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एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को गोलियों से भूना
वेबडेस्क, मुंबई
राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले उस समय सनसनी फैल गई जब अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार को मुंबई में तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। गोली लगने के बाद उन्हें गंभीर हालत में मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया । मुंबई पुलिस ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि हमलावरों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि घटना के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है और हमलावरों की तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई है।
ऐसे मारी गोली
पुलिस के मुताबिक, तीन लोगों ने बांद्रा ईस्ट में बाबा सिद्दीकी को उस समय गोली मारी जब वह अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर थे। बताया जा रहा है कि उन्हें दो गोलियां लगी थीं। जीशान सिद्दीकी एनसीपी के मौजूदा विधायक हैं। मुंबई पुलिस ने आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके।
तीन बार एमएलए रह चुके हैं
इस साल फरवरी में सिद्दीकी ने कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे रिश्ते को खत्म कर दिया था और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में शामिल हो गए थे। वे मुंबई के बांद्रा-वेस्ट निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी रह चुके थे। वह 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार विधायक रहे और उन्होंने कांग्रेस सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए राज्य मंत्री (2004-08) के रूप में भी कार्य किया था।
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महायुति का सियासी ट्रैप बना कांग्रेस की मुश्किल
बचने बना रही है रणनीति
वेबडेस्क, maharashtrakhabar24.com
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे की खींचतान से रूबरू हो रहे महाविकास आघाड़ी गठबंधन के लिए ध्रुवीकरण के भाजपा के दांव से निपटना भी बड़ी चुनौती है. विशेषकर इस गठबंधन का अघोषित नेतृत्व कर रही कांग्रेस इस बात से सशंकित है कि लोकसभा चुनाव में सफलता का आधार बने उसके सामाजिक समीकरणों को दरकाने के लिए भाजपा ध्रुवीकरण को एक अहम चुनावी फैक्टर बनाने की कोशिश नहीं छोड़ेगी.इसके मद्देनजर ही पार्टी ने अपने नेताओं के साथ सभी सहयोगी दलों को इस बारे में आगाह करते हुए चुनाव प्रचार अभियान में महायुति के इस सियासी ट्रैप में नहीं आने की सलाह दी है.
टीका-टिप्पणी से बचने की सलाह
केंद्रीय और प्रदेश स्तर के तमाम नेताओं को कांग्रेस की ओर से दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि चुनावी माहौल की गरमारगमी में भी ऐसी कोई टीका-टिप्पणी न की जाए जिससे ध्रुवीकरण तेज हो.महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार वैसे तो पिछले कुछ सालों में यह कांग्रेस के सामान्य चुनावी सर्तकता प्रोटोकॉल का हिस्सा बन गया है मगर कांग्रेस नेताओं के अनुसार पिछले दो-तीन महीने के दौरान अमरावती से लेकर नासिक आदि में हुए घटनाक्रमों से साफ है कि भाजपा चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए हर संभव दांव चलती रहेगी.
”बंटगे तो कटेंगे” का खेल
एमआइएमआइएम के नेता असदुद्दीन औवेसी के समर्थकों को संवेदनशील माहौल में भी मुंबई में बाइक रैली निकालने की इजाजत देने के शिंदे सरकार के कदम को भी कांग्रेस इसी दांव का हिस्सा मान रही है. पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्तर पर महाराष्ट्र में जाकर ”बंटगे तो कटेंगे” का खुला अनुमोदन इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि कांग्रेस के सामाजिक समीकरण पर निशाना साधने के लिए ध्रुवीकरण का हथियार चलाने में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
ओबीसी छिटक सकता है.
महाराष्ट्र के प्रभावशाली मराठा समुदाय के साथ दलित-आदिवासी तथा अल्पसंख्यक वर्ग का 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर झुकाव का ही नतीजा रहा कि 13 लोकसभा सीट जीतकर राज्य में वह सबसे बड़ी पार्टी बन गई. शरद पवार की एनसीपी तथा उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी को भी इसका फायदा मिला. कांग्रेस की चिंता है कि विधानसभा चुनाव को मराठा बनाम ओबीसी बनाने का भाजपा का दांव चल गया तो पिछले चुनाव में साथ आया ओबीसी का एक हिस्सा भी उसे छिटक सकता है.
दांव चलती रहेगी बीजेपी
महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार वैसे तो पिछले कुछ सालों में यह कांग्रेस के सामान्य चुनावी सर्तकता प्रोटोकॉल का हिस्सा बन गया है मगर कांग्रेस नेताओं के अनुसार पिछले दो-तीन महीने के दौरान अमरावती से लेकर नासिक आदि में हुए घटनाक्रमों से साफ है कि भाजपा चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए हर संभव दांव चलती रहेगी.
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भारतीय अग्रवाल एकता क्लब का 22 वां पदारोहण समारोह संपन्न
Webdesk,maharashtrakhabar24.com
नागपुर. 14 अक्टूबर.
अग्रवालों की अग्रणीय संस्था भारतीय अग्रवाल एकता क्लब का 22 वां पदारोहण समारोह रविवार को 7 वचन लॉन, भंडारा रोड,वर्धमान नगर में संपन्न हुआ।पदारोहण समारोह के मुख्य अतिथि सूरत से पधारे सुप्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी मनोज कुमार आर गोयल , ट्रस्टी श्याम सेवा ट्रस्ट, सूरत एवं गेस्ट ऑफ ऑनर सुशील जी बंसल, संस्थापक एवम डायरेक्टर नोवासिस ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, नागपुर मंच पर विराजमान थे। सत्कार मूर्ति के रूप में सुप्रसिद्ध उद्योगपति एवं सामाजिक कार्यकर्ता सत्यनारायण जी अग्रवाल मंच पर आसीन थे।मंच पर पूर्व चेयरमैन, अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष एवम नव नियुक्त कार्यकारणी के चेयरमैन प्रकाश अग्रवाल, अध्यक्ष गिरीश लीलडिया, सचिव विजय सराफ, कोषाध्यक्ष दीपक अग्रवाल एवं वाइस चेयरमैन राजेश डी अग्रवाल उपस्थित थे।
नव नियुक्त अध्यक्ष ने ली शपथ
सर्वप्रथम मंच पर उपस्थित अतिथिगण एवं पदाधिकारीयों ने महाराजा श्री अग्रसेन जी की पूजा अर्चना एवं दीप प्रज्वलन किया। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ, शाल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर किया गया। अतिथियों का परिचय किरण सराफ, सुनीता महिपाल एवं तनीषा लिलाड़िया ने दिया। नव नियुक्त अध्यक्ष प्रकाश अग्रवाल को निवृत्तमान अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने शपथ दिलाई। नव नियुक्त अध्यक्ष गिरीश लिलाड़िया को निवृत्तमान अध्यक्ष सीए संजय अग्रवाल ने शपथ दिलाई।कोर कमेटी के सदस्यों सचिव विजय सराफ, कोषाध्यक्ष दीपक अग्रवाल, वॉइस चेयरमैन राजेश अग्रवाल, उपाध्यक्ष प्रथम मुरली महिपाल, उपाध्यक्ष द्वितीय सचिन अग्रवाल, सहसचिव सुशील धानुका,सह कोषाध्यक्ष सीए सचिन अग्रवाल एवं पीआरओ राज अग्रवाल को शपथ मुख्य अतिथि मनोज जी गोयल ने दिलाई। तत्पश्चात कार्यकारिणी के सदस्यों को पूर्व चेयरमैन अशोक जी गोयल ने शपथ दिलाई।नए ट्रस्टी सद्स्यों को सुशील जी बंसल ने, आजीवन सदस्यों को पूर्व चेयरमैन सीए शंभू दयाल टेकरीवाल एवं नए वार्षिक सदस्यों को पूर्व चेयरमैन गोपी किशन टीबड़ा जी ने शपथ दिलाई।
विद्यार्थियों का सम्मान
कार्यक्रम में सदस्यों के परिवार के उच्चांक प्राप्त विद्यार्थियों, प्रोफेशनल डिग्री धारकों का भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया।वर्ष भर सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिए एडवोकेट संजय अग्रवाल को विशेष ट्रॉफी पूर्व चेयरमैन अशोक गोयल, चेयरमेन प्रकाश अग्रवाल, अध्यक्ष गिरीश लिलाड़िया एवं सचिव विजय सराफ द्वारा प्रदान की गई।मंच संचालन शीतल गोयल, विश्वास सराफ, समता पोद्दार एवम प्रियांशी लिलडिया ने किया।कार्यक्रम की शुरुआत 7 वचन लॉन में शाम 5:00 बजे कार्निवल के साथ हुई। जिसमें सदस्य एवं उनके बच्चों के लिए जंपर, टैटू, नेल आर्ट, गन शूटिंग, 360 डिग्री सेल्फी इत्यादि के साथ शीतल गोयल, विश्वास सराफ, स्वीटी सराफ, ट्विंकल अग्रवाल ने विभिन्न गेम्स खिलाए। स्नैक्स व हाई टी का भी सभी ने आनंद लिया।भारतीय अग्रवाल एकता क्लब की स्थापना सेवा, संपर्क एवं संस्कार के उद्देश्यों के लिए हुई। संस्था द्वारा वर्ष भर सामाजिक कार्यक्रम एवं सदस्यों के लिए विभिन्न मनोरजन कार्यक्रम लिए जाते हैं।कार्यक्रम के संयोजक शरद जाजोदिया, अरुण झुनझुनवाला, अजय अग्रवाल, पवन अग्रवाल, रवि तुलस्यान, मनोज केड़िया, विश्वास सराफ, राहुल अग्रवाल, अंबर अग्रवाल, सीए अमित बरबरिया, संकेत अग्रवाल, सीए प्रणय जाजोदिया ने कार्यक्रम को सफल बनाने अथक प्रयास किया।
मेगा सांस्कृतिक वर्ष
संस्था के अध्यक्ष गिरीश लिलाड़िया ने कहा इस वर्ष संस्था अपने 21 वर्ष पूर्ण कर 22 में वर्ष में पदार्पण कर रही है, इसे हम मेगा सांस्कृतिक वर्ष के रूप में मनाने जा रहे हैं। जिसमे आर संदेश ग्रुप, प्लास्टो ग्रुप, नोवासिस ग्रुप, अमित अग्रवाल जी AAA ग्रुप, प्रिया एंटरप्राइजेज, श्याम सिस्टम आदि का सहयोग मिल रहा है।
कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु संस्था के सभी पूर्व चेयरमैन अशोक गोयल, राजीव चौधरी, प्रकाश गोयल, नरेंद्र पचेरीवाला, सुभाष अग्रवाल, जगदीश अग्रवाल हुंडी वाले, अजीत कुमार मित्तल, शैलेंद्र अग्रवाल, संदीप छापरिया, वेणुगोपाल अग्रवाल, सीए शंभू दयाल टेकरीवाल, गोपी किशन टीब़डा, राजेश गोयल, तुषार अग्रवाल, सूर्यकांत अग्रवाल, सीए राजेश मोदी, विशाल अग्रवाल एवम सभी कार्यकारिणी सदस्य एवं अग्र बंधुओं नए कार्यक्रम को सफल बनाने अथक प्रयास किया।। प्रसाद भोज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन सचिव विजय सर्राफ ने किया.
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बैठे-ठाले
और कितने बदलापुर सरकार ?
एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर घंटे 3 महिलाएं रेप का शिकार होती हैं, यानी हर 20 मिनट में 1. रेप के मामलों में 100 में से 27 आरोपियों को ही सजा होती है, बाकी बरी हो जाते हैं.ये आंकड़े बताते हैं कि सख्त कानून होने के बावजूद हमारे देश में रेप के मामलों में न तो कमी आ रही है और न ही सजा की दर यानी कन्विक्शन रेट बढ़ रहा है.महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों का जिक्र इसलिए, क्योंकि हाल-फिलहाल में रेप के बढ़ते मामलों ने देश को हिलाकर रख दिया है. कोलकाता में रेजिडेंट डॉक्टर की रेप और उसके बाद हत्या का मामला, बदलापुर कांड और एनकाउंटर चर्चा में बना हुआ है. रेप के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान होने के बावजूद 24 साल में पांच दुष्कर्मियों को ही फांसी की सजा मिली है. 2004 में धनंजय चटर्जी को 1990 के बलात्कार के मामले में फांसी दी गई थी. जबकि, मार्च 2020 में निर्भया के चार दोषियों- मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी. यही वजद है कि ऐसे अपराधियों में कानून का खौफ नहीं है. तभी तो बदलापुर एनकाउंटर के बाद भी महाराष्ट्र में लगभग हर दिन रेप की एक घटना सामने आ रही है. सबसे दुख की बात ये है कि मासूमों को शिकार बनाया जा रहा है. सवाल यह है कि सरकार और कितने बदलापुर का इंतजार कर रही है? राज्य में शक्ति लॉ कानून क्यों नहीं लागू करती?
शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक, 2020 (शक्ति विधेयक) दिसंबर 2020 में पेश किया गया था, पास भी हो गया. लेकिन सरकार ने इसे लटकाकर रखा है क्यों? चुनाव के इस माहौल में लाड़की बहनें क्यों नहीं इस कानून को लागू करने की मांग करती हैं? इस विधेयक में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध बलात्कार जैसे कुछ अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है. आंध्रप्रदेश में ऐसा ही कानून लागू किया गया है. आज इस विधेयक को राज्य में लागू करने की सबसे ज्यादा जरूरत है.
महाराष्ट्र में बढ़ रही है संपन्नता
महाराष्ट्र के आर्थिक हालात तेजी से सुधर रहें हैं. देश में बढ़ते निवेश का असर राज्य में देखने को मिल रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक यहां बीते 12 साल में प्रति व्यक्ति जीडीपी 64.5 बढ़कर 1.63 लाख रुपए हो गई है. प्रति व्यक्ति जीडीपी यानी प्रति व्यक्ति शुध्द राज्य उत्पादन. यह बताती है कि किसी राज्य में संपन्नता का स्तर कितना है? ग्रोथ या निवेश उन्हीं राज्यों में ज्यादा हो रहा है, जो पहले से बहुत अमीर हैं. इस मामले में ओडिशा ने हालात तेजी से सुधारे हैं.
बिहार आज भी 12 साल पुरानी स्थिति में है. यहां प्रति व्यक्ति जीडीपी सिर्फ 47 ही बढ़ी है. जो कि देश में सबसे कम है. 18 राज्यों में कनार्टक सबसे अमीर है. हरियाणा दूसरे और तेलंगाना तीसरे नंबर पर है. महाराष्ट्र का नंबर 5 वां है. यानी हम भी संपन्नता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहें हैं. अच्छी बात है.
व्यापारियों का दर्द
अब व्यापारी भी सरकारी योजनाओं के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं. क्योंकि वे मानते हैं कि सरकार का ध्यान टैक्स पेयर व्यापारी की तरफ़ से हटकर वोट बैंक की ओर ज़्यादा हो गया है जिससे उनकी समस्याएं बढ़ती जा रही है. टैक्सपेयर और व्यापारियों द्वारा भरे गए टैक्स से मुफ़्त रेवड़ियां बांटी जा रही है यानि मुफ़्त की राहत ज़्यादा बढ़ गई है जो सिरदर्द बनती जा रही है. इधर जीएसटी में सरकार रोज़ नए – नए प्रावधान ला रही है जिससे व्यापारी का ध्यान व्यापार से हटकर इन समस्याओं की ओर ज़्यादा जा रहा है. अब इनकी मांग है कि सरकार आयुष्मान भारत की तरह आयुष्मान व्यापारी योजना भी लागू करे. इन मांगों को लेकर व्यापारी डीसीएम फडणवीस से मिले भी है. आश्वासन तो मिला है, आगे देखिए क्या होता है?
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