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सीरियल चोरी को अंजाम देने वाले गिरफ्तार
आसिफाबाद ( रमेश सोलंकी): कुमरम भीम जिले के एसपी सुरेश कुमार आईपीएस ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में जिले में सीरियल चोरी करने वाले आरोपियों के विवरण का खुलासा किया।मंचरियाला जिले के तांडूर मंडल के ए1 बंदी नीलेश, ए2 दुला राजेशम और ए3 दुला नवीन इन तीनों दोस्तों ने पिछले कुछ महीनों से कई सोने और किराना दुकानों में चोरी की है। सोमवार की सुबह वांकीडी एएसआई डिकोंडा रमेश पुलिस कर्मियों के साथ निरीक्षण कर रहे थे। लांजन वीरा स्क्वायर के पास वाहन बुलेट में हेलमेट पहनकर जाने के संदेह में तीनों आरोपियों से पूछताछ की गई और उनके अपराध का खुलासा किया। उन्होंने कबूल किया कि उन्होंने मंचिरयाला जिले में चोरी के 6 मामले और कोमुराम भीम जिले में 6 मामले किए थे।
A1 कुछ समय पहले रेबेना गांव में बाइक मैकेनिक का काम करता था। बाइक मैकेनिक के रूप में काम करने से अर्जित धन का उपयोग अपने खर्चों को पूरा करने के लिए, उसने अपने दूर के रिश्तेदारों से संपर्क किया ए 2) दुला राजेश और उनके छोटे भाई ए 3) दुला नवीन और तीनों ने रात में घरों और दुकानों में सेंधमारी की। उनमें से जो पैसे मिले उसे बांटने का फैसला किया। पिछले साल से वे तीनों दिन में नीलेश की बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार हुए और घरों और दुकानों पर ताला लगा देखा। करते थे।ए 2) राजेशम बंदर टोपी, ए 3) नवीन अपने चेहरे पर एक रूमाल बांधता है , एक बंद घर या दुकान में जाता है, A3) नवीन बाहर से देखने का काम करता था।
उनसे संपर्क किया और इस मामले पर चर्चा की और फैसला किया कि वे तीनों रात में बंद घरों और दुकानों से चुराए गए पैसे को साझा करेंगे। यह देखते हुए कि वे बाहर नहीं आए, तीनों ने एक साथ बुलेट मोटरसाइकिल के ऊपर फावड़ा ले लिया, A1 हेलमेट पहने हुए, A2) राजेशम ने मंकी कैप पहनी हुई थी, A3) नवीन अपने चेहरे पर रूमाल बांधकर एक बंद घर या दुकान में जा रहा था, A3) नवीन देखता था कि कोई बाहर आ रहा है, तो A1 और A2 दो हैं। उन्होंने फावड़े से ताला तोड़ा और अंदर गए, तिजोरी तोड़ी और पैसे, चांदी, सोना चुरा लिया और पैसे को तीन पार्टियों में बांट दिया।
कुल 12 मामलों में 12 ताल 38 ग्राम सोना, 5 किलो चांदी 61 ग्राम और 8500 रुपये नकद बरामद किया गया है.
आसिफाबाद डीएसपी श्रीनिवास, वांकिडी सीआई श्रीनिवास, एसएसआई दीकोंडा रमेश और पुलिस स्टाफ जिला एसपी सुरेश कुमार आईपीएस ने उन्हें बधाई दी और चोरों को पकड़ने और मामले को सुलझाने के लिए नकद रिकॉर्ड सौंपा।
यदि कोई घर का मालिक त्योहार के दौरान गांव में जाता है, तो उन्हें स्थानीय पुलिस को सूचित करना चाहिए और प्रत्येक दुकानदार और घर के मालिक को सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए। एसपी ने कहा कि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति दिखे तो पुलिस को सूचना दें।
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वंदे भारत ट्रेन के सामने जा गिरीं MLA
वेबडेस्क, महाराष्ट्र खबर24
आगरा-बनारस वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने का कार्यक्रम अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया. ट्रेन को झंडी दिखाते समय भाजपा की इटावा सदर विधायक सरिता भदौरिया वंदे भारत ट्रेन के सामने जा गिरीं.
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अब आपको नहीं लगाने होंगे डॉक्टरों के चक्कर
हर डॉक्टर की होगी यूनिक ID
वेबडेस्क, महाराष्ट्र खबर24
अब आपको सही इलाज के लिए डॉक्टरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है. क्योकि हर डॉक्टर की यूनिक आईडी होगी जिससे आपको उस डॉक्टर के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध होगी. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बीमारी का सही इलाज हो सकेगा. आपको भटकना नहीं पड़ेगा.देश में अब हर डॉक्टर की एक अलग पहचान होगी. उन्हें एक यूनिक आईडी नंबर दिया जाएगा. सरकार ने सभी डॉक्टरों के लिए नेशनल मेडिकल रजिस्टर (एनएमआर) में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. डॉक्टरों को MBBS सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन और आधार कार्ड सबमिट करना होगा. इस पोर्टल को नेशनल मेडिकल कमीशन ने तैयार किया है.
इसलिए पड़ी जरूरत
नेशनल मेडिकल कमीशन के एक अधिकारी के मुताबिक, आज तक हमारे पास ऐसा कोई डेटा नहीं था, जो यह बता सके कि देश में कुल कितने डॉक्टर हैं. हालांकि, एक अनुमानित संख्या है, लेकिन सही आंकड़े अब पता चलेंगे. इसके अलावा कितने डॉक्टरों ने देश छोड़ दिया. कितने डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द हुआ. कितने डॉक्टरों की जान गई. ये सारी जानकारी अब एक पोर्टल पर दिखेगी. अधिकारी के मुताबिक, करीब 13 लाख से ज्यादा डॉक्टर इससे जुड़ सकते हैं.
रजिस्ट्रेशन शुरू, आप भी देख सकेंगे
डेटा नेशनल मेडिकल कमीशन के सचिव डॉ. बी श्रीनिवास ने कहा, पोर्टल पर तत्काल प्रभाव से डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन शुरु हो गया है. इसमें कुछ डेटा आम लोगों को दिखाई देंगा. बाकी जानकारी नेशनल मेडिकल कमीशन, स्टेट मेडिकल काउंसिल, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जॉमिनेशन, एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड और मेडिकल इंस्टीट्यूट को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार दिखाई देंगे.
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सजा माफ कराने वकीलों के झूठ से हलाकान सुप्रीम कोर्ट
जताई नाराजगी, कहा- हमारा विश्वास हिल गया है
वेब डेस्क, महाराष्ट्र खबर 24.दोषियों की सजा माफी और समय से पहले रिहाई कराने के लिए अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट में झूठे बयान दे रहे हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने कहा कि लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. इससे हमारा विश्वास हिल गया है. न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति आॅगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि पिछले तीन हफ्तों में उनके सामने ऐसे कई मामले आए हैं जहां दलीलों में गलत बयान दिए गए.पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अदालत में सजा में छूट न दिए जाने की शिकायत को लेकर बड़ी संख्या में याचिकाएं दायर की जा रही हैं. पिछले तीन सप्ताह में यह सातवां मामला हमारे सामने आया है, जिसमें दलीलों में गलत बयान दिए गए हैं. शीर्ष अदालत में पीठ के सामने रोज 60-80 मामले दर्ज होते हैं. जजों के लिए हर मामले के प्रत्येक पेज को पढ़ना संभव नहीं है. फिर भी हर मामले को करीब से देखा जाता है.
भरोसे पर काम करता है सिस्टम
पीठ ने कहा कि हमारा सिस्टम विश्वास पर काम करता है. जब हम मामलों की सुनवाई करते हैं तो हम बार के सदस्यों पर भरोसा करते हैं. लेकिन जब हमारे सामने इस तरह के मामले आते हैं, तो हमारा विश्वास हिल जाता है. कोर्ट ने कहा कि एक मामले में छूट की मांग के लिए दायर रिट याचिका में न केवल गलत बयान दिए गए हैं, बल्कि अदालत के समक्ष एक गलत बयान दिया गया. पीठ ने कहा कि समयपूर्व रिहाई के लिए आदेश मांगने वाली याचिका में अपराध की प्रकृति बहुत ही महत्वपूर्ण विचार है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह छूट के लिए मामलों को देखे और इसके बाद आदेश पारित करे.
दो उदाहरण भी दिए
1- याचिकाकतार्ओं के एडवोकेट ने जेल अधिकारियों को संबोधित 15 जुलाई, 2024 के ईमेल में झूठे बयान दोहराए. वकील इस स्थिति से अवगत थे. लेकिन 19 जुलाई, 2024 को एक गलत बयान दिया गया कि सभी याचिकाकतार्ओं सजा की अवधि समाप्त नहीं हुई है. याचिका में कहा गया था कि चार याचिकाकतार्ओं ने एक मामले में 14 साल की सजा बिना छूट के काट ली है. जबकि मामले में दिल्ली सरकार ने हलफनामा दायर किया था कि चार में से दो कैदियों ने सजा में छूट पाने के लिए 14 साल की सजा पूरी नहीं की है. पीठ ने कहा कि याचिका में गलत बयान दिया गया कि सभी चार याचिकाकतार्ओं ने वास्तविक 14 साल की सजा काट ली है.
2-हत्या के आरोप में दोषी पाए गए पांच अपराधियों को लेकर भी कोर्ट में गलत बयान दिए गए. याचिका में कहा गया था कि पांचों दोषियों को हत्या के आरोप में दोषी पाया गया है. जबकि अदालत ने पाया कि उनमें से दो को अन्य अपराधों के लिए भी दोषी ठहराया गया. एक को शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था और दूसरे को फिरौती के लिए अपहरण और सबूत नष्ट करने के अपराध के लिए भी दोषी ठहराया गया था.
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