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निखिलेश बने अध्यक्ष, तरूण सचिव

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पी.आर.सी.आई के नागपुर चैप्टर को नए पदाधिकारी मिले

नागपुर.पब्लिक रिलेशंस काउंसिल ऑफ इंडिया (पी.आर.सी.आई) ने हाल ही में नागपुर चैप्टर के अपने नए पदाधिकारियों की घोषणा की है । निखिलेश सावरकर को अध्यक्ष का प्रभार सौंपा गया है, जबकि तरूण निर्बाण को चैप्टर के सचिव की जिम्मेदारी दी गई है।अभिषेक मोहगांवकर ने कोषाध्यक्ष का पदभार संभाला है तथा प्रीति धोपते को वाई.सी.सी (यंग कम्युनिकेटर्स क्लब) समन्वयक और बरखा मुणोत को मीडिया समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चैप्टर तथा जनसंपर्क एवं मीडिया बिरादरी के विकास को ध्यान में रखते हुए, टीम के सदस्यों को पी.आर.सी.आई के अध्यक्ष (महाराष्ट्र राज्य) तथा नागपुर चैप्टर के संस्थापक अध्यक्ष  आशीष तायल द्वारा नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं।

पेशेवरों के लिए पहला मंच

तायल ने कहा कि “पी.आर.सी.आई. जनसंपर्क एवं मीडिया पेशेवरों की एक अंतरराष्ट्रीय पेशेवर संस्था है। कौंसिल भारत भर में पचास से अधिक चैप्टरों और आठ अंतर्राष्ट्रीय चैप्टरों के माध्यम से कार्यरत है । पी.आर.सी.आई. उद्योग के पेशेवरों को उनके संबंधित कार्य क्षेत्रों में उच्च नैतिक मानकों को प्रोत्साहित करके अपने समुदाय की सेवा करने का अवसर प्रदान करता है और इस क्षेत्र में पेशेवरों को मान्यता प्रदान करने वाला पहला मंच है। यह प्रमुख नेटवर्क जनसंपर्क, मीडिया, वाणिज्यिक और सार्वजनिक सेवा विज्ञापन, मार्कोम, संचार अकादमी और छात्रों को जोड़ता है। तायल ने टीम के सदस्यों को उनकी नई जिम्मेदारियों के लिए बधाई दी और विश्वास जताया कि नागपुर चैप्टर के अनुभवी जनसंपर्क तथा मीडिया पेशेवरों की नई टीम आने वाले दिनों में नई उपलब्धि हासिल करेगी।

 तायल की 4 बड़ी बातें

  1. पी.आर.सी.आई विभिन्न ज्ञान साझाकरण और नेटवर्किंग कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है और अब तक देश के विभिन्न शहरों में 17 वैश्विक कम्युनिकेशन सम्मेलनों का आयोजन कर चुका है। हाल ही में सितंबर 2023 के दौरान दिल्ली में 17वां सम्मेलन आयोजित किया गया था ।
  2. साल दर साल, पी.आर.सी.आई की वार्षिक वैश्विक बैठक ने खुद को एक जनसंपर्क पेशेवरों के लिए अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय मंच के रूप में स्थापित किया है।

3.ग्लोबल कम्युनिकेशन कॉन्क्लेव के दौरान भारत और दुनिया भर से शीर्ष प्रदर्शन करने वाले उद्योगों/संगठनों के 500 से अधिक संचार व्यवसायी और निर्णय निर्माता जनसंपर्क और संचार के क्षेत्र में नवीनतम विकास, विचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए एकत्रित होते हैं।

4.पी.आर.सी.आई का नागपुर चैप्टर 2020 में लॉन्च किया गया था और इसने कौंसिल के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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गडकरी की ‘विकास’ से टक्कर

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वेब डेस्क. नागपुर. लोकसभा चुनाव में नागपुर की प्रतिष्ठित सीट पर कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को चुनौती देते हुए नागपुर शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक विकास ठाकरे को उतार दिया है। नागपुर लोकसभा सीट पर कड़ी टक्कर है। संघ समेत देश की नजरें इस सीट पर गढ़ी हुईं हैं। अब देखना यह है कि क्या गडकरी तीसरी बार चुनकर अपनी हैट्रिक पूरी करेंगे या ठाकरे गडकरी का सपना भंग करके इतिहास रच देंगे? बता दें कि नागपुर लोकसभा में वर्ष 2014 और 2019 में गडकरी ने कांग्रेस नेता विलास मुत्तेमवार और नाना पटोले को पराजित कर विजय हासिल की थी।

असंतुष्ट बिगाड़ सकते हैं ‘खेला’

बताया जाता है कि पार्टी का एक गुट गडकरी के ही खिलाफ काम कर रहा है जबकि कांग्रेस में हाईकमान के आदेश के बाद गुटबाजी करने वाले नेता ठाकरे के नाम पर एक हो गए हैं। इनकी एकता विकासपुरूष को भारी पड़ सकती है। इसके अलावा जातिगत समीकरण भी जीत के लिए महत्वपूर्ण है। कुणबी, तेली, बौध्द और मुस्लिम समाज का गठजोड़ किसी भी प्रत्याशी की हार-जीत तय करेगा।

रामटेक से बर्वे को टिकट

कांग्रेस हाईकमान ने रश्मि बर्वे के फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आरोपों के बावजूद रश्मी बर्वे के नाम का घोषणा कर दी है।हालांकि मंगलवार को हाईकोर्ट में उनके मामले पर सुनवाई होनी है। इधर कांग्रेस विधायक राजू पारवे के शिंदे गुट में शामिल होने की चर्चा है जिसका गुट में जमकर विरोध किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो  पूर्व सांसद तुमाने की जगह पारवे को टिकट दिया जा सकता है। संभावना है कि आज यानी रविवार शाम होने वाली बैठक में इसकी घोषणा भी की जा सकती है।

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नागपुरकरों के लिए शेयर ऑटो सुविधा

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महामेट्रो का नए साल का तोहफा

नागपुर. अब नागपुरकरों के लिए मेट्रो स्टेशन तक पहुंचना और यात्रा के बाद गंतव्य तक पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। क्योंकि अब महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने यात्रियों के लिए सोमवार से शेयर ऑटोरिक्शा की व्यवस्था कर दी है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के  प्रस्ताव को हाल ही में कलेक्टर की अध्यक्षता वाली परिवहन समिति ने मंजूरी दे दी है और नए साल में महामेट्रो द्वारा यह सेवा शुरू की जाएगी। इससे मेट्रो स्टेशन तक पहुंचना और मेट्रो से यात्रा कर गंतव्य तक पहुंचना बहुत सुविधाजनक हो जाएगा। यह नागपुर के लोगों के लिए नए साल का उपहार होगा। महामेट्रो नए साल में यात्रियों के लिए शेयर ऑटो सेवा शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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कांग्रेस MLA सुनील केदार को झटका

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बैंक घोटाले में 5 साल की सजा, 21 साल बाद आया फैसला

नागपुर. पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता सुनील केदार की मुश्किलें और बढ़ गईं हैं। बहुचर्चित नागपुर जिला बैंक घोटाला मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। नागपुर की विशेष अदालत ने कांग्रेस विधायक सुनील केदार और पांच अन्य को दोषी ठहराया है। जबकि सबूतों के अभाव में तीन अन्य को बरी कर दिया है। इस मामले में केदार को 5 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही 12.50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा है। नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) घोटाला मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने शुक्रवार को सावनेर से कांग्रेस विधायक सुनील केदार को 150 करोड़ रुपये के घोटाले में दोषी ठहराया है। घोटाले के अन्य आरोपियों को भी सजा सुनाई गई है। महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार में मंत्री रहे सुनील केदार से जुड़े इस मामले में दो दशक से अधिक समय बाद फैसला आया है।

केदार समेत 11 आरोपी थे मौजूद

 

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ज्योति पेखले-पुरकर की अदालत में दोषियों को सजा सुनाई गई। सुनवाई के दौरान केदार के अलावा अन्य आरोपी भी अदालत में मौजूद थे। जांच एजेंसी की चार्जशीट में केदार और 11 अन्य आरोपियों पर आईपीसी की धारा 406, 409, 468, 471, 120-बी और 34 के तहत आरोप लगाए गए थे। आरोपियों में बैंक के पूर्व महाप्रबंधक अशोक चौधरी, तत्कालीन मुख्य अकाउंटेंट सुरेश पेशकर, महेंद्र अग्रवाल, श्रीप्रकाश पोद्दार, सुबोध भंडारी, कानन मेवावाला, नंदकिशोर त्रिवेदी, अमित वर्मा और मुंबई के स्टॉकब्रोकर केतन सेठ शामिल हैं। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने अग्रवाल के मामले पर रोक लगाई थी, जबकि मेवावाला फरार है।

क्या है मामला

2002 में जब 150 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था तब कांग्रेस नेता बैंक के अध्यक्ष थे। सीआईडी के तत्कालीन उपाधीक्षक किशोर बेले इस घोटाले के जांच अधिकारी हैं। जांच पूरी कर उन्होंने 22 नवंबर 2002 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। तभी से विभिन्न कारणों से सुनवाई पूरी नहीं हो सकी और मामला लंबित था।

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