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मां को जीवित करने लगाता रहा गुहार

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शव लेकर पहुंचा  चर्च के पादरी के पास

रमेश सोलंकी. कुमरम भीम आसिफाबाद. बिना माँ के कोई जीवन नहीं. अगर ऐसी माँ खतरे में हो, पता हो कि वो अब जीवित नहीं रहेगी.. तो एक बेटा उस माँ को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है आंध्र प्रदेश का एक शख्स अपनी मां को वापस जिंदा करने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करके मंचिरयाला जिले के बेल्लमपल्ली चर्च पहुंचा।  उसने शव को चर्च के सामने रखकर पादरी से उसकी मां को बख्श देने की गुहार लगाई।  लेकिन चर्च प्रशासकों ने उस व्यक्ति को शव को चर्च के अंदर लाने की अनुमति नहीं दी।  उन्होंने उसे बाहर निकाल दिया क्योंकि उसे पादरी के बिना प्रवेश की अनुमति नहीं थी।  लेकिन वह आदमी जिद पर अड़ा हुआ था कि जब तक पादरी नहीं आएंगे, वह यहां से नहीं हटेगा।  पुलिस के हस्तक्षेप के बाद वह व्यक्ति अपनी मां के शव को लेकर अपने गृहनगर के लिए रवाना हो गया। 

क्या है पूरा मामला

यह घटना मंचिरयाला जिले के बेल्लमपल्ली में कलवारी चर्च के सामने घटी। राजमंड्री का एक व्यक्ति, जिसे कलवारी चर्च के पादरी प्रवीण पर भरोसा था, वह अपनी मां को जीवित करने के लिए हैदराबाद के अस्पताल से बेल्लमपल्ली के लिए रवाना हुआ।  लेकिन रास्ते में मां की मृत्यु हो गई। व्यक्ति  इस उम्मीद के साथ बेल्लमपल्ली पहुंचा कि अगर पादरी प्रवीण प्रार्थना करेंगे तो मां जीवित हो जाएंगी। उसने कहा कि तुम्हारी मां मणिकुमारी मर चुकी हैं और अगर पादरी प्रवीण  प्रार्थना करेंगे तो मां फिर से जीवित  हो जाएंगी। लेकिन प्रबंधकों ने कहा कि पादरी प्रवीण से कोई नहीं मिल सकता है, प्रबंधकों ने कहा कि पादरी सिर्फ रविवार के दिन ही लोगों से मिलते हैं। लेकिन उस व्यक्ति ने उनके एक बात नहीं सुनी और कहा कि किसी भी प्रकार से पादरी प्रवीण से मिलने दीजिए।पादरी के मेरी मां को छूने से वह जिंदा हो जाएंगी।

इंजीनियर, पर अंधविश्वासी

वह अपनी मां की जिंदगी के लिए उनके सामने भीख मांगता रहा।उसने कहा कि वह एक इंजीनियर है.. लेकिन वह भगवान में विश्वास और पादरी प्रवीण के प्रति विश्वास के साथ यहां आया है।  जब हर किसी ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की, तब भी वह व्यक्ति वहां से नहीं गया, तो कैल्वरी चर्च के प्रशासकों ने स्थानीय लोगों की मदद से उसे वहां से हटाने की कोशिश की।  लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलने पर पुलिस को सूचना दी गई।  वह आदमी निराश होकर वापस लौट गया।

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PM मोदी ने द्वारका में लगाई आस्था की डुबकी

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श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी के किए दर्शन

द्वारका. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के द्वारका में समुद्र में गहरे पानी के अंदर गए और भगवान श्रीकृष्ण की नगरी के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि यह एक दिव्य अनुभव था। उन्होंने उस स्थान पर प्रार्थना की जहां जलमग्न द्वारका नगरी है। उन्होंने कहा कि इस अनुभव ने मेरे सामने भारत की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक जड़ों के साथ एक दुर्लभ और गहरा संबंध प्रस्तुत किया।

पीएम मोदी अपने साथ भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करने के लिए समुद्र के अंदर मोर पंख लेकर गए थे। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘पानी में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें’। इसके बाद उन्होंने ओखा को बेट द्वारका से  जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु का लोकार्पण किया। उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया।

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19 साल से ‘लटका’ है पुल

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सरकारें बदलीं पर, किस्मत नहीं बदली

बरसात में लोग जान हथेली पर रखकर नदी को पार करते हैं

आसिफाबाद. रमेश सोलंकी. कुमरम भीम आसिफाबाद मंडल में गुंडी के ग्राम में नदी पर पुल का निर्माण अधूरा होने के कारण  ग्रामीणों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गुंडीवागु पुल का निर्माण 2005 में शुरू हुआ था।  करीब 19 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक पुल लटका हुआ है। ग्रामवासियों को आसिफाबाद जाने-आने के लिए  नाव में बैठकर नदी पार करनी पड़ती है।

आसिफाबाद से गुंडी ग्राम जाने के लिए ग्रामीण ऑटो और बाइक नदी किनारे खड़ी करके तैरकर भी आना-जाना करते हैं। बारिश के मौसम मेंआसिफाबाद के कोमराम भीम प्रोजेक्ट के पानी का स्तर बढ़ने पर नदी में पानी का स्तर बढ़ जाता है। जिसके कारण  ग्रामीणों को आसिफाबाद को आने के लिए और आसिफाबाद से गुंडी ग्राम को जाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

नाव से आना – जाना पड़ता है 

ग्राम वासियों को नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है। नाव वाले ₹20 प्रति व्यक्ति से वसूलते हैं। हर साल न केवल गुंडी गांव के लोगों को बल्कि नंदुपा, चोरपल्ली, कनारगाम और अन्य गांवों के लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छात्र और मरीज बहुत परेशान है। नदी के दोनों और ऑटो वाले सवारियों का इंतजार करते हुए दिखाई देते हैं। जो बाइक से गांव जाने वाले बाइक को नदी किनारे  खड़ा करके नदी पार करके अपने गांव जाते हैं। उनको रात में  यह डर सताता है कि उनकी बाइक चोरी न हो जाए।

चुनाव के बाद भूल जाते हैं नेता

ग्राम वासियों का कहना है कि चुनाव के समय में नेता पुल का निर्माण कार्य पूर्ण करने का वादा करके ग्राम वासियों से वोट मांगते हैं और चुनाव जीतने के बाद गायब हो जाते हैं। ग्रामीणों ने सरकार से अनुरोध किया है कि पुल का निर्माण जल्दी करें।

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अभी तक की बड़ी खबरें

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विशेष बुलेटिन में आपका स्वागत है। अभी तक की टॉप 6 खबरें जो सुर्खियों में रहीं।

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