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गुड न्यूज / अल्पसंख्यक समुदाय के स्टूडेंटस की स्कॉलरशिप दोगुनी हुई
मुंबई. अल्पसंख्यक समुदाय के स्टूडेंटस के लिए गुड न्यूज है।महाराष्ट्र सरकार ने उच्च शिक्षा हासिल कर रहे अल्पसंख्यक समुदाय के स्टूडेंटस की छात्रवृत्ति बढ़ाकर दोगुनी 50 हजार रुपये कर दी है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया कि वर्ष 2011 में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों लिए वजीफे की राशि 25 हजार रुपये तय की गई थी. वर्ष 2018 में भी वजीफा राशि समान रही, लेकिन लाभार्थी विद्यार्थियों के माता-पिता की आय को दो लाख से बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया गया।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वजीफे की राशि को बढ़ाकर अब 50 हजार रुपये कर दिया गया है। कला, विज्ञान, वाणिज्य की पढ़ाई कर रहे कक्षा 12वीं तक के अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को 50,000 रुपये की छात्रवृत्ति मिलेगी। एकनाथ शिंदे सरकार द्वारा राज्य के छह राजस्व संभागों के 56 शहरों में मुसलमानों की सामाजिक, वित्तीय और शैक्षिक स्थिति का आकलन करने के लिए एक विस्तृत अध्ययन शुरू कराने के एक हफ्ते बाद यह बढ़ोतरी की गई।
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महायुति का सियासी ट्रैप बना कांग्रेस की मुश्किल
बचने बना रही है रणनीति
वेबडेस्क, maharashtrakhabar24.com
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे की खींचतान से रूबरू हो रहे महाविकास आघाड़ी गठबंधन के लिए ध्रुवीकरण के भाजपा के दांव से निपटना भी बड़ी चुनौती है. विशेषकर इस गठबंधन का अघोषित नेतृत्व कर रही कांग्रेस इस बात से सशंकित है कि लोकसभा चुनाव में सफलता का आधार बने उसके सामाजिक समीकरणों को दरकाने के लिए भाजपा ध्रुवीकरण को एक अहम चुनावी फैक्टर बनाने की कोशिश नहीं छोड़ेगी.इसके मद्देनजर ही पार्टी ने अपने नेताओं के साथ सभी सहयोगी दलों को इस बारे में आगाह करते हुए चुनाव प्रचार अभियान में महायुति के इस सियासी ट्रैप में नहीं आने की सलाह दी है.
टीका-टिप्पणी से बचने की सलाह
केंद्रीय और प्रदेश स्तर के तमाम नेताओं को कांग्रेस की ओर से दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि चुनावी माहौल की गरमारगमी में भी ऐसी कोई टीका-टिप्पणी न की जाए जिससे ध्रुवीकरण तेज हो.महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार वैसे तो पिछले कुछ सालों में यह कांग्रेस के सामान्य चुनावी सर्तकता प्रोटोकॉल का हिस्सा बन गया है मगर कांग्रेस नेताओं के अनुसार पिछले दो-तीन महीने के दौरान अमरावती से लेकर नासिक आदि में हुए घटनाक्रमों से साफ है कि भाजपा चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए हर संभव दांव चलती रहेगी.
”बंटगे तो कटेंगे” का खेल
एमआइएमआइएम के नेता असदुद्दीन औवेसी के समर्थकों को संवेदनशील माहौल में भी मुंबई में बाइक रैली निकालने की इजाजत देने के शिंदे सरकार के कदम को भी कांग्रेस इसी दांव का हिस्सा मान रही है. पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्तर पर महाराष्ट्र में जाकर ”बंटगे तो कटेंगे” का खुला अनुमोदन इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि कांग्रेस के सामाजिक समीकरण पर निशाना साधने के लिए ध्रुवीकरण का हथियार चलाने में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
ओबीसी छिटक सकता है.
महाराष्ट्र के प्रभावशाली मराठा समुदाय के साथ दलित-आदिवासी तथा अल्पसंख्यक वर्ग का 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर झुकाव का ही नतीजा रहा कि 13 लोकसभा सीट जीतकर राज्य में वह सबसे बड़ी पार्टी बन गई. शरद पवार की एनसीपी तथा उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी को भी इसका फायदा मिला. कांग्रेस की चिंता है कि विधानसभा चुनाव को मराठा बनाम ओबीसी बनाने का भाजपा का दांव चल गया तो पिछले चुनाव में साथ आया ओबीसी का एक हिस्सा भी उसे छिटक सकता है.
दांव चलती रहेगी बीजेपी
महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार वैसे तो पिछले कुछ सालों में यह कांग्रेस के सामान्य चुनावी सर्तकता प्रोटोकॉल का हिस्सा बन गया है मगर कांग्रेस नेताओं के अनुसार पिछले दो-तीन महीने के दौरान अमरावती से लेकर नासिक आदि में हुए घटनाक्रमों से साफ है कि भाजपा चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए हर संभव दांव चलती रहेगी.
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एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को गोलियों से भूना
वेबडेस्क, मुंबई
राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले उस समय सनसनी फैल गई जब अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार को मुंबई में तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। गोली लगने के बाद उन्हें गंभीर हालत में मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया । मुंबई पुलिस ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि हमलावरों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि घटना के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है और हमलावरों की तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई है।
ऐसे मारी गोली
पुलिस के मुताबिक, तीन लोगों ने बांद्रा ईस्ट में बाबा सिद्दीकी को उस समय गोली मारी जब वह अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर थे। बताया जा रहा है कि उन्हें दो गोलियां लगी थीं। जीशान सिद्दीकी एनसीपी के मौजूदा विधायक हैं। मुंबई पुलिस ने आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके।
तीन बार एमएलए रह चुके हैं
इस साल फरवरी में सिद्दीकी ने कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे रिश्ते को खत्म कर दिया था और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में शामिल हो गए थे। वे मुंबई के बांद्रा-वेस्ट निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी रह चुके थे। वह 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार विधायक रहे और उन्होंने कांग्रेस सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए राज्य मंत्री (2004-08) के रूप में भी कार्य किया था।
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63 डिपो बंद, यात्री बेहाल
एसटी कर्मचारियों की राज्यव्यापी हड़ताल जारी
मुंबई, वेब डेस्क,महाराष्ट्र खबर24. महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारी मंगलवार से वेतन वृद्धि करने और अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर है. यह हड़ताल बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहने से परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं. खासकर गणेश उत्सव से पहले हुई इस हड़ताल से लाखों यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतन और राज्य क्षेत्र के अपने समकक्षों के समान वेतनमान समायोजन की मांग कर रहे हैं.
त्योहार स्पेशल बसें भी बंद
एमएसआरटीसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि 11 ट्रेड यूनियनों की कार्य समिति द्वारा आहूत हड़ताल के कारण निगम के कुल 251 बस डिपो में से 63 बस डिपो पूरी तरह बंद रहे और 73 बस डिपो आंशिक रूप से बंद रहे, जबकि शेष 115 पूरी तरह संचालित रहे. हड़ताल के कारण राज्य भर में यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. नियमित सेवाओं के अलावा, एमएसआरटी की गणेश उत्सव के लिए विशेष बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है. एमएसआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न समूहों द्वारा बुक की गईं 4,300 सेवाओं सहित कुल पांच हजार अतिरिक्त ‘त्यौहार विशेष बसें’ तीन से सात सितंबर के बीच मुंबई, ठाणे और पालघर खंडों से संचालित करने की योजना थी. बुधवार को एक हजार से अधिक ऐसी बसें कोंकण के लिए रवाना होने वाली थीं.एमएसआरटीसी प्रशासन ने कहा कि एक औद्योगिक अदालत ने हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है और ट्रेड यूनियनों तथा कर्मचारियों को काम पर लौटने का निर्देश दिया है. निगम ने स्थानीय प्राधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ड्यूटी पर आने के इच्छुक कर्मचारियों के काम में बाधा डालने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें तथा ऐसी घटनाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग करें. हड़ताल के प्रभाव को देखते हुए, एमएसआरटीसी निर्बाध सेवा सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक अनुबंधों पर चालकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति पर विचार कर रहा है.
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