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नागपुर को मिली ‘वंदे भारत’ की सौगात
11 को PM दिखाएंगे हरी झंडी
नागपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिसंबर को नागपुर आ रहे हैं. इस दौरान वे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ‘वंदे भारत’ ट्रेन का तोहफा देंगे.यह ट्रेन बिलासपुर-नागपुर-बिलासपुर के बीच चलेगी और यह दूरी सिर्फ 5 घंटे में कवर करेगी. वंदे भारत पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से तैयार देश की पहली हाईस्पीड ट्रेन है. इसे चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में तैयार किया गया है. इसकी अधिकतम गति 180 किमी प्रति घंटा हो सकती है. हालांकि नागपुर और बिलासपुर के बीच यह 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी.
इसे पहले ‘ट्रेन18’ का नाम दिया गया था क्योंकि इसे देश के इंजीनियरों ने रिकॉर्ड 18 महीने में तैयार कर दिया था. बाद में इसका नाम बदलकर वंदे भारत एक्सप्रेस कर दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिसंबर को वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. यह ट्रेन नागपुर स्टेशन से दोपहर 14.15 बजे रवाना की जा सकती है. बिलासपुर-नागपुर-बिलासपुर वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रायल 9 और 10 दिसंबर को संभव है.
नागपुर – सोलापुर के बीच स्पेशल ट्रेन
क्रिसमस और न्यू ईयर को देखते हुए रेलवे ने नागपुर और सोलापुर के बीच साप्ताहिक स्पेशल ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है. ट्रेन संख्या 01433 स्पेशल 11 दिसंबर से 12 फरवरी तक प्रत्येक रविवार को सोलापुर से 20.20 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 13.05 बजे नागपुर पहुंचेगी. इसी प्रकार ट्रेन संख्या 01434 स्पेशल नागपुर से प्रत्येक सोमवार को 12 दिसंबर से 13 फरवरी तक चलेगी. यह ट्रेन 15.15 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 08.40 बजे सोलापुर पहुंचेगी.
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गडकरी की ‘विकास’ से टक्कर
वेब डेस्क. नागपुर. लोकसभा चुनाव में नागपुर की प्रतिष्ठित सीट पर कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को चुनौती देते हुए नागपुर शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक विकास ठाकरे को उतार दिया है। नागपुर लोकसभा सीट पर कड़ी टक्कर है। संघ समेत देश की नजरें इस सीट पर गढ़ी हुईं हैं। अब देखना यह है कि क्या गडकरी तीसरी बार चुनकर अपनी हैट्रिक पूरी करेंगे या ठाकरे गडकरी का सपना भंग करके इतिहास रच देंगे? बता दें कि नागपुर लोकसभा में वर्ष 2014 और 2019 में गडकरी ने कांग्रेस नेता विलास मुत्तेमवार और नाना पटोले को पराजित कर विजय हासिल की थी।
असंतुष्ट बिगाड़ सकते हैं ‘खेला’
बताया जाता है कि पार्टी का एक गुट गडकरी के ही खिलाफ काम कर रहा है जबकि कांग्रेस में हाईकमान के आदेश के बाद गुटबाजी करने वाले नेता ठाकरे के नाम पर एक हो गए हैं। इनकी एकता विकासपुरूष को भारी पड़ सकती है। इसके अलावा जातिगत समीकरण भी जीत के लिए महत्वपूर्ण है। कुणबी, तेली, बौध्द और मुस्लिम समाज का गठजोड़ किसी भी प्रत्याशी की हार-जीत तय करेगा।
रामटेक से बर्वे को टिकट
कांग्रेस हाईकमान ने रश्मि बर्वे के फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आरोपों के बावजूद रश्मी बर्वे के नाम का घोषणा कर दी है।हालांकि मंगलवार को हाईकोर्ट में उनके मामले पर सुनवाई होनी है। इधर कांग्रेस विधायक राजू पारवे के शिंदे गुट में शामिल होने की चर्चा है जिसका गुट में जमकर विरोध किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो पूर्व सांसद तुमाने की जगह पारवे को टिकट दिया जा सकता है। संभावना है कि आज यानी रविवार शाम होने वाली बैठक में इसकी घोषणा भी की जा सकती है।
NAGPUR
नागपुरकरों के लिए शेयर ऑटो सुविधा
महामेट्रो का नए साल का तोहफा
नागपुर. अब नागपुरकरों के लिए मेट्रो स्टेशन तक पहुंचना और यात्रा के बाद गंतव्य तक पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। क्योंकि अब महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने यात्रियों के लिए सोमवार से शेयर ऑटोरिक्शा की व्यवस्था कर दी है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के प्रस्ताव को हाल ही में कलेक्टर की अध्यक्षता वाली परिवहन समिति ने मंजूरी दे दी है और नए साल में महामेट्रो द्वारा यह सेवा शुरू की जाएगी। इससे मेट्रो स्टेशन तक पहुंचना और मेट्रो से यात्रा कर गंतव्य तक पहुंचना बहुत सुविधाजनक हो जाएगा। यह नागपुर के लोगों के लिए नए साल का उपहार होगा। महामेट्रो नए साल में यात्रियों के लिए शेयर ऑटो सेवा शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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कांग्रेस MLA सुनील केदार को झटका
बैंक घोटाले में 5 साल की सजा, 21 साल बाद आया फैसला
नागपुर. पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता सुनील केदार की मुश्किलें और बढ़ गईं हैं। बहुचर्चित नागपुर जिला बैंक घोटाला मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। नागपुर की विशेष अदालत ने कांग्रेस विधायक सुनील केदार और पांच अन्य को दोषी ठहराया है। जबकि सबूतों के अभाव में तीन अन्य को बरी कर दिया है। इस मामले में केदार को 5 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही 12.50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा है। नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) घोटाला मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने शुक्रवार को सावनेर से कांग्रेस विधायक सुनील केदार को 150 करोड़ रुपये के घोटाले में दोषी ठहराया है। घोटाले के अन्य आरोपियों को भी सजा सुनाई गई है। महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार में मंत्री रहे सुनील केदार से जुड़े इस मामले में दो दशक से अधिक समय बाद फैसला आया है।
केदार समेत 11 आरोपी थे मौजूद
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ज्योति पेखले-पुरकर की अदालत में दोषियों को सजा सुनाई गई। सुनवाई के दौरान केदार के अलावा अन्य आरोपी भी अदालत में मौजूद थे। जांच एजेंसी की चार्जशीट में केदार और 11 अन्य आरोपियों पर आईपीसी की धारा 406, 409, 468, 471, 120-बी और 34 के तहत आरोप लगाए गए थे। आरोपियों में बैंक के पूर्व महाप्रबंधक अशोक चौधरी, तत्कालीन मुख्य अकाउंटेंट सुरेश पेशकर, महेंद्र अग्रवाल, श्रीप्रकाश पोद्दार, सुबोध भंडारी, कानन मेवावाला, नंदकिशोर त्रिवेदी, अमित वर्मा और मुंबई के स्टॉकब्रोकर केतन सेठ शामिल हैं। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने अग्रवाल के मामले पर रोक लगाई थी, जबकि मेवावाला फरार है।
क्या है मामला
2002 में जब 150 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था तब कांग्रेस नेता बैंक के अध्यक्ष थे। सीआईडी के तत्कालीन उपाधीक्षक किशोर बेले इस घोटाले के जांच अधिकारी हैं। जांच पूरी कर उन्होंने 22 नवंबर 2002 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। तभी से विभिन्न कारणों से सुनवाई पूरी नहीं हो सकी और मामला लंबित था।
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