desh dunia
जर्नलिस्टों की समस्याओं से लड़ेंगे : नागुनुरी शेखर
रमेश सोलंकी. आसिफाबाद. तेलंगाना वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नागुनुरी शेखर ने कहा कि वे पत्रकारों की समस्याओं पर टीयूडब्लूजे के नेतृत्व में समझौता नहीं करेंगे और जर्नलिस्टों की समस्याओं से लड़ेंगे। उन्होंने बुधवार को जिला केंद्र के एसएम गार्डन में आयोजित दूसरे टीयूडब्लूजे जिला सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संगठन ने पत्रकारों की समस्याओं पर संघर्ष करते हुए कई कुर्बानियां दी हैं और सफलता हासिल की है। शेखर ने कहा कि पत्रकारों की समस्याओं का समाधान टीयूडब्लूजे से ही होगा। उन्होंने पत्रकारों से एकजुट होने और अधिकारों की प्राप्ति के लिए लड़ने का आह्वान किया। इससे पहले के प्रदेश उपाध्यक्ष करुणाकर ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि पत्रकारों को अब तक घर नहीं दिया गया है।
उन्होंने कहा कि यह विडंबना ही है कि घोषणापत्र में पत्रकारों से किए गए वादे अब तक पूरे नहीं किए गए। इससे पहले तेलंगाना राजपत्रित अधिकारी संघ के संयुक्त जिला अध्यक्ष अजमेरा रेखाश्याम नाइक ने कहा कि पत्रकारों को एकजुट होकर समस्याओं का समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक चेतना और अपनी सेवाओं के साथ पत्रकारिता के पेशे में ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ काम करने वाले पत्रकार अमूल्य हैं. इस अवसर पर टीयूडब्ल्यूजे महासभा में आए अतिथियों का जिला विभाग की ओर से अभिनंदन कर स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। विभिन्न पत्रकार संघों से 30 पत्रकार TUWJ (IJ) में शामिल हुए हैं। इस सम्मेलन की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अब्दुल रहमान ने की। इस कार्यक्रम में जिला प्रत्यायन समिति सदस्य प्रकाश गौड़, जिला कोषाध्यक्ष अदापा सतीश, आइज़ौ परिषद सदस्य वेणुगोपाल, टीयूडब्लूजे राज्य परिषद सदस्य तिरुमाला चारी,टीयूडब्लूजे जिला नेताओं और अन्य ने भाग लिया।
टीयूडब्लूजे एवं महासचिवों का चुनाव
तेलंगाना स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन टीयूडब्लूजे ने सर्वसम्मति से कोमुराम भीम आसिफाबाद जिला कार्य समिति का चुनाव किया है। अब्दुल रहमान को टीयूडब्लूजे का जिला अध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष कृष्णम राजू, अब्दुल जमील, नवीन गौड़, चंद्रकांत, अनंतुला सुरेश, जिला महासचिव एस संपत कुमार, जिला कोषाध्यक्ष अदा सतीश, सहायक सचिव वी विनय कुमार, देवनुरी रमेश, प्रचार सचिव चीला नीतीश कुमार, कार्यकारी राधेसम, अहमद पाशा, वाराणसी श्रीनिवास, तिरुपति, सोमन्ना, रामदास जेड और पत्यम राजू को सर्वसम्मति से बोज्जा महेश सचिव के रूप में चुना गया। उन्होंने नवनिर्वाचित कार्यदल को बधाई दी।
मीडिया कार्यकारी समिति का चुनाव
टीयूडब्लूजे मीडिया विभाग की नई कार्यकारी समिति को सर्वसम्मति से चुना गया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अध्यक्ष के रूप में कोले बिक्काजी, उपाध्यक्ष के रूप में सहे राजेंद्र कुमार, महासचिव के रूप में रिजवान खान, पथ्यम रमेश, मदवी नागार्जुन उप महासचिव, दुर्गम राज कुमार आयोजन सचिव, अतराम रामू, हरीश रेड्डी नवाजिश हाशमी अली के प्रचार सचिव के रूप में। जलील बेग के कार्यकारी सचिव के रूप में जावजी संतोष,दुर्गम वेंकटेश, राजेश गौड़, रमेश, गिरीश सुद्दाम, जादम दत्ता, सरफराज और कैजर अली सर्वसम्मति से चुने गए।
desh dunia
वंदे भारत ट्रेन के सामने जा गिरीं MLA
वेबडेस्क, महाराष्ट्र खबर24
आगरा-बनारस वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने का कार्यक्रम अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया. ट्रेन को झंडी दिखाते समय भाजपा की इटावा सदर विधायक सरिता भदौरिया वंदे भारत ट्रेन के सामने जा गिरीं.
desh dunia
अब आपको नहीं लगाने होंगे डॉक्टरों के चक्कर
हर डॉक्टर की होगी यूनिक ID
वेबडेस्क, महाराष्ट्र खबर24
अब आपको सही इलाज के लिए डॉक्टरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है. क्योकि हर डॉक्टर की यूनिक आईडी होगी जिससे आपको उस डॉक्टर के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध होगी. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बीमारी का सही इलाज हो सकेगा. आपको भटकना नहीं पड़ेगा.देश में अब हर डॉक्टर की एक अलग पहचान होगी. उन्हें एक यूनिक आईडी नंबर दिया जाएगा. सरकार ने सभी डॉक्टरों के लिए नेशनल मेडिकल रजिस्टर (एनएमआर) में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. डॉक्टरों को MBBS सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन और आधार कार्ड सबमिट करना होगा. इस पोर्टल को नेशनल मेडिकल कमीशन ने तैयार किया है.
इसलिए पड़ी जरूरत
नेशनल मेडिकल कमीशन के एक अधिकारी के मुताबिक, आज तक हमारे पास ऐसा कोई डेटा नहीं था, जो यह बता सके कि देश में कुल कितने डॉक्टर हैं. हालांकि, एक अनुमानित संख्या है, लेकिन सही आंकड़े अब पता चलेंगे. इसके अलावा कितने डॉक्टरों ने देश छोड़ दिया. कितने डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द हुआ. कितने डॉक्टरों की जान गई. ये सारी जानकारी अब एक पोर्टल पर दिखेगी. अधिकारी के मुताबिक, करीब 13 लाख से ज्यादा डॉक्टर इससे जुड़ सकते हैं.
रजिस्ट्रेशन शुरू, आप भी देख सकेंगे
डेटा नेशनल मेडिकल कमीशन के सचिव डॉ. बी श्रीनिवास ने कहा, पोर्टल पर तत्काल प्रभाव से डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन शुरु हो गया है. इसमें कुछ डेटा आम लोगों को दिखाई देंगा. बाकी जानकारी नेशनल मेडिकल कमीशन, स्टेट मेडिकल काउंसिल, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जॉमिनेशन, एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड और मेडिकल इंस्टीट्यूट को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार दिखाई देंगे.
desh dunia
सजा माफ कराने वकीलों के झूठ से हलाकान सुप्रीम कोर्ट
जताई नाराजगी, कहा- हमारा विश्वास हिल गया है
वेब डेस्क, महाराष्ट्र खबर 24.दोषियों की सजा माफी और समय से पहले रिहाई कराने के लिए अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट में झूठे बयान दे रहे हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने कहा कि लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. इससे हमारा विश्वास हिल गया है. न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति आॅगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि पिछले तीन हफ्तों में उनके सामने ऐसे कई मामले आए हैं जहां दलीलों में गलत बयान दिए गए.पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अदालत में सजा में छूट न दिए जाने की शिकायत को लेकर बड़ी संख्या में याचिकाएं दायर की जा रही हैं. पिछले तीन सप्ताह में यह सातवां मामला हमारे सामने आया है, जिसमें दलीलों में गलत बयान दिए गए हैं. शीर्ष अदालत में पीठ के सामने रोज 60-80 मामले दर्ज होते हैं. जजों के लिए हर मामले के प्रत्येक पेज को पढ़ना संभव नहीं है. फिर भी हर मामले को करीब से देखा जाता है.
भरोसे पर काम करता है सिस्टम
पीठ ने कहा कि हमारा सिस्टम विश्वास पर काम करता है. जब हम मामलों की सुनवाई करते हैं तो हम बार के सदस्यों पर भरोसा करते हैं. लेकिन जब हमारे सामने इस तरह के मामले आते हैं, तो हमारा विश्वास हिल जाता है. कोर्ट ने कहा कि एक मामले में छूट की मांग के लिए दायर रिट याचिका में न केवल गलत बयान दिए गए हैं, बल्कि अदालत के समक्ष एक गलत बयान दिया गया. पीठ ने कहा कि समयपूर्व रिहाई के लिए आदेश मांगने वाली याचिका में अपराध की प्रकृति बहुत ही महत्वपूर्ण विचार है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह छूट के लिए मामलों को देखे और इसके बाद आदेश पारित करे.
दो उदाहरण भी दिए
1- याचिकाकतार्ओं के एडवोकेट ने जेल अधिकारियों को संबोधित 15 जुलाई, 2024 के ईमेल में झूठे बयान दोहराए. वकील इस स्थिति से अवगत थे. लेकिन 19 जुलाई, 2024 को एक गलत बयान दिया गया कि सभी याचिकाकतार्ओं सजा की अवधि समाप्त नहीं हुई है. याचिका में कहा गया था कि चार याचिकाकतार्ओं ने एक मामले में 14 साल की सजा बिना छूट के काट ली है. जबकि मामले में दिल्ली सरकार ने हलफनामा दायर किया था कि चार में से दो कैदियों ने सजा में छूट पाने के लिए 14 साल की सजा पूरी नहीं की है. पीठ ने कहा कि याचिका में गलत बयान दिया गया कि सभी चार याचिकाकतार्ओं ने वास्तविक 14 साल की सजा काट ली है.
2-हत्या के आरोप में दोषी पाए गए पांच अपराधियों को लेकर भी कोर्ट में गलत बयान दिए गए. याचिका में कहा गया था कि पांचों दोषियों को हत्या के आरोप में दोषी पाया गया है. जबकि अदालत ने पाया कि उनमें से दो को अन्य अपराधों के लिए भी दोषी ठहराया गया. एक को शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था और दूसरे को फिरौती के लिए अपहरण और सबूत नष्ट करने के अपराध के लिए भी दोषी ठहराया गया था.
-
kaam ki baat2 years ago
LPG पर 1 साल और मिलेगी सब्सिडी
-
desh dunia2 years ago
बिल नहीं फाड़ते तो बच जाते!
-
Featured10 months ago
2024 MG Astor 9.98 लाख रुपए में हुई लॉन्च
-
nagpur samachar1 year ago
संघर्ष ही जीवन, बांटें सुख : डिडवानिया
-
maharashtra3 years ago
महाराष्ट्र में गर्मी का कहर, लू से 25 लोगों की हुई मौत, चंद्रपुर सबसे गर्म
-
Featured9 months ago
सीहोर में बनी फिल्म ‘व्हाट-ए-किस्मत’ 1 मार्च को होगी रिलीज
-
desh dunia11 months ago
राम मंदिर में लगे सोने के गेट की पहली तस्वीर देखी आपने?
-
VIDHARBH2 years ago
विदर्भ के रंग में रंगे राहुल गांधी