुनाव से लाभ होगा क्योंकि ये दोनों दल किसी एक राज्य तक सीमित नहीं हैं। पर क्या कांग्रेस अपने बूते पूरे देश में चुनाव लड़ पाएगी?पिछले दो लोकसभा में उसकी संख्या इतनी कम रही कि उसने अपना जनाधार भी खोया है। आज की तारीख़ में उसका जो भी जनाधार है, वह अन्य क्षेत्रीय दलों के बूते है। ज़ाहिर है कांग्रेस की इस कमजोरी का लाभ भाजपा को मिला है। यह मोदी और शाह की ऐसी रणनीति है, जिससे विपक्षी गठबंधन को शॉक लगा है।
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बहू-बेटियां सावधान : हाईकोर्ट ने कहा – दांत हथियार नहीं

महिला ने ससुराल पक्ष पर काटे जाने का आरोप लगाया
वेबडेस्क,औरंगाबाद
एक महिला ने ससुराल पक्ष के ऊपर दांतों से काटने पर धारदार हथियार से हमला करने और चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था। हाईकोर्ट की संभाजीनगर (औरंगाबाद) पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इंसानी दांत को हथियार नहीं माना जा सकता।यहां हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला की ससुराल पक्ष पर दांत से काटे जाने का आरोप लगाया था। बंबई हाईकोर्ट ने महिला द्वारा उसके ससुराल वालों के खिलाफ की गई शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि मानव दांतों को ऐसा खतरनाक हथियार नहीं माना जा सकता है, जिससे गंभीर नुकसान की संभावना हो।हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ की जज विभा कंकनवाड़ी और न्यायमूर्ति संजय देशमुख ने 4 अप्रैल को अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता के चिकित्सा प्रमाणपत्र से पता चलता है कि दांतों के निशान से उसे केवल मामूली चोट लगी। इसी चोट के आधार पर महिला ने अप्रैल 2020 में एफआईआर दर्ज करवाई थी।
यह है मामला
थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक ससुराल पक्ष के साथ हाथापाई के दौरान एक रिश्तेदार ने महिला को काट लिया, जिससे उसे खतरनाक नुकसान पहुंचा। पुलिस के मुताबिक महिला की शिकायत के आधार पर आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता के अनुसार चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था।
हाईकोर्ट का फैसला
- मानवीय दांतों को खतरनाक हथियार नहीं कहा जा सकता।
- इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपियों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए केस को खारिज कर दिया।
- मामले में शिकायतकर्ता के मेडीकल सर्टिफिकेट से पता चलता है कि दांतों से केवल साधारण चोट लगी थी। इसके कारण यहां पर धारा 324 के तहत अपराध नहीं बनता है। ऐसे में ससुराल पक्ष या अभियुक्त पर केस चलाना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करना होगा।
क्या कहता है कानून
आपको बता दें भारतीय दंड संहिता की धारा 324 (खतरनाक हथियार का उपयोग करके चोट पहुंचाना) के तहत, चोट किसी ऐसे उपकरण से लगी होनी चाहिए जिससे मृत्यु या गंभीर नुकसान होने की आशंका हो अगर ऐसा नहीं है तो यह मामला नहीं बनता है
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मुगलों ने 70% भारत को शिक्षित किया था : भागवत

मुगलों ने 70% भारत को शिक्षित किया था। फिर क्या हुआ?
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नकली नोट छापने वाले 8 गिरफ्तार

वारंगल/ आसिफाबाद .( रमेश सोलंकी):वारंगल पुलिस ने नकली नोट छापने वाले 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से भारी मात्रा में नकली नोट बरामद किए गए हैं। पुलिस ने 38.84 लाख रुपये नकद, 21 लाख रुपये के नकली नोट, एक कार और नौ मोबाइल फोन के साथ ही नकली नोट छापने में इस्तेमाल होने वाला कागज भी जब्त किया।
पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा
गिरोह के मुख्य आरोपी की पहचान भद्राद्री कोठागुडेम जिले के मणिकला कृष्णा (57) के रूप में हुई है। जल्दी से पैसा कमाने के लिए उसने नकली मुद्रा चलाने की योजना बनाई। इसके लिए उन्होंने हन्माकोंडा के एर्रागोल्ला श्रीनिवास के साथ मिलकर काम किया। श्रीनिवास ने उसे हन्माकोंडा में नकली नोट सौंपने को कहा। कृष्णा ने शर्त मान ली। समझौते के अनुसार, कृष्णा चार अन्य लोगों के साथ शुक्रवार रात वारंगल आउटर रिंग रोड पर पेगडापल्ली चौराहे पर एक कार में पहुंचे। श्रीनिवास और दो अन्य आरोपी पहले से ही वहां मौजूद थे। पुलिस गश्ती दल ने उन्हें नोटों की अदला-बदली करते समय पकड़ लिया। पूछताछ करने पर कमिश्नर ने बताया कि आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है।इस गिरोह के मुख्य आरोपी कृष्णा के खिलाफ पहले भी सथुपल्ली, वीएम बंजारा और लक्ष्मी देवी पेटा पुलिस थानों में 500 रुपये के नकली नोट छापने और अपने दोस्तों के साथ मिलकर उन्हें चलाने के मामले दर्ज हैं।
बांसवाड़ा तक जुड़ें हैं तार
हाल ही में पुलिस को सूचना मिली कि कामारेड्डी जिले के बिचकुंडा में एक व्यापारी नकली नोट चला रहा है। पुलिस उस पर नज़र रख रही थी। वह किससे मिल रहा है? इस बात की जानकारी जुटाई गई कि वह चोरी के नोट कैसे इकट्ठा करता था। पूरी जानकारी मिलने के बाद इसे सील कर दिया गया। पुलिस को पता चला कि वह हैदराबाद से बांसवाड़ा और वहां से बिचकुंडा तक नकली नोट ला रहा था।
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