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यूक्रेन पर हमला/ देश के 15 हजार मेडिकल स्टूडेंटस पर पड़ रहा है भारी

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भावी डॉक्टर दोराहे पर, बढ़ीं मुश्किलें

नई दिल्ली.यूक्रेन पर रूस के हमले से देश के करीब 15 हजार एमबीबीएस विद्यार्थियों को नई परेशानी का सामना करना पड़ रहा  है जिसके कारण इनके भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है. भारत लौटे इन विद्यार्थियों को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमएसी) ने देश के मेडिकल कॉलेजों में समायोजित करने से इनकार कर दिया है.

इसका असर राज्य के एक हजार से अधिक विद्यार्थियों पर पड़ा है.एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद संकट काल में इन विद्यार्थियों को पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत लौटना पड़ा था.राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने 30 जून तक डिग्री या डिप्लोमा पूरा करने वाले छात्रों को फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भाग लेने की छूट दी है, लेकिन जिनकी डिग्री पूरी नहीं हुई है, उनके लिए आगे की पढ़ाई मुश्किल है.

यूक्रेन से लौटने के दौरान कहा गया था कि इनको भारत में ही समायोजित किया जाएगा. आवश्कता पड़ी तो फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंसिएट रेगुलेशन एक्ट में बदलाव पर भी विचार होगा. लेकिन एनएमसी ने विद्यार्थियों को एडजस्ट करने की अनुमति नहीं दी है.

दूसरे देशों में दोगुना है खर्चा

इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 और नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत यूक्रेन से लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स को देश के मेडिकल कॉलेजों में ट्रांसफर किया जा सके. इन्हें जॉर्जिया, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, रूस, हंगरी, पौलेंड सहित अन्य देश पढ़ाई पूरी करने के लिए निमंत्रण तो दे रहे हैं, लेकिन मेडिकल फीस, वीजा और रहने-खाने का खर्चा यूक्रेन से लगभग दोगुना हो रहा है. युद्ध और बढ़ने की आशंका के कारण विद्यार्थी वहां जाने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहे हैं.

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PM मोदी ने द्वारका में लगाई आस्था की डुबकी

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श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी के किए दर्शन

द्वारका. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के द्वारका में समुद्र में गहरे पानी के अंदर गए और भगवान श्रीकृष्ण की नगरी के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि यह एक दिव्य अनुभव था। उन्होंने उस स्थान पर प्रार्थना की जहां जलमग्न द्वारका नगरी है। उन्होंने कहा कि इस अनुभव ने मेरे सामने भारत की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक जड़ों के साथ एक दुर्लभ और गहरा संबंध प्रस्तुत किया।

पीएम मोदी अपने साथ भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करने के लिए समुद्र के अंदर मोर पंख लेकर गए थे। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘पानी में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें’। इसके बाद उन्होंने ओखा को बेट द्वारका से  जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु का लोकार्पण किया। उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया।

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19 साल से ‘लटका’ है पुल

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सरकारें बदलीं पर, किस्मत नहीं बदली

बरसात में लोग जान हथेली पर रखकर नदी को पार करते हैं

आसिफाबाद. रमेश सोलंकी. कुमरम भीम आसिफाबाद मंडल में गुंडी के ग्राम में नदी पर पुल का निर्माण अधूरा होने के कारण  ग्रामीणों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गुंडीवागु पुल का निर्माण 2005 में शुरू हुआ था।  करीब 19 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक पुल लटका हुआ है। ग्रामवासियों को आसिफाबाद जाने-आने के लिए  नाव में बैठकर नदी पार करनी पड़ती है।

आसिफाबाद से गुंडी ग्राम जाने के लिए ग्रामीण ऑटो और बाइक नदी किनारे खड़ी करके तैरकर भी आना-जाना करते हैं। बारिश के मौसम मेंआसिफाबाद के कोमराम भीम प्रोजेक्ट के पानी का स्तर बढ़ने पर नदी में पानी का स्तर बढ़ जाता है। जिसके कारण  ग्रामीणों को आसिफाबाद को आने के लिए और आसिफाबाद से गुंडी ग्राम को जाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

नाव से आना – जाना पड़ता है 

ग्राम वासियों को नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है। नाव वाले ₹20 प्रति व्यक्ति से वसूलते हैं। हर साल न केवल गुंडी गांव के लोगों को बल्कि नंदुपा, चोरपल्ली, कनारगाम और अन्य गांवों के लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छात्र और मरीज बहुत परेशान है। नदी के दोनों और ऑटो वाले सवारियों का इंतजार करते हुए दिखाई देते हैं। जो बाइक से गांव जाने वाले बाइक को नदी किनारे  खड़ा करके नदी पार करके अपने गांव जाते हैं। उनको रात में  यह डर सताता है कि उनकी बाइक चोरी न हो जाए।

चुनाव के बाद भूल जाते हैं नेता

ग्राम वासियों का कहना है कि चुनाव के समय में नेता पुल का निर्माण कार्य पूर्ण करने का वादा करके ग्राम वासियों से वोट मांगते हैं और चुनाव जीतने के बाद गायब हो जाते हैं। ग्रामीणों ने सरकार से अनुरोध किया है कि पुल का निर्माण जल्दी करें।

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अभी तक की बड़ी खबरें

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विशेष बुलेटिन में आपका स्वागत है। अभी तक की टॉप 6 खबरें जो सुर्खियों में रहीं।

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