नोटबंदी नहीं, चलन से बाहर हो रहा है 2000 का नोट

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नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा – अफवाहों से दूर रहें

नागपुर. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 2000 रुपये के नोट पर फैसला लिया गयाहै. जिसके अनुसार 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर तो बना रहेगा, लेकिन इसे सर्कुलेशन से बाहर कर दिया जाएगा। आरबीआई के इस फैसले को लेकर नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने एक अर्जेंट मीटिंग बुलाई।इस मीटिंग में अध्यक्ष गोविंद पसारी, पूर्व अध्यक्ष कैलाश जोगानी,सचिव तरुण निर्बाण. विजय जयसवाल,प्रदीप जाजू .विपिन पनपालिया.निक़िल काकानी.वसंत पालीवाल  सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

एनसीसीएल के पूर्व अध्यक्ष,सीए कैलाश जोगानी ने बताया कि 2000 रुपये के नोट को लेकर क‌ई तरह की चर्चाएं सोशल मीडिया पर चल रही है और इसे नोटबंदी बताया जा रहा है जबकि यह नोटबंदी नहीं है। 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर बना रहेगा। अतः व्यापारियों और आम लोगों को घबराने या परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है।जोगानी ने बताया कि 2016 में नोटबंदी के समय नोटों की कमी न होने देने, सर्कुलेशन बना‌ए रखने और लोगों को असुविधा से बचाने के लिए सरकार 2000 रुपये का नोट लाई थी। 2018-19 से ही आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट छापना बंद कर दिया था। आरबीआई ने बैंकों को यह सर्कुलर जारी कर दिया है कि अब बैंक विडरावल में 2000 रुपये के नोट नहीं देगा, लेकिन हमसे 2000 रुपये के नोट लेगा।आज किसी को भी 2000 रुपये के नोट को लेकर घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि व्यापारी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।व्यापारी अपने खातों में रोज की तरह 2000 रुपये के नोट भर सकते हैं। हां, जिन्हें 2000 रुपये के नोट बदलने हैं वे एक बार में 20,000 रुपये के नोट एक्सचेंज कर सकते हैं। इसके लिए भी 30 सितम्बर 2023 तक की अवधि दी गई है।

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