maharashtra
आसमान से बरसेगी आफत
अगले 4-5 दिन तक राज्य में बहुत भारी बारिश की संभावना
मुंबई. महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से बारिश तेज हो गई है। मुंबई, ठाणे, कोंकण, नागपुर और विदर्भ के कई जिलों समेत महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भारी बारिश हुई है। मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बारिश की वजह से कई इलाकों में पानी भर गया है। अंधेरी सब-वे को भी जलभराव के कारण बंद करना पड़ा है। इसके साथ-साथ कई बसों के रुट्स डायवर्ट किये गये हैं। उधर, मौसम विभाग की तरफ से बताया गया है कि मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में शुक्रवार तक बारिश के आसार हैं। लोगों को फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विज्ञान विभाग ने अगले दो दिनों के लिए देश की वित्तीय राजधानी समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इधर कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र में नदियां उफान पर हैं। इस बीच, मौसम विभाग ने अगले चार से पांच दिनों तक राज्य में मूसलाधार से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। फिलहाल मुंबई, ठाणे, नागपुर में मूसलाधार बारिश हो रही है। राज्य में पिछले एक महीने में बारिश के चलते 65 से ज्यादा लोगों की मौत की सूचना है।
पालघर में बाढ़ से दो लोग बहे
महाराष्ट्र के पालघर जिले में गुरुवार को भारी बारिश के बाद घर का एक हिस्सा गिरने से दो लोग बाढ़ के पानी में बह गए और एक व्यक्ति घायल हो गया। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि भारी बारिश के कारण पालघर के विभिन्न तालुकों में कम से कम 32 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए।
इधर बारिश का कहर
उत्तर भारत से लेकर दक्षिण तक में मौसम अपना कहर बरपा रहा है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, हिमाचल प्रदेश,असम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई इलाकों में बारिश से लोगों का जीना बेहाल है। मॉनसून की दस्तक के साथ ही इन राज्यों में जलजले की तस्वीरें सामने आ रही हैं। मौसम के कहर से कई लोगों की मौत की सूचना भी है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक कई राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया है। एनडीआरएफ टीमों को राहत बचाव कार्य के लिए लगाया गया है। राज्य सरकारें लोगों से सुरक्षित रहने की अपील कर रही हैं।
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सियासी पारे में उतार-चढ़ाव….3.7% ज्यादा मतदान
विधानसभा चुनाव : वोटरों में दिखा जमकर उत्साह
Web desk, maharshtrakhabar24.com,नागपुर.
प्रदेश में लोकतंत्र का उत्सव बुधवार को संपन्न हो गया. इस बार मतदाताओं में जमकर जोश दिखा. इसका असर वोटिंग के प्रतिशत पर भी साफ दिखाई दिया.राज्य में मतदान का आंकड़ा 65.1 फीसदी को पार कर गया . 2019 विधानसभा चुनाव में 61.4 प्रतिशत मतदान हुआ था. यानी 3.7% की बढ़ोत्तरी हुई. इतना ही नहीं इस बार महाराष्ट्र में पिछले 30 साल में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई है. इससे पहले साल 1995 में राज्य में 71.69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. खास बात है कि वोटिंग में 2024 लोकसभा चुनाव का रिकॉर्ड भी टूटा है. उस दौरान राज्य में 61.39 प्रतिशत मतदान हुआ था.
यह है वजह
राज्य में भारी मतदान की वजह एमवीए और महायुति के तेज प्रचार को माना जा रहा है. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक ओर जहां महायुति ने 42.1 फीसदी और महाविकास अघाड़ी ने 43.91 फीसदी वोट हासिल किए थे. सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी हैं. जबकि, एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी एसपी है.
अपने-अपने दावे
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है, ‘जब भी मतदान में इजाफा होता है, तो भाजपा को राजनीतिक लाभ होता है. यह साबित हो चुका है कि पिछले चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ा है. यह भाजपा और महायुति दोनों की मदद करेगा.’
वहीं, कांग्रेस चीफ नाना पटोले ने एमवीए की जीत का दावा किया है. उन्होंने कहा, ‘विधानसभा चुनावों में लोगों में खासा उत्साह था और महाराष्ट्र के स्वाभिमानी नागरिक उस सरकार को चुनेंगे, जो राज्य के कल्याण को प्राथमिकता देता है. जनता की प्रतिक्रिया के मद्देनजर कांग्रेस राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी. महाविकास अघाड़ी का सरकार बनाना तय है.
वोटर्स की संख्या में इजाफा
खास बात है कि राज्य में मतदाताओं की संख्या में भी खासा इजाफा हुआ है. 2019 में राज्य में वोटर 8.85 करोड़ थे, जो अब बढ़कर 9.69 करोड़ हो गए हैं. ऐसे में मतदाताओं की संख्या भी चुनाव के नतीजों में बड़ी भूमिका निभाती है.
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महायुति का सियासी ट्रैप बना कांग्रेस की मुश्किल
बचने बना रही है रणनीति
वेबडेस्क, maharashtrakhabar24.com
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे की खींचतान से रूबरू हो रहे महाविकास आघाड़ी गठबंधन के लिए ध्रुवीकरण के भाजपा के दांव से निपटना भी बड़ी चुनौती है. विशेषकर इस गठबंधन का अघोषित नेतृत्व कर रही कांग्रेस इस बात से सशंकित है कि लोकसभा चुनाव में सफलता का आधार बने उसके सामाजिक समीकरणों को दरकाने के लिए भाजपा ध्रुवीकरण को एक अहम चुनावी फैक्टर बनाने की कोशिश नहीं छोड़ेगी.इसके मद्देनजर ही पार्टी ने अपने नेताओं के साथ सभी सहयोगी दलों को इस बारे में आगाह करते हुए चुनाव प्रचार अभियान में महायुति के इस सियासी ट्रैप में नहीं आने की सलाह दी है.
टीका-टिप्पणी से बचने की सलाह
केंद्रीय और प्रदेश स्तर के तमाम नेताओं को कांग्रेस की ओर से दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि चुनावी माहौल की गरमारगमी में भी ऐसी कोई टीका-टिप्पणी न की जाए जिससे ध्रुवीकरण तेज हो.महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार वैसे तो पिछले कुछ सालों में यह कांग्रेस के सामान्य चुनावी सर्तकता प्रोटोकॉल का हिस्सा बन गया है मगर कांग्रेस नेताओं के अनुसार पिछले दो-तीन महीने के दौरान अमरावती से लेकर नासिक आदि में हुए घटनाक्रमों से साफ है कि भाजपा चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए हर संभव दांव चलती रहेगी.
”बंटगे तो कटेंगे” का खेल
एमआइएमआइएम के नेता असदुद्दीन औवेसी के समर्थकों को संवेदनशील माहौल में भी मुंबई में बाइक रैली निकालने की इजाजत देने के शिंदे सरकार के कदम को भी कांग्रेस इसी दांव का हिस्सा मान रही है. पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्तर पर महाराष्ट्र में जाकर ”बंटगे तो कटेंगे” का खुला अनुमोदन इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि कांग्रेस के सामाजिक समीकरण पर निशाना साधने के लिए ध्रुवीकरण का हथियार चलाने में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
ओबीसी छिटक सकता है.
महाराष्ट्र के प्रभावशाली मराठा समुदाय के साथ दलित-आदिवासी तथा अल्पसंख्यक वर्ग का 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर झुकाव का ही नतीजा रहा कि 13 लोकसभा सीट जीतकर राज्य में वह सबसे बड़ी पार्टी बन गई. शरद पवार की एनसीपी तथा उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी को भी इसका फायदा मिला. कांग्रेस की चिंता है कि विधानसभा चुनाव को मराठा बनाम ओबीसी बनाने का भाजपा का दांव चल गया तो पिछले चुनाव में साथ आया ओबीसी का एक हिस्सा भी उसे छिटक सकता है.
दांव चलती रहेगी बीजेपी
महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार वैसे तो पिछले कुछ सालों में यह कांग्रेस के सामान्य चुनावी सर्तकता प्रोटोकॉल का हिस्सा बन गया है मगर कांग्रेस नेताओं के अनुसार पिछले दो-तीन महीने के दौरान अमरावती से लेकर नासिक आदि में हुए घटनाक्रमों से साफ है कि भाजपा चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए हर संभव दांव चलती रहेगी.
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एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को गोलियों से भूना
वेबडेस्क, मुंबई
राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले उस समय सनसनी फैल गई जब अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार को मुंबई में तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। गोली लगने के बाद उन्हें गंभीर हालत में मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया । मुंबई पुलिस ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि हमलावरों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि घटना के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है और हमलावरों की तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई है।
ऐसे मारी गोली
पुलिस के मुताबिक, तीन लोगों ने बांद्रा ईस्ट में बाबा सिद्दीकी को उस समय गोली मारी जब वह अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर थे। बताया जा रहा है कि उन्हें दो गोलियां लगी थीं। जीशान सिद्दीकी एनसीपी के मौजूदा विधायक हैं। मुंबई पुलिस ने आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके।
तीन बार एमएलए रह चुके हैं
इस साल फरवरी में सिद्दीकी ने कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे रिश्ते को खत्म कर दिया था और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में शामिल हो गए थे। वे मुंबई के बांद्रा-वेस्ट निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी रह चुके थे। वह 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार विधायक रहे और उन्होंने कांग्रेस सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए राज्य मंत्री (2004-08) के रूप में भी कार्य किया था।
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