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खतरे में बदरीनाथ का करोड़ों का खजाना

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देहरादून.उत्तराखंड के जोशीमठ में भूधंसाव के चलते बदरीनाथ के विशाल  खजाने को लेकर अधिकारी चिंतित हैं। वे इसकी  सुरक्षा के लिए गहन चिंतन कर रहे हैं कि कहां रखा जाए। मंदिर पदाधिकारियों ने इस बात पर चर्चा शुरू कर दी है कि नगर पर संकट बढ़ने की स्थिति में बड़ी मात्रा में सोने और चांदी के अलावा चढ़ावा के रूप में प्राप्त अन्य सामान को कहां रखा जा सकता है।    

खजाने की सुरक्षा के लिए महायज्ञ

भूधंसाव से सर्वाधिक प्रभावित सिंहधार वार्ड और जेपी कॉलोनी के नृसिंह मंदिर से केवल आधा किलोमीटर की हवाई दूरी पर स्थित होना अधिकारियों की परेशानी को और बढ़ा रहा है। खजाने की सुरक्षा के लिए नृसिंह मंदिर में रक्षा महायज्ञ शुरू कर दिया गया है।

6 माह के लिए कोष जोशीमठ आता है

सर्दियों में बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही शीतकाल में छह माह के लिए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का मुख्य कार्यालय बदरीनाथ से जोशीमठ नगर में नृसिंह मंदिर परिसर में आ जाता है। इसी के साथ भगवान बदरीनाथ का कोष और खजाना भी हर साल इस मंदिर में आ जाता है। यह परंपरा मंदिर समिति के गठन के समय से ही बनी हुई है। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने  बताया, ‘‘नृसिंह मंदिर और उसके परिसर में अभी तक कोई दरारें नहीं हैं। लेकिन एहतियात के तौर पर हम एक वैकल्पिक योजना बना रहे हैं कि अगर जरूरी हुआ तो खजाने को कहां ले जाया जाए।” उन्होंने कहा कि मुख्यरूप से जोशीमठ के समीप पीपलकोटी और पांडुकेश्वर जैसे स्थानों पर बातचीत हो रही है जहां मंदिर समिति के अतिथि गृह और आवास पहले से मौजूद हैं। अजय ने कहा, ‘‘हम भगवान विष्णु से प्रार्थना कर रहे हैं कि खजाना कहीं और ले जाने की नौबत ही न आये और विपदा टल जाए।भगवान बदरीनाथ के खजाने में 40-45 किलो सोना और 30-35 किलो चांदी के अलावा चढ़ावा के रूप में मिले अन्य सामान हैं।

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बहू-बेटियां सावधान : हाईकोर्ट ने कहा – दांत हथियार नहीं

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महिला ने ससुराल पक्ष पर काटे जाने का आरोप लगाया

वेबडेस्क,औरंगाबाद

एक महिला ने  ससुराल पक्ष के ऊपर दांतों से काटने पर धारदार हथियार से हमला करने और चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था। हाईकोर्ट की संभाजीनगर (औरंगाबाद) पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इंसानी दांत को हथियार नहीं माना जा सकता।यहां हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला की ससुराल पक्ष पर दांत से काटे जाने का आरोप लगाया था। बंबई हाईकोर्ट ने महिला द्वारा उसके ससुराल वालों के खिलाफ की गई शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि मानव दांतों को ऐसा खतरनाक हथियार नहीं माना जा सकता है, जिससे गंभीर नुकसान की संभावना हो।हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ की जज विभा कंकनवाड़ी और न्यायमूर्ति संजय देशमुख ने 4 अप्रैल को अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता के चिकित्सा प्रमाणपत्र से पता चलता है कि दांतों के निशान से उसे केवल मामूली चोट लगी। इसी चोट के आधार पर महिला ने अप्रैल 2020 में एफआईआर दर्ज करवाई थी।

यह है मामला

थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक ससुराल पक्ष के साथ हाथापाई के दौरान एक रिश्तेदार ने महिला को काट लिया, जिससे उसे खतरनाक नुकसान पहुंचा। पुलिस के मुताबिक महिला की शिकायत के आधार पर आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता के अनुसार चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था।

हाईकोर्ट का फैसला

  • मानवीय दांतों को खतरनाक हथियार नहीं कहा जा सकता।
  • इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपियों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए केस को खारिज कर दिया।
  •  मामले में शिकायतकर्ता के मेडीकल सर्टिफिकेट से पता चलता है कि दांतों से केवल साधारण चोट लगी थी। इसके कारण यहां पर धारा 324 के तहत अपराध नहीं बनता है। ऐसे में ससुराल पक्ष या अभियुक्त पर केस चलाना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करना होगा।

क्या कहता है कानून

आपको बता दें भारतीय दंड संहिता की धारा 324 (खतरनाक हथियार का उपयोग करके चोट पहुंचाना) के तहत, चोट किसी ऐसे उपकरण से लगी होनी चाहिए जिससे मृत्यु या गंभीर नुकसान होने की आशंका हो अगर ऐसा नहीं है तो यह मामला नहीं बनता है

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मुगलों ने 70% भारत को शिक्षित किया था : भागवत

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मुगलों ने 70% भारत को शिक्षित किया था। फिर क्या हुआ?

 

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नकली नोट छापने वाले 8 गिरफ्तार

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वारंगल/ आसिफाबाद .( रमेश सोलंकी):वारंगल पुलिस ने नकली नोट छापने वाले 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।  उनके पास से भारी मात्रा में नकली नोट बरामद किए गए हैं। पुलिस ने 38.84 लाख रुपये नकद, 21 लाख रुपये के नकली नोट, एक कार और नौ मोबाइल फोन के साथ ही नकली नोट छापने में इस्तेमाल होने वाला कागज भी जब्त किया।

  पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा

गिरोह के मुख्य आरोपी की पहचान भद्राद्री कोठागुडेम जिले के मणिकला कृष्णा (57) के रूप में हुई है।  जल्दी से पैसा कमाने के लिए उसने नकली मुद्रा चलाने की योजना बनाई।  इसके लिए उन्होंने हन्माकोंडा के एर्रागोल्ला श्रीनिवास के साथ मिलकर काम किया। श्रीनिवास ने उसे हन्माकोंडा में नकली नोट सौंपने को कहा।  कृष्णा ने शर्त मान ली। समझौते के अनुसार, कृष्णा चार अन्य लोगों के साथ शुक्रवार रात वारंगल आउटर रिंग रोड पर पेगडापल्ली चौराहे पर एक कार में पहुंचे।  श्रीनिवास और दो अन्य आरोपी पहले से ही वहां मौजूद थे।  पुलिस गश्ती दल ने उन्हें नोटों की अदला-बदली करते समय पकड़ लिया।  पूछताछ करने पर कमिश्नर ने बताया कि आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है।इस गिरोह के मुख्य आरोपी कृष्णा के खिलाफ पहले भी सथुपल्ली, वीएम बंजारा और लक्ष्मी देवी पेटा पुलिस थानों में 500 रुपये के नकली नोट छापने और अपने दोस्तों के साथ मिलकर उन्हें चलाने के मामले दर्ज हैं।

बांसवाड़ा तक जुड़ें हैं तार

हाल ही में पुलिस को सूचना मिली कि कामारेड्डी जिले के बिचकुंडा में एक व्यापारी नकली नोट चला रहा है।  पुलिस उस पर नज़र रख रही थी।  वह किससे मिल रहा है?  इस बात की जानकारी जुटाई गई कि वह चोरी के नोट कैसे इकट्ठा करता था।  पूरी जानकारी मिलने के बाद इसे सील कर दिया गया।  पुलिस को पता चला कि वह हैदराबाद से बांसवाड़ा और वहां से बिचकुंडा तक नकली नोट ला रहा था।

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