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ऑनलाइन खाना आपको 60%  तक मिलता है महंगा  

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दिल्ली. यदि आप घर बैठकर खाना आर्डर करते हैं तो अब रेस्तरां जाने की आदत डाल लीजिए. क्योंकि स्वीगी-जोमैटो से खाना ऑर्डर करने पर  आपको 10 से लेकर 60%  तक एक्स्ट्रा कीमत चुकानी पड़ती है. अंतरराष्ट्रीय संस्था जेफरीज के दिल्ली समेत देशभर के आठ शहरों में 80 रेस्तरां पर किए  गए सर्वे में यह बात सामने आई है. 
 जो डिश आप रेस्तरां में बैठकर 100 रुपये में खाते हैं, फूड डिलीवरी ऐप पर वही डिश आपको 110 से 160 रुपये में मिल रही है.
कीमतों में अंतर के 3 कारण
पैकिंग : (बिल का 4-5% ), डिलीवरी शुल्क : ( 13%) , कमीशन :  (28 % तक)
छूट के बावजूद महंगा ऑनलाइन फूड
ऑनलाइन दाम में 10% तक की छूट मिल जाती है. उसके बावजूद यह कीमत ऑफलाइन से  17-18 % अधिक रहती हैं. (जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार)
फूड डिलिवरी ऐप्स के कमाई के 3 तरीके
1. रेस्टारेंट से मिलने वाला कमीशन. 2. ऐप पर मिलने वाले कमीशन से 3. कस्टमर डिलिवरी चार्जेस से
ऑनलाइन सामान महंगा क्यों
ऑनलाइन सामान 30 से 40 %  तक महंगा होता है. क्योंकि ऑनलाइन डिलीवरी कंपनियां  बिल पर 28 % तक कमीशन लेती हैं. इसके चलते  यह शुल्क ग्राहक से ही वसूला जाता है. – नामी रेस्तरां हैं, ज्यादा कीमत नहीं लेते. लेकिन इसकी जगह वह डिलीवरी चार्ज के रूप में 50 से 80 रुपये चार्ज कर लेते हैं. –  वहीं छोटे रेस्तरां से अगर सामान मंगवाया जाए तो वह 30 से 40 % तक महंगा पड़ता है.   
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अब ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी

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1 अक्टूबर से लागू होगी नई दरें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, हार्स रेसिंग और कैसिनो पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू करने का फैसला किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी की दर 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगी। इसे लागू होने के छह महीने बाद एक बार फिर से इसपर रिव्यू किया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग और हॉर्स रेसिंग पर 28% जीएसटी की समीक्षा अगले छह महीने में की जाएगी। बैठक में विदेशी गेमिंग कंपनियों पर भी सख्ती करने पर सहमति बनी है।

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बर्नआउट नहीं होने देते छोटे-छोटे ब्रेक्स

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अक्सर हम काम करते- करते थक जाते हैं, तो किसी पर भी झल्ला पचटते हैं, फोकस नहीं  कर पाते. इस दौरान बर्नआउट होना स्वाभाविक है. अपनी मेंटल हेल्थ को बनाए रखने  के लिए तनाव को दूर करना ज़रूरीहै. अक्सर देखा जाता है कि हम ऑफिस के काम को लेकर तनाव में रहते हैं. ऑफिस स्ट्रेस का  हमारी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है. जिसके कारण ढेरों बीमारियां और इंफेक्शन हमें घेर लेते हैं. माइंड को रिलैक्स रखने और वर्कप्लेस पर तनाव को दूर करने के लिए इन टिप्स को अपने रूटीन में शामिल करें-

ब्रेक जरूर  लें :  ऑफिस में लगातार काम करने से बचें. ब्रेक लेकर थोड़ा टहलें. इसके अलावा रिलैक्स होने के लिए सीधे खड़े होकर अपने हाथों को इधर-उधर घुमाएं. इस दौरान ऑफिस मे करने वाले सहयोगियों से बातचीत करें.

काम की लिस्ट  बना लें :  ऑफिस में कामों की सूची बना लें. इससे काम मे लगने वाला समय पता चल जाएगा. हर काम को बराबर समय मिल जाएगा और कोई काम भी नहीं छुटेगा. इससे तनाव कम हो जाएगा.

  काम पर फोकस : ऑफिस काम करने के दौरान कई तरह से आपका काम डिस्टर्ब होता है. इसमें फोन कॉल और ईमेल आना है. इसके बार-बार चेक करने से भी तनाव बढ़ता है. आप इसके लिए एक समय निर्धारित कर दें. जिससे आप अपने काम पर फोकस कर सकेंगे और तनाव से दूर रहेंगे.

पर्याप्त नींद जरूरी : ऑफिस के तनाव के कारण लोगों रात को नींद नहीं आती है. इससे आपका तनाव और ज्यादा बढ़ जाता है और साथ ही बीमार हो जाते हैं. इसलिए पर्याप्त नींद लेनी चाहिए. इससे तनाव कम हो जाता है.

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नोटबंदी नहीं, चलन से बाहर हो रहा है 2000 का नोट

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नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा – अफवाहों से दूर रहें

नागपुर. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 2000 रुपये के नोट पर फैसला लिया गयाहै. जिसके अनुसार 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर तो बना रहेगा, लेकिन इसे सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा। आरबीआई के इस फैसले को लेकर नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने एक अर्जेंट मीटिंग बुलाई।इस मीटिंग में अध्यक्ष गोविंद पसारी, पूर्व अध्यक्ष कैलाश जोगानी,सचिव तरुण निर्बाण. विजय जयसवाल,प्रदीप जाजू .विपिन पनपालिया.निक़िल काकानी.वसंत पालीवाल  सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

एनसीसीएल के पूर्व अध्यक्ष,सीए कैलाश जोगानी ने बताया कि 2000 रुपये के नोट को लेकर क‌ई तरह की चर्चाएं सोशल मीडिया पर चल रही है और इसे नोटबंदी बताया जा रहा है जबकि यह नोटबंदी नहीं है। 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर बना रहेगा। अतः व्यापारियों और आम लोगों को घबराने या परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है।जोगानी ने बताया कि 2016 में नोटबंदी के समय नोटों की कमी न होने देने, सर्कुलेशन बना‌ए रखने और लोगों को असुविधा से बचाने के लिए सरकार 2000 रुपये का नोट लाई थी। 2018-19 से ही आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट छापना बंद कर दिया था। आरबीआई ने बैंकों को यह सर्कुलर जारी कर दिया है कि अब बैंक विडरावल में 2000 रुपये के नोट नहीं देगा, लेकिन हमसे 2000 रुपये के नोट लेगा।आज किसी को भी 2000 रुपये के नोट को लेकर घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि व्यापारी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।व्यापारी अपने खातों में रोज की तरह 2000 रुपये के नोट भर सकते हैं। हां, जिन्हें 2000 रुपये के नोट बदलने हैं वे एक बार में 20,000 रुपये के नोट एक्सचेंज कर सकते हैं। इसके लिए भी 30 सितम्बर 2023 तक की अवधि दी गई है।

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