रांची. आपने मोबाइल सुधारने की ट्रेनिंग के बारे में जरूर सुना होगा। लेकिन झारखंड में एक ऐसा स्कूल है जो बच्चों को मोबाइल चोरी की ट्रेनिंग देता है। साहिबगंज के तीन पहाड़ एरिया में बच्चों को मोबाइल चोरी करने की ट्रेनिंग देने के लिए शातिरों ने बकायदा स्कूल बना रखा है। ट्रेनिंग खत्म होने के बाद बच्चों को साहिबगंज से वनांचल एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए रांची लाया जाता है। रांची समेत देश भर में इन बच्चों को ले जाकर चोरी की ट्रेनिंग का प्रैक्टिकल परखा जाता है। प्रत्येक बच्चे को प्रतिदिन 6 मोबाइल चोरी का टारगेट दिया जाता है।मोबाइल चोर गिरोह को ऐसी ट्रेनिंग मिली होती है कि ये राहगीरों से मोबाइल उड़ा ले रहे हैं। गैंग में अधिकतर नाबालिग को इसलिए रखा जाता है ताकि किसी को शक न हो और अगर पकड़ा भी जाए तो जल्द छूट भी जाए। इसका खुलासा तब हुआ, जब रांची की डेली मार्केट थाना पुलिस ने एक नाबालिग मोबाइल चोर को पकड़ा. पुलिस के हत्थे चढ़े नाबालिग ने पुलिस को बताया कि साहिबगंज के सूरज, चंदन और अन्य लोगों द्वारा इन्हें मोबाइल चोरी की ट्रेनिंग दी जाती है।
एक बच्चा आधा दर्जन मोबाइल चुराता है
एक बच्चा रोज आधा दर्जन मोबाइल चोरी करता है। गैंग के प्रत्येक सदस्य को 1500-2000 हजार रुपये रोज दिया जाता है। चोरी के बाद मोबाइल एक जगह जमाकर साहिबगंज भेज दिया जाता है। पुलिस को सूचना मिली थी कि डेलीमार्केट फल बाजार में कुछ अज्ञात मोबाइल चोर घूम-घूमकर मोबाइल चोरी कर रहे हैं। पुलिस को देख चार पांच लोग भागने लगे, पुलिस ने खदेड़कर एक नाबालिग चोर को दबोच लिया और उसके पास से पांच मोबाइल बरामद किए। नाबालिग चोर की निशानदेही पर तीन अन्य नाबालिग चोर को गिरफ्तार किया गया।