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‘अन्न हे पुर्णबह्म’

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  ‘गण गण गणात बोते’ चा सर्वांगसुंदर प्रयोग

नागपूर.अन्‍नाचा कधीही अपमान करू नका. अन्‍नाची नासाडी करू नका. ‘अन्‍न हे पूर्णब्रह्म’ आहे,  भूक भागण्‍यापुरतेच अन्‍न खा, असा संदेश ‘गण गण गणात बोते’ या महानाट्यातून देण्‍यात आला. खासदार सांस्‍कृतिक महोत्‍सवाच्‍या सहाव्‍या दिवशी भव्‍य मंचावर गीत, संगीत, नृत्‍य, चलचित्र असा संगम असलेल्‍या या महानाट्याने संत गजानन महाराजांच्‍या जीवनकार्याचा पट उलगडला.कार्यक्रमाला केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, संस्‍कार भारतीच्‍या अध्‍यक्ष कांचन गडकरी, प्रा. संजय भेंडे, संजय दुधे, सामाजिक कार्यकर्ते हरीश सारडा, विजय मोलोकर यांच्‍या उपस्‍थ‍िती दीपप्रज्‍वलन करण्‍यात आले. यावेळी नितीन गडकरी यांच्‍या हस्‍ते कलाकारांचा सत्‍कार करण्‍यात आला.

संपूर्ण सभागृह भावूक झाले

बैलगाडीतून श्री गजानन महाराज आगमन होताच पटांगणावर आतषबाजी आणि एकच उत्‍साह संचारला. काडीने चिलीम पेटवणे, कोरड्या विहिरीला पाणी लागणे आदीं चमत्कारिक प्रसंग प्रत्यक्ष मंचावर बघून प्रेक्षक थक्क झाले. एलएडी स्क्रीनवरील दृश्य आणि नाटकातील प्रसंग यांचा सुरेख मेळ साधत कलाकारांनी अतिशय तयारीने श्री गजानन महाराजांचे जीवनकार्य प्रेक्षकांसमोर जिवंत केले. प्रसंगानुरूप गीतांनी नाट्यरसिकांना खिळवून ठेवले. हे गज वंदना, गण गण गणात बोते, शंकराचे तांडव, चमत्कार घडला सारखी गीते, संगीत, नृत्य याची बहार आणली. गजानन महाराजांच्या समाधीच्या प्रसंगाने संपूर्ण सभागृह भावूक झाले.

150 कलाकारांचा सहभाग

‘गण गण गणात बोते’ या नाटकाची निर्मिती स्व. सचिन सराफ मेमोरियल ट्रस्टच्‍या अनघा सराफ व वृंदा सराफ यांची होती तर लेखक व दिग्दर्शक देवेंद्र बेलणकर होते. संयोजिका व सहदिग्दर्शक रुपाली कोंडेवार-मोरे या होत्‍या. गजानन महाराजांची भूमिका डॉ. पीयूष वानखेडे यांनी अतिशय ताकदीने सादर करून रसिकांना महाराजांच्या दर्शनाची प्रचिती दिली. नायक मध्ये 150 कलाकार सहभाग केले.

संगीत शैलेश दाणी यांचे, गीते मनोज साल्पेकर व शैलजा नाईक यांची होती तर संकलन मनोज पिदडी यांचे, रंगभूषा बाबा खिरेकर यांची होती. नृत्य दिग्दर्शन अमोल मोतेवार यांचे, प्रकाश योजना विशाल यादव यांची तर नेपथ्य सतीश काळबांडे यांचे होते. दिग्दर्शन सहाय्य अभिषेक बेल्लारवार व अमित सावरकर यांचे होते. प्रयोग व्यवस्थापनाची जबाबदारी अभय अंजीकर व दीपक गोरे यांनी पार पाडली. योगेश हटकर यांच्‍या स्पेशल इफेक्टमुळे नाटकात जीवंतपणा आला. नरेश गडेकर, मुकुंद वसुले आणि सारंग जोशी यांचेही नाटकासाठी विशेष सहकार्य लाभले.कार्यक्रमाचे सूत्रसंचालन रेणुका देशकर व अभिजीत मुळे यांनी केले.

उदयोन्‍मुख वादकांची सुरेल जुगलबंदी

खासदार सांस्‍कृत‍िक महोत्‍सवात उदयोन्‍मुख कलाकरांना संधी देण्‍यात येत आहे. याच शृंखलेत आज प्रसिद्ध संवादिनीवादक श्रीकांत पिसे यांच्‍या नेतृत्‍वातील चमूने विविध वाद्यांचे ‘फ्यूजन’ सादर केले. संवादिनी, तबला, ड्रम्‍स, शहनाई, सरोद, दिलरुबा या वाद्यांची सुरेल जुगलबंदी यावेळी चांगलीच रंगली.

संवादिनीवर श्रीकांत पिसे होते तर तबल्‍यावर राम खडसे, ड्रम्‍सवर कौस्‍तुभ घाटबांधे, शहनाईवर निखील खडसे, सरोद निरज ताटेकर, दिलरुबावर ऋषिकेश करमरकर यांनी अत‍िशय ताकदीने वादन केले. युवा वादकांचा नितीन गडकरी व कांचन गडकरी यांच्‍या हस्‍ते कलाकरांचा सत्‍कार करण्‍यात आला.

आज 3000 किलो खिचडीचा महाप्रसाद

खासदार सांस्‍कृतिक महोत्‍सवामध्‍ये ईश्‍वर देशमुख शारीरिक शिक्षक महाविद्यालयाच्‍या पटांगणात आज गुरुवार रोजी सकाळच्‍या सत्रात सकाळी 6.30 वाजता श्री गजानन विजय ग्रंथाचे पारायण होणार असून 3000 किलो खिचडीचा महाप्रसाद तयार केला जाणार आहे. या कार्यक्रमाला केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी यांची उपस्थिति राहणार आहे. गजानन महाराजांच्‍या पारायणाला सकाळी 6.30 वाजता प्रारंभ झाल्‍यानंतर प्रसिद्ध शेफ विष्‍णू मनोहर खिचडी करायला सुरुवात करतील.

आज महोत्‍सवात …

सायंकाळी 6.00 वाजता –  नशामुक्‍ती अभियानांतर्गत ‘मोहजाल’ पथनाट्य

सायंकाळी 6.30 वाजता –बेनी दयाल यांची ‘लाईव्‍ह इन कॉन्‍सर्ट’

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गडकरी की ‘विकास’ से टक्कर

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वेब डेस्क. नागपुर. लोकसभा चुनाव में नागपुर की प्रतिष्ठित सीट पर कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को चुनौती देते हुए नागपुर शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक विकास ठाकरे को उतार दिया है। नागपुर लोकसभा सीट पर कड़ी टक्कर है। संघ समेत देश की नजरें इस सीट पर गढ़ी हुईं हैं। अब देखना यह है कि क्या गडकरी तीसरी बार चुनकर अपनी हैट्रिक पूरी करेंगे या ठाकरे गडकरी का सपना भंग करके इतिहास रच देंगे? बता दें कि नागपुर लोकसभा में वर्ष 2014 और 2019 में गडकरी ने कांग्रेस नेता विलास मुत्तेमवार और नाना पटोले को पराजित कर विजय हासिल की थी।

असंतुष्ट बिगाड़ सकते हैं ‘खेला’

बताया जाता है कि पार्टी का एक गुट गडकरी के ही खिलाफ काम कर रहा है जबकि कांग्रेस में हाईकमान के आदेश के बाद गुटबाजी करने वाले नेता ठाकरे के नाम पर एक हो गए हैं। इनकी एकता विकासपुरूष को भारी पड़ सकती है। इसके अलावा जातिगत समीकरण भी जीत के लिए महत्वपूर्ण है। कुणबी, तेली, बौध्द और मुस्लिम समाज का गठजोड़ किसी भी प्रत्याशी की हार-जीत तय करेगा।

रामटेक से बर्वे को टिकट

कांग्रेस हाईकमान ने रश्मि बर्वे के फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आरोपों के बावजूद रश्मी बर्वे के नाम का घोषणा कर दी है।हालांकि मंगलवार को हाईकोर्ट में उनके मामले पर सुनवाई होनी है। इधर कांग्रेस विधायक राजू पारवे के शिंदे गुट में शामिल होने की चर्चा है जिसका गुट में जमकर विरोध किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो  पूर्व सांसद तुमाने की जगह पारवे को टिकट दिया जा सकता है। संभावना है कि आज यानी रविवार शाम होने वाली बैठक में इसकी घोषणा भी की जा सकती है।

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NAGPUR

नागपुरकरों के लिए शेयर ऑटो सुविधा

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महामेट्रो का नए साल का तोहफा

नागपुर. अब नागपुरकरों के लिए मेट्रो स्टेशन तक पहुंचना और यात्रा के बाद गंतव्य तक पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। क्योंकि अब महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने यात्रियों के लिए सोमवार से शेयर ऑटोरिक्शा की व्यवस्था कर दी है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के  प्रस्ताव को हाल ही में कलेक्टर की अध्यक्षता वाली परिवहन समिति ने मंजूरी दे दी है और नए साल में महामेट्रो द्वारा यह सेवा शुरू की जाएगी। इससे मेट्रो स्टेशन तक पहुंचना और मेट्रो से यात्रा कर गंतव्य तक पहुंचना बहुत सुविधाजनक हो जाएगा। यह नागपुर के लोगों के लिए नए साल का उपहार होगा। महामेट्रो नए साल में यात्रियों के लिए शेयर ऑटो सेवा शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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कांग्रेस MLA सुनील केदार को झटका

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बैंक घोटाले में 5 साल की सजा, 21 साल बाद आया फैसला

नागपुर. पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता सुनील केदार की मुश्किलें और बढ़ गईं हैं। बहुचर्चित नागपुर जिला बैंक घोटाला मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। नागपुर की विशेष अदालत ने कांग्रेस विधायक सुनील केदार और पांच अन्य को दोषी ठहराया है। जबकि सबूतों के अभाव में तीन अन्य को बरी कर दिया है। इस मामले में केदार को 5 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही 12.50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा है। नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) घोटाला मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने शुक्रवार को सावनेर से कांग्रेस विधायक सुनील केदार को 150 करोड़ रुपये के घोटाले में दोषी ठहराया है। घोटाले के अन्य आरोपियों को भी सजा सुनाई गई है। महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार में मंत्री रहे सुनील केदार से जुड़े इस मामले में दो दशक से अधिक समय बाद फैसला आया है।

केदार समेत 11 आरोपी थे मौजूद

 

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ज्योति पेखले-पुरकर की अदालत में दोषियों को सजा सुनाई गई। सुनवाई के दौरान केदार के अलावा अन्य आरोपी भी अदालत में मौजूद थे। जांच एजेंसी की चार्जशीट में केदार और 11 अन्य आरोपियों पर आईपीसी की धारा 406, 409, 468, 471, 120-बी और 34 के तहत आरोप लगाए गए थे। आरोपियों में बैंक के पूर्व महाप्रबंधक अशोक चौधरी, तत्कालीन मुख्य अकाउंटेंट सुरेश पेशकर, महेंद्र अग्रवाल, श्रीप्रकाश पोद्दार, सुबोध भंडारी, कानन मेवावाला, नंदकिशोर त्रिवेदी, अमित वर्मा और मुंबई के स्टॉकब्रोकर केतन सेठ शामिल हैं। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने अग्रवाल के मामले पर रोक लगाई थी, जबकि मेवावाला फरार है।

क्या है मामला

2002 में जब 150 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था तब कांग्रेस नेता बैंक के अध्यक्ष थे। सीआईडी के तत्कालीन उपाधीक्षक किशोर बेले इस घोटाले के जांच अधिकारी हैं। जांच पूरी कर उन्होंने 22 नवंबर 2002 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। तभी से विभिन्न कारणों से सुनवाई पूरी नहीं हो सकी और मामला लंबित था।

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