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गेम चेंजर होगी डिजिटल करेंसी : जोगानी

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नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स में चर्चा सत्र आयोजित

नागपुर . यहां चेंबर ऑफ कामर्स में डिजिटल रूपए पर विस्तृत चर्चा सत्र आयोजित किया गया। डिजिटल रुपए (ई-रूपी) के बारे में नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष सीए कैलास जोगानी ने विस्तार पूर्वक जानकारी दी। जोगानी ने कहां डिजिटल रुपया आने वाले समय में भारतीय अर्थव्वस्था में एक गेम चेंजर रहेगा तथा हमारी अर्थव्यवस्था, कर प्रणाली विनिमय व्यापार बैंकिंग सेक्टर आदि के लिए नया युग होगा। डिजिटल रूपया आने व पूर्णतः कियान्वित होते ही धीरे – धीरे कागजी रुपए खत्म हो जाएंगे। अब आने वाले समय में आर्थिक लेन-देन मोबाइल में रखे ई-वेलेट के जरिये होगा। जाहिर है कि यह कदम भारत के कई सेक्टर्स को नई दिशा देगा। भ्रष्टाचार कम होगा तथा जो भी रहेगा उसका स्वरूप एकदम नया होगा।

                जोगानी ने विस्तार से बताया कि रिजर्व बैंक ने 1 दिसंबर 2022 को रिटेल डिजिटल रूपया लॉन्च कर दिया है। रिटेल डिजिटल करेंसी के लिए यह पहला पायलट प्रोजेक्ट है। इस लांच के साथ भारत अपनी खुद की ब्लाकचेन लांच करने वाले कुछ चुनिंदा देशों में आ गया। बजट-22 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल रूपये को मार्च, 2023 के पहले लाँच करने की घोषणा की थी।        

                जोगानी ने बताया कि सीबीडीसी जिसे ई-रूपया का डिजिटल रूपया कहेंगे फिजिकल कॅश का रिप्लेसमेंट है जैसे किसी दूकान पर घर का किराणा या भाजी तरकारी लेने जाते हैं, तो कैश (नगदी) देते हैं अब ई रूपये का इस्तेमाल कर दुकान से ये सब खरीद सकेंगे। रिजर्व बैंक ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में डिजिटल रूपया को 1 दिसंबर 2022 से मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलरू और भुवनेश्वर में इसे लॉन्च कर दिया है और इसमें एसबीआई आई.सी. आई. बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैक शामिल है।  जोगानी ने कहा कि ई-रूपया आने के बाद सरकार का जो हर वर्ष करीब 5 हजार करोड रूपए नोट प्रिंटिंग पर खर्च होता है वह बचेगा। कैश-लेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, सरल और जल्द मनी ट्रांजेक्शन होंगे, कॉस्ट ऑफ ट्रांजेक्शन की कॉस्ट नहीं के बराबर होगी। फिजिकल कॅश के बदले ई रूपया हैडल करने में आसानी तथा स्कविरियटी रहेगी, कटे-फटे नोट तथा जाली करेंसी की दिक्कतें खत्म हो जाएगी।

कार्यक्रम की शुरूआत में नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष गोविंद पसारी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सबका स्वागत करते हुए कहा कि कुछ व्यापारिक भी एसोसिएशन की मांग पर हमने डिजिटल रुपए का कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने व्यापारियों और व्यापारिक एसोसिएसन से निवेदन किया कि, वे व्यापारिक विषय पर समस्या होने पर चैंबर को बताएं, ऐसे कार्यक्रम लिए जा सकते है। कार्यक्रम का संचालन सहसचिव विवेक मुरारका ने किया, आभार सचिव तरुण निर्बाण ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में उपाध्यक्ष प्रदीप जाजू, विजय जायस्वाल, कोषाध्यक्ष वसंत पालीवाल, सहसचिव विपिन पनपालिया, पूर्व अध्यक्ष भागीरथ मुरारका, विष्णुकुमार पचेरीवा‌ला, पुरुषोत्तम ठाकरे, वेणूगोपाल अग्रवाल, संजय पांडे, गिरीश लिलडिया, नाथाभाई पटेल, इंद्रजीत सिंग बवेचा, सुनील जेजानी, विंजय धाडीवाल, कमलेश रावलानी, गोपीकिशन सोनी, आदित्य जैन, नोविन गुप्ता, जीविन गुप्ता, विभिन्न व्यापारिक असोसिएशन के प्रतिनिधी एवम बड़ी संख्या में व्यापारी उपस्थित थे।

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गडकरी की ‘विकास’ से टक्कर

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वेब डेस्क. नागपुर. लोकसभा चुनाव में नागपुर की प्रतिष्ठित सीट पर कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को चुनौती देते हुए नागपुर शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक विकास ठाकरे को उतार दिया है। नागपुर लोकसभा सीट पर कड़ी टक्कर है। संघ समेत देश की नजरें इस सीट पर गढ़ी हुईं हैं। अब देखना यह है कि क्या गडकरी तीसरी बार चुनकर अपनी हैट्रिक पूरी करेंगे या ठाकरे गडकरी का सपना भंग करके इतिहास रच देंगे? बता दें कि नागपुर लोकसभा में वर्ष 2014 और 2019 में गडकरी ने कांग्रेस नेता विलास मुत्तेमवार और नाना पटोले को पराजित कर विजय हासिल की थी।

असंतुष्ट बिगाड़ सकते हैं ‘खेला’

बताया जाता है कि पार्टी का एक गुट गडकरी के ही खिलाफ काम कर रहा है जबकि कांग्रेस में हाईकमान के आदेश के बाद गुटबाजी करने वाले नेता ठाकरे के नाम पर एक हो गए हैं। इनकी एकता विकासपुरूष को भारी पड़ सकती है। इसके अलावा जातिगत समीकरण भी जीत के लिए महत्वपूर्ण है। कुणबी, तेली, बौध्द और मुस्लिम समाज का गठजोड़ किसी भी प्रत्याशी की हार-जीत तय करेगा।

रामटेक से बर्वे को टिकट

कांग्रेस हाईकमान ने रश्मि बर्वे के फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आरोपों के बावजूद रश्मी बर्वे के नाम का घोषणा कर दी है।हालांकि मंगलवार को हाईकोर्ट में उनके मामले पर सुनवाई होनी है। इधर कांग्रेस विधायक राजू पारवे के शिंदे गुट में शामिल होने की चर्चा है जिसका गुट में जमकर विरोध किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो  पूर्व सांसद तुमाने की जगह पारवे को टिकट दिया जा सकता है। संभावना है कि आज यानी रविवार शाम होने वाली बैठक में इसकी घोषणा भी की जा सकती है।

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नागपुरकरों के लिए शेयर ऑटो सुविधा

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महामेट्रो का नए साल का तोहफा

नागपुर. अब नागपुरकरों के लिए मेट्रो स्टेशन तक पहुंचना और यात्रा के बाद गंतव्य तक पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। क्योंकि अब महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने यात्रियों के लिए सोमवार से शेयर ऑटोरिक्शा की व्यवस्था कर दी है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के  प्रस्ताव को हाल ही में कलेक्टर की अध्यक्षता वाली परिवहन समिति ने मंजूरी दे दी है और नए साल में महामेट्रो द्वारा यह सेवा शुरू की जाएगी। इससे मेट्रो स्टेशन तक पहुंचना और मेट्रो से यात्रा कर गंतव्य तक पहुंचना बहुत सुविधाजनक हो जाएगा। यह नागपुर के लोगों के लिए नए साल का उपहार होगा। महामेट्रो नए साल में यात्रियों के लिए शेयर ऑटो सेवा शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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कांग्रेस MLA सुनील केदार को झटका

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बैंक घोटाले में 5 साल की सजा, 21 साल बाद आया फैसला

नागपुर. पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता सुनील केदार की मुश्किलें और बढ़ गईं हैं। बहुचर्चित नागपुर जिला बैंक घोटाला मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। नागपुर की विशेष अदालत ने कांग्रेस विधायक सुनील केदार और पांच अन्य को दोषी ठहराया है। जबकि सबूतों के अभाव में तीन अन्य को बरी कर दिया है। इस मामले में केदार को 5 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही 12.50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा है। नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) घोटाला मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने शुक्रवार को सावनेर से कांग्रेस विधायक सुनील केदार को 150 करोड़ रुपये के घोटाले में दोषी ठहराया है। घोटाले के अन्य आरोपियों को भी सजा सुनाई गई है। महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार में मंत्री रहे सुनील केदार से जुड़े इस मामले में दो दशक से अधिक समय बाद फैसला आया है।

केदार समेत 11 आरोपी थे मौजूद

 

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ज्योति पेखले-पुरकर की अदालत में दोषियों को सजा सुनाई गई। सुनवाई के दौरान केदार के अलावा अन्य आरोपी भी अदालत में मौजूद थे। जांच एजेंसी की चार्जशीट में केदार और 11 अन्य आरोपियों पर आईपीसी की धारा 406, 409, 468, 471, 120-बी और 34 के तहत आरोप लगाए गए थे। आरोपियों में बैंक के पूर्व महाप्रबंधक अशोक चौधरी, तत्कालीन मुख्य अकाउंटेंट सुरेश पेशकर, महेंद्र अग्रवाल, श्रीप्रकाश पोद्दार, सुबोध भंडारी, कानन मेवावाला, नंदकिशोर त्रिवेदी, अमित वर्मा और मुंबई के स्टॉकब्रोकर केतन सेठ शामिल हैं। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने अग्रवाल के मामले पर रोक लगाई थी, जबकि मेवावाला फरार है।

क्या है मामला

2002 में जब 150 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था तब कांग्रेस नेता बैंक के अध्यक्ष थे। सीआईडी के तत्कालीन उपाधीक्षक किशोर बेले इस घोटाले के जांच अधिकारी हैं। जांच पूरी कर उन्होंने 22 नवंबर 2002 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। तभी से विभिन्न कारणों से सुनवाई पूरी नहीं हो सकी और मामला लंबित था।

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