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अब ढाल – तलवार पर बवाल

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चुनाव चिन्ह पर सिख समुदाय ने जताई आपत्ति

मुंबई. अब शिंदे गुट के चुनाव चिन्ह पर बवाल मच गया है। बता दें कि  चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को ‘बालासाहेब की शिवसेना’ नाम देकर ढाल और तलवार का चुनाव चिन्ह दिया है। शिंदे गुट के इस प्रतीक पर सिख समुदाय ने आपत्ति जताई है। चुनाव आयोग ने ठाकरे गुट को मशाल का निशान दिया है. जबकि शिंदे समूह को ढाल और तलवार का प्रतीक दिया. नांदेड़ के सिख समुदाय ने इस प्रतीक पर आपत्ति जताई है।

सचखंड गुरुद्वारा बोर्ड के पूर्व रंजीत सिंह कामठेकर ने इस संबंध में चुनाव आयोग को बयान भेजा है।का मठेकर ने मांग की है कि इस प्रतीक का इस्तेमाल चयनात्मक प्रतीक के रूप में नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह प्रतीक खालसा समुदाय के धार्मिक प्रतीक से मेल खाता है। उन्होंने यह घोषणा चुनाव आयोग को भी भेजी है।  शिंदे समूह ने सूर्य चिन्ह मांगा था,लेकिन यह नहीं दिया गया क्योंकि यह मिजोरम राष्ट्रीय पार्टी और द्रमुक से संबंधित था।  ढाल- तलवार पीपुल्स डेमोक्रेटिक मूवमेंट का प्रतीक था। लेकिन 2004 में जब से उस पार्टी को डीलिस्ट किया गया, शिंदे समूह के गुट को 2 तलवार और एक ढाल का प्रतीक मिला है।

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एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को गोलियों से भूना

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वेबडेस्क, मुंबई

राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले उस समय सनसनी फैल गई जब अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार को मुंबई में तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। गोली लगने के बाद उन्हें गंभीर हालत में मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया । मुंबई पुलिस ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि हमलावरों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि घटना के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है और हमलावरों की तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई है।

ऐसे मारी गोली

पुलिस के मुताबिक, तीन लोगों ने बांद्रा ईस्ट में बाबा सिद्दीकी को उस समय गोली मारी जब वह अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर थे। बताया जा रहा है कि उन्हें दो गोलियां लगी थीं। जीशान सिद्दीकी एनसीपी के मौजूदा विधायक हैं। मुंबई पुलिस ने आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके।

तीन बार एमएलए रह चुके हैं

इस साल फरवरी में सिद्दीकी ने कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे रिश्ते को खत्म कर दिया था और अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में शामिल हो गए थे। वे मुंबई के बांद्रा-वेस्ट निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भी रह चुके थे। वह 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार विधायक रहे और उन्होंने कांग्रेस सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए राज्य मंत्री (2004-08) के रूप में भी कार्य किया था।

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कहीं बाहर जाने से पहले ये खबर जरूर पढ़ें

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63 डिपो बंद, यात्री बेहाल

एसटी कर्मचारियों की राज्यव्यापी हड़ताल जारी

मुंबई, वेब डेस्क,महाराष्ट्र खबर24. महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारी मंगलवार से वेतन वृद्धि करने और अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर है. यह हड़ताल बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहने से परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं. खासकर गणेश उत्सव से पहले हुई इस हड़ताल से लाखों यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतन और राज्य क्षेत्र के अपने समकक्षों के समान वेतनमान समायोजन की मांग कर रहे हैं.

त्योहार स्पेशल बसें भी बंद

एमएसआरटीसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि 11 ट्रेड यूनियनों की कार्य समिति द्वारा आहूत हड़ताल के कारण निगम के कुल 251 बस डिपो में से 63 बस डिपो पूरी तरह बंद रहे और 73 बस डिपो आंशिक रूप से बंद रहे, जबकि शेष 115 पूरी तरह संचालित रहे. हड़ताल के कारण राज्य भर में यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. नियमित सेवाओं के अलावा, एमएसआरटी की गणेश उत्सव के लिए विशेष बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है. एमएसआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न समूहों द्वारा बुक की गईं 4,300 सेवाओं सहित कुल पांच हजार अतिरिक्त ‘त्यौहार विशेष बसें’ तीन से सात सितंबर के बीच मुंबई, ठाणे और पालघर खंडों से संचालित करने की योजना थी. बुधवार को एक हजार से अधिक ऐसी बसें कोंकण के लिए रवाना होने वाली थीं.एमएसआरटीसी प्रशासन ने कहा कि एक औद्योगिक अदालत ने हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है और ट्रेड यूनियनों तथा कर्मचारियों को काम पर लौटने का निर्देश दिया है. निगम ने स्थानीय प्राधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ड्यूटी पर आने के इच्छुक कर्मचारियों के काम में बाधा डालने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें तथा ऐसी घटनाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग करें. हड़ताल के प्रभाव को देखते हुए, एमएसआरटीसी निर्बाध सेवा सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक अनुबंधों पर चालकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति पर विचार कर रहा है.

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लाडली बहिनों की ‘सीक्रेटस’ लीक

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धुले में गोपनीय जानकारी की लिस्ट आई सामने

डॉ. एस. शर्मा, नागपुर.विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने एमपी की तर्ज पर लाडकी बहिन योजना शुरू की है. लेकन यह योजना विवादों में फंसती जा रही है. स्कीम को लेकर अब एक नया मामला सामने आया है.

धुले महा नगर पालिका में इस योजना के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं की गोपनीय जानकारी लीक हो गई है. मनपा के एक वार्ड की  लिस्ट लीक हुई है जिसमें बहनों की सभी व्यक्तिगत जानकारयों का उल्लेख है. बता दें कि इस योजना के लिए  भरवाए जा रहे फार्म में लाडकी बहनों का पूरा डाटा मांगा जा रहा है. जिसमें उनका नाम, पूरा पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, ससुराल  का नाम, पता आदि सभी व्यक्तिगत व गोपनीय जानकारी हैं. शिवसेना ठाकरे समूह के प्रवक्ता किशोर तिवारी का कहना है कि यह इसकी गहन जांच की जानी चाहिए.

आईटी कानूनों का उल्लंघन

शिवसेना ठाकरे समूह के प्रवक्ता किशोर तिवारी का कहना है कि यह एक गंभीर मामला है. सरकार द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए एप्लीकेशन में गोपनीय जानकारी साझा करना आईटी कानूनों की धारा 43, 71,व 72 का उल्लंघन है. इसकी गहन जांच की जानी चाहिए.

विपक्ष को मिला मुद्दा

विपक्ष अब इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है. शिवसेना (यूबीटी) नेता  किशोर तिवारी  का कहना है कि आईटी कानूनों की धाराओं के उल्लंघन पर 1 लाख रुपए दंड या मुआवजे का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि  मैंने मुख्य सचिव सुजाता सौनिक के नाम कानूनी नोटिस जारी किया है.  इस मामले की पूरी जांच करने  और  मुआवजा देने की मांग की है.

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