maharashtra
महाराष्ट्र में केसीआर करेंगे ‘खेला’

नागपुर. महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उठापटक को देखकर ऐसा लग रहा है कि राज्य में समय से पहले ही चुनाव हो जाएंगे। इस बीच प्रदेश की राजनीति में में केसीआर की एंट्री ने विपक्षी पार्टियों के होश उड़ा दिए हैं। क्योंकि इसका असर सीधे उनके वोटबैंक पर पड़ने वाला है। यही वजह है कि घबराहट में विपक्षी पार्टियों ने वीआरएस को बीजेपी की बी-टीम का नाम भी दे दिया है.
ये है गणित
1.उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र दूसरा सबसे बड़ा राज्य है जिसमें लोकसभा की 48 सीटें हैं.तेलंगाना में केसीआर ओवीसी की पार्टी के सपोर्ट से सत्ता में हैं। इसलिए केसीआर के महाराष्ट्र आने से कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है क्योंकि पार्टी कांग्रेस के वोट काटेगी जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा। 2019 में एक थर्ड फ्रंट वंचित बहुजन पार्टी के चुनाव लड़ने का असर कांग्रेस और एनसीपी के नेता झेल चुके हैं.

2.केसीआर के खौफ का असर भी दिखने लगा है। पिछले दिनों महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने बीआरएस को भाजपा की ‘बी-टीम’ बताते हुए कहा कि इसका महाराष्ट्र की राजनीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पटोले किसी मुद्दे पर बात नहीं कर रहे हैं, सिर्फ विरोध कर रहे हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी तेलंगाना के खम्मम में घोषणा की कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो विधवाओं और वरिष्ठ नागरिकों को 4,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी।बता दें कि यह योजना पहले से ही केसीआर सरकार चला रही है। मतलब साफ है कि कांग्रेस के पास न तो कोई रोडमैप हैं और न ही मुद्दे।
महाराष्ट्र विधानसभा क्षेत्र
कुल मतदाता : 8,35,28,310
कुल मतदान : 5,01,05,123
मतदान प्रतिशत : 59.99%
सामान्य सीट : 234
अजा. सीट : 29
अजजा. सीट : 25
महाराष्ट्र दलीय स्थिति (2019)
भाजपा : 122
शिवसेना : 63
कांग्रेस : 42
अन्य : 61
कुल सीटें : 288
बहुमत : 144
कांग्रेस का ‘डर’
केसीआर का तेलंगाना पैटर्न लोगों को आकर्षित कर रहा है। जबकि कांग्रेस इसे गुजरात पैटर्न की तरह ही भ्रामक बता रही है. पटोले कह रहे हैं हम जल्द ही इसका पर्दाफाश करेंगे। लेकिन सच यह है कि तेलंगाना एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सरकार की कुछ ऐसी कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं जो देश में कहीं नहीं है। इसलिए तेलंगाना मिसाल बनता जा रहा है। कांगेस का असली भय भी ये योजनाएं ही हैं. आइए जानते हैं इन योजनाओं के बारे में…
केसीआर की 5 बड़ी योजनाएं

‘रायथू बंधु’: तेलंगाना के किसानों को प्रति वर्ष प्रति एकड़ पर 10,000 रुपये दिए जाते हैं और किसानों का 5 लाख रुपये का बीमा भी कराया जाता है।
बंजर भूमि का पट्टा :राज्य के 1.5 लाख एसटी किसानों समेत अन्य लाभार्थियों को चार लाख एकड़ पोडु (बंजर) भूमि का पट्टा दिया जाता है. जिसके बाद इस जमीन पर इन किसानों का मालिकाना हक हो जाता है. इसके बाद किसानों को रायथु बंधु और रायथु बीमा का भी लाभ मिलने लगता है. बता दें कि अतीत में किसी अन्य राज्य ने ऐसा नहीं किया है.
किसानों को मुफ्त बिजली : राज्य के किसानों के लिए 24 घंटे मुफ्त बिजली की सुविधा और गरीबों के लिए दो शयनकक्ष वाले घरों का निर्माण।
मिशन भागीरथ : हर घर में नल कनेक्शन के माध्यम से शुध्द पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे लोगों के स्वास्थ्य में सुधार भी हो रहा है। एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
आसरा पेंशन : सरकार वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं को 4,000 रु. और बीड़ी श्रमिकों, फाइलेरिया पीड़ितों, एकल महिलाओं, हथकरघा बुनकरों, ताड़ी निकालने वालों और एड्स पीड़ितों को 2,016 रुपये और विकलांगों के लिए 3,000 रुपये की आसरा पेंशन प्रदान कर रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस इस योजना से इतनी भयभीत हो गई कि 2 दिन पहले ही खम्मम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को घोषणा करनी पड़ी कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो विधवाओं और वरिष्ठ नागरिकों को 4,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी।
केसीआर इम्पैक्ट
एनसीपी के पूर्व विधायक भरत भालके के बेटे भागीरथ भालके उनकी पार्टी में शामिल हुए.
नागपुर, चंद्रपुर, औरंगाबाद, नांदेड़ और लातूर से कई बड़े नेता बीआरएस में शामिल हुए हैं.
केसीआर से 2 बड़ी उम्मीदें
1.विदर्भ में किसान आत्महत्या और पृथक विदर्भ दो बड़े मुद्दे हैं। किसी भी पार्टी ने इनका समाधान ढूंढने की कभी कोशिश नहीं की। सिर्फ राजनीति की रोटियां सेंकते रहे। इस बीच पृथक तेलंगाना और पृथक छत्तीसगढ़ भी बन गए। लेकिन विदर्भ के नेता इस मुद्दे पर सिर्फ लफ्फाजी करते रह गए। परिणाम यह हुआ मसला आज भी जस का तस है। केसीआर के आने से विदर्भ के लोगों में उम्मीद जगी है कि अलग विदर्भ बनेगा और इस अंचल का विकास होगा। तेलंगाना के लिए केसीआर ने लंबी लड़ाई लड़ी है। उनकी ही वजह से तेलंगाना राज्य अस्तित्व में आया है। उनकी पार्टी अलग राज्य के आंदोलन से ही जन्मी है।
2. राज्य में कई जगहों पर ‘अबकी बार किसान सरकार’ के नारों के बैनर लगाए गए हैं जो खासतौर से किसानों को बहुत आकर्षित कर रहे हैं। किसान आत्महत्या और सरकार की बेरूखी, इस क्षेत्र का बड़ा मुद्दा है. केसीआर सरकार किसानों के लिए जो योजनाएं तेलंगाना में चला रही है यदि उन्हें महाराष्ट्र में भी लागू कर दिया जाए तो किसान आत्हत्या की समस्या ही खत्म हो जाए। इसलिए किसानों की वीआरएस से आस बंध गई है।
Featured
आसमान से बरसी आग

4 जिलों का अधिकतम तापमान 44 डिसे.से ज्यादा
वेबडेस्क, नागपुर
समूचा विदर्भ लू की चपेट में है। अंचल के सभी प्रमुख शहरों में तेजी से पारा चढ़ने लगा है. शनिवार को नागपुर में अधिकतम तापमान 44.7 और अकोला में 44 डिसे. तापमान दर्ज किया गया. सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. लोग घरों में बंद रहे. बाजार भी सूना रहा. बिजली की आंखमिचौली ने लोगों को परेशान किया. मौसम विभाग का मानना है कि अब तापमान और बढ़ेगा. गर्म हवाएं चलेंगीं. शनिवार को नागपुर विदर्भ में सबसे गर्म रहा. यहां का अधिकतम तापमान 44.7 डिसे दर्ज किया गया. विदर्भ के 4 जिलों का अधिकतम तापमान 44 डिसे.से ज्यादा रहा जबकि 7 जिलों में अधिकतम तापमान 40 डिसे. से ऊपर रहा.
कहां, कितना तापमान
नागपुर : 44.7
अकोला : 44.3
वर्धा: 44.2
चंद्रपुर : 44.1
अमरावती : 43.8
यवतमाल : 43.5
वाशिम: 41.8
गोंदिया : 40.6
बुलढाणा : 40.1
भंडारा : 40.0
(अधिकतम तापमान डिसे.में)
Featured
‘पीपल’ को बचाने की लड़ाई

नागपुरियों ने कायम की मिसाल
वेबडेस्क, नागपुर. यहां टेकड़ी लाइन के लोग एक बड़ी लड़ाई लढ़ रहें हैं। उनकी यह लड़ाई देश के लिए मिसाल है। आज जिस तरह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है उससे न सिर्फ मौसम बदला है बल्कि इंसान को कई तरह की बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है। पेड़ बचाओ का नारा सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गया। कई जंगल साफ हो गए।
ऐसे में नागपुरियों ने 200 साल पुराने पीपल के पेड़ को बचाने का बीड़ा उठाया। यह पेड़ बिल्कुल बाजार के बीचों-बीच है। कंक्रीट के जंगल के लिए इस पेड़ को काटने का फैसला किया गया था लेकिन यहां के लोगों ने हिम्मत दिखाई और कोर्ट पहुंच गए। पेड़ कटाई पर रोक लगा दी गई। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है। पेड़ जहां था, वहीं हैं।
desh dunia
बहू-बेटियां सावधान : हाईकोर्ट ने कहा – दांत हथियार नहीं

महिला ने ससुराल पक्ष पर काटे जाने का आरोप लगाया
वेबडेस्क,औरंगाबाद
एक महिला ने ससुराल पक्ष के ऊपर दांतों से काटने पर धारदार हथियार से हमला करने और चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था। हाईकोर्ट की संभाजीनगर (औरंगाबाद) पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इंसानी दांत को हथियार नहीं माना जा सकता।यहां हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला की ससुराल पक्ष पर दांत से काटे जाने का आरोप लगाया था। बंबई हाईकोर्ट ने महिला द्वारा उसके ससुराल वालों के खिलाफ की गई शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि मानव दांतों को ऐसा खतरनाक हथियार नहीं माना जा सकता है, जिससे गंभीर नुकसान की संभावना हो।हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ की जज विभा कंकनवाड़ी और न्यायमूर्ति संजय देशमुख ने 4 अप्रैल को अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता के चिकित्सा प्रमाणपत्र से पता चलता है कि दांतों के निशान से उसे केवल मामूली चोट लगी। इसी चोट के आधार पर महिला ने अप्रैल 2020 में एफआईआर दर्ज करवाई थी।
यह है मामला
थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक ससुराल पक्ष के साथ हाथापाई के दौरान एक रिश्तेदार ने महिला को काट लिया, जिससे उसे खतरनाक नुकसान पहुंचा। पुलिस के मुताबिक महिला की शिकायत के आधार पर आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता के अनुसार चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था।
हाईकोर्ट का फैसला
- मानवीय दांतों को खतरनाक हथियार नहीं कहा जा सकता।
- इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपियों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए केस को खारिज कर दिया।
- मामले में शिकायतकर्ता के मेडीकल सर्टिफिकेट से पता चलता है कि दांतों से केवल साधारण चोट लगी थी। इसके कारण यहां पर धारा 324 के तहत अपराध नहीं बनता है। ऐसे में ससुराल पक्ष या अभियुक्त पर केस चलाना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करना होगा।
क्या कहता है कानून
आपको बता दें भारतीय दंड संहिता की धारा 324 (खतरनाक हथियार का उपयोग करके चोट पहुंचाना) के तहत, चोट किसी ऐसे उपकरण से लगी होनी चाहिए जिससे मृत्यु या गंभीर नुकसान होने की आशंका हो अगर ऐसा नहीं है तो यह मामला नहीं बनता है
-
kaam ki baat2 years ago
LPG पर 1 साल और मिलेगी सब्सिडी
-
desh dunia2 years ago
बिल नहीं फाड़ते तो बच जाते!
-
Featured1 year ago
2024 MG Astor 9.98 लाख रुपए में हुई लॉन्च
-
nagpur samachar1 year ago
संघर्ष ही जीवन, बांटें सुख : डिडवानिया
-
Featured1 year ago
सीहोर में बनी फिल्म ‘व्हाट-ए-किस्मत’ 1 मार्च को होगी रिलीज
-
desh dunia1 year ago
राम मंदिर में लगे सोने के गेट की पहली तस्वीर देखी आपने?
-
maharashtra3 years ago
महाराष्ट्र में गर्मी का कहर, लू से 25 लोगों की हुई मौत, चंद्रपुर सबसे गर्म
-
Video1 year ago
एक से बढ़कर एक….