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RSS के गढ़ से कांग्रेस ने फूंका चुनावी बिगुल

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  किसी से डरना नहीं है : राहुल

वेब डेस्क, नागपुर.कांग्रेस  ने लोकसभा चुनाव  के लिए ‘मैं तैयार हूं’कैंपेन शुरू किया है।गुरुवार को  नागपुर में  हुई रैली में कांग्रेस के सभी शीर्ष नेता जुटे । इस दौरान  राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि किसी से डरना नहीं है, ये विचारधारा की लड़ाई है, हम साथ हैं और आगे महाराष्ट्र में चुनाव जीतने जा रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हमें आरएसएस की विचारधारा को हटाना है। ये विचारधारा दलितों और महिलाओं से भेदभाव करती है।

 किस पर , क्या बोले राहुल

आरएसएस

राहुल गांधी ने कहा- लोग सोचते हैं कि आजादी की लड़ाई केवल अंग्रेजों के खिलाफ थी। नहीं, यह लड़ाई राजाओं और शासकों के खिलाफ भी थी। राजाओं की अंग्रेजों के साथ साझेदारी थी। कांग्रेस ने भी एक लड़ाई लड़ी। कांग्रेस ने आरएसएस की भेदभाव वाली विचारधारा को बदला। आगे भी हम लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि आज वे राष्ट्रीय ध्वज के सामने खड़े होकर सलामी देते हैं। लेकिन उन्होंने कई सालों तक तिरंगे को सलामी नहीं दी।

गांधी-नेहरू

“कुछ लोग कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने क्या किया? अगर आप आजादी से पहले इस देश में आये थे तो 500-600 राजा थे, अंग्रेज थे। भारतीय लोगों को कोई अधिकार नहीं था।  यदि राजा को किसी गरीब की जमीन अच्छी लगती तो राजा एक क्षण में वह जमीन ले लेता था। कांग्रेस ने इसे बदला। नए कानून बनाए। अब ये सभी अधिकार संविधान द्वारा संरक्षित हैं। इसे बनाने के लिए आंबेडकरजी , गांधीजी, नेहरू जी ने कड़ी मेहनत की है। ये कांग्रेस पार्टी ने दिया है। आरएसएस के लोग इसके ख़िलाफ़ थे।

अग्निवीर

कुछ दिन पहले कुछ युवक मेरे पास आए और बोले राहुल जी, अग्निवीर योजना से पहले हम सेना में भर्ती हुए थे। डेढ़ लाख युवाओं को सेना और वायुसेना ने स्वीकार किया। मोदी सरकार ने अग्निवीर योजना लागू की और डेढ़ लाख युवाओं को सेना में भर्ती नहीं होने दिया। ये युवक मेरे सामने रो रहे थे। वे कह रहे थे कि सरकार ने हमारी जिंदगी बर्बाद कर दी है। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं का पेट सोशल मीडिया से नहीं भरेगा।

ओबीसी

भारत को 90 लोग चलाते हैं। बजट आईएएस अधिकारी तय करते हैं। मैंने संसद में पूछा कि कितने ओबीसी हैं? कितने दलित हैं? कितनी जनजातियाँ हैं? भाजपाइयों के पास कोई जवाब नहीं था। राहुल ने कहा देश में कम से कम 50 प्रतिशत ओबीसी, 15 प्रतिशत दलित और 12 प्रतिशत आदिवासी हैं। लेकिन 90 अधिकारियों में से केवल 3 ही ओबीसी हैं। देश की शीर्ष 100-200 कंपनियों में ओबीसी कौन है? दलित कौन है? आदिवासी कौन है? मुझे यह बताओ।

creadit : Indian National Congress

खरगे ने दिया मराठी में भाषण

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मराठी में भाषण देते हुए कहा कि नागपुर में एक तरफ दीक्षाभूमि है और दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जन्मस्थान भी। प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का झंडा लेकर चल रहे हैं। यदि हम संघ के विचारों को अपनाने वाली भाजपा सरकार को नहीं रोक पाए तो देश में लोकतंत्र बर्बाद हो जाएगा।

बाबा साहब अंबेडकर द्वारा बनाया गया संविधान अमान्य हो जाएगा। उन्होने कहा कि हमें संसद के भीतर बोलने की आज़ादी नहीं है। हमने सिर्फ इतना पूछा था कि घुसपैठिये संसद में कैसे घुसे? युवक संसद में घुसे तो इसके पीछे कौन था? बीजेपी के पास जारी करने वाले सांसद को बचाने के लिए विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

नागपुर से कांग्रेस का  खास कनेक्शन

कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र और नागपुर कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ हुआ करता था। कांग्रेस पार्टी के कई महत्वपूर्ण अधिवेशन पूर्व में नागपुर में हो चुके हैं। यही से साल 1959 में इंदिरा गांधी को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पास हुआ था, जबकि आजादी के आंदोलन में भी नागपुर की बड़ी भूमिका रही है।

नागपुर को संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की दीक्षा स्थली के रूप में भी जाना जाता है। साल 2014 के बाद से लगातार कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां देश के संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप मोदी सरकार पर लगाती रही है। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले अपनी स्थापना दिवस के मौके पर नागपुर को ही अपनी चुनावी अभियान स्थली के रूप में चुनना कांग्रेस की दूरगामी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

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300 स्टूडेंटस को लगाया करोड़ों का चूना

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एजेंसी, महाराष्ट्र खबर 24.पुणे, 16 जुलाई

इन दिनों देश में कोचिंग संस्थानों में धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. यहां की एफआईआईटीजेडईई कोचिंग क्लास में में JEE की तैयारी कराई जाती थी, जहां 300 से ज्यादा बच्चों ने एडमिशन लिया था. यहां JEE के अलावा 8वीं से 12वीं की तैयारी भी कराई जाती थी. ये कोचिंग सेंटर पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में मौजूद था जो अचानक बंद हो गया. जब लोग पहुंचे तो वहां चौकीदार के अलावा कोई नहीं मिला. इसके बाद इन सभी अभिभावकों और बच्चों ने सेंटर के खिलाफ नजदीकी चिंचवाड़ पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की एफआईआर  दर्ज कराई. उन्होंने पुलिस को बताया कि फिटजी कोचिंग सेंटर हमसे लाखों रुपए लेकर भाग गया है.रिपोर्ट के मुताबिक कोचिंग सेंटर हर बच्चे से 2.5 लाख रुपए फीस लेता था.

देश भर में 60 से अधिक सेंटर 

शिकायतकर्ताओं के अनुसार देश भर में 60 से अधिक फिटजी कोचिंग सेंटर कोचिंग सेंटर हैं. ऐसे में सभी अन्य बच्चों और अभिभावकों को सतर्क रहना चाहिए. पुलिस को पता चला कि अलग-अलग जगहों पर मौजूद कोचिंग सेंटर फर्जीवाड़ा करके फरार हो गए हैं. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है ताकि आरोपियों की तलाश की जा सके और उचित कार्रवाई की जा सके.

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गडकरी की ‘विकास’ से टक्कर

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वेब डेस्क. नागपुर. लोकसभा चुनाव में नागपुर की प्रतिष्ठित सीट पर कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को चुनौती देते हुए नागपुर शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक विकास ठाकरे को उतार दिया है। नागपुर लोकसभा सीट पर कड़ी टक्कर है। संघ समेत देश की नजरें इस सीट पर गढ़ी हुईं हैं। अब देखना यह है कि क्या गडकरी तीसरी बार चुनकर अपनी हैट्रिक पूरी करेंगे या ठाकरे गडकरी का सपना भंग करके इतिहास रच देंगे? बता दें कि नागपुर लोकसभा में वर्ष 2014 और 2019 में गडकरी ने कांग्रेस नेता विलास मुत्तेमवार और नाना पटोले को पराजित कर विजय हासिल की थी।

असंतुष्ट बिगाड़ सकते हैं ‘खेला’

बताया जाता है कि पार्टी का एक गुट गडकरी के ही खिलाफ काम कर रहा है जबकि कांग्रेस में हाईकमान के आदेश के बाद गुटबाजी करने वाले नेता ठाकरे के नाम पर एक हो गए हैं। इनकी एकता विकासपुरूष को भारी पड़ सकती है। इसके अलावा जातिगत समीकरण भी जीत के लिए महत्वपूर्ण है। कुणबी, तेली, बौध्द और मुस्लिम समाज का गठजोड़ किसी भी प्रत्याशी की हार-जीत तय करेगा।

रामटेक से बर्वे को टिकट

कांग्रेस हाईकमान ने रश्मि बर्वे के फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आरोपों के बावजूद रश्मी बर्वे के नाम का घोषणा कर दी है।हालांकि मंगलवार को हाईकोर्ट में उनके मामले पर सुनवाई होनी है। इधर कांग्रेस विधायक राजू पारवे के शिंदे गुट में शामिल होने की चर्चा है जिसका गुट में जमकर विरोध किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो  पूर्व सांसद तुमाने की जगह पारवे को टिकट दिया जा सकता है। संभावना है कि आज यानी रविवार शाम होने वाली बैठक में इसकी घोषणा भी की जा सकती है।

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5 सीटों पर NDA में नहीं बन रही बात

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वेब डेस्क. नागपुर . पांच सीटों को लेकर एनडीए में रस्साकशी चल रही है। बता दें कि  महाराष्ट्र में 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है। लेकिन अभी भी इन सीटों पर उठापटक जारी है। इन सीटों को लेकर शिंदे की शिवसेना और बीजेपी में तनाव बढ़ता ही जा रहा है।

यहां फंस रहा  पेंच

अमरावती : बीजेपी या बासी?

महाराष्ट्र की अमरावती सीट को लेकर शिंदे की शिवसेना और बीजेपी के बीच टसल चल रही है। उप मुख्यमंत्री फडणवीस ने साफ कह दिया है कि अमरावती से बीजेपी उम्मीदवार ही मैदान में उतरेगा। वहीं शिवसेना  नेता आनंदराव बासी अमरावती सीट पर अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। दोनों के लिए ये सीट लिए अहम है।

रामटेक : क्या पार्वे को मिलेगी टिकट?

यह सीट फिलहाल शिंदे की पार्टी शिवसेना के पास है और कृपाल तुमाने यहां से सांसद हैं। बीजेपी यहां से राजू पार्वे को टिकट देने के मूड में है। लेकिन शिंदे की शिवसेना अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है।

वाशिम-यवतमाल : भावना गवली को फिर मिलेगी टिकट?

वाशिम-यवतमाल में शिंदे गुट निवर्तमान शिवसेना सांसद भावना गवली को फिर से टिकट देने पर अड़ी हुई है।जबकि बीजेपी चाहती है कि या तो शिंदे के मंत्री संजय राठौड़ को उम्मीदवार बनाया जाए या फिर यहां से बीजेपी का उम्मीदवार चुनाव लड़े।

सतारा : अजित पवार या उदयन राजे?

अजित पवार घोषणा कर चुके हैं कि सतारा लोकसभा सीट से उनकी पार्टी का उम्मीदवार मैदान में उतरेगा। वहीं बीजेपी के उदयन राजे चाहते हैं कि सतारा से वे स्वंय चुनाव लड़ें।

छत्रपति संभाजीनगर : भुमरे और कराड़ा में से कौन?

छत्रपति संभाजीनगर सीट पर शिवसेना और बीजेपी दोनों ही पार्टियां अपना- अपना दावा कर रही हैं। शिंदे गुट से मंत्री संदीप भुमरे के चुनावी मैदान में उतरने की चर्चा है तो वहीं बीजेपी से भागवत कराड़ा के चुनाव लड़ने की उम्मीद है। बता दें कि कुछ दिन पहले जब गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र दौरे पर आए थे तब उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर सीट से बीजेपी का उम्मीदवार होने का संकेत दिया था.

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