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दिल्ली में मंथन, महाराष्ट्र में अनशन

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फिर से जोर पकड़ेगा मराठा आरक्षण

नई दिल्ली. आरक्षण की मांग को लेकर मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल गुरुवार को एक बार फिर  भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं, उधर सीएम  शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस  गुरुवार दोपहर ही अचानक दिल्ली  पहुंचे। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर बैठक हुई। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस भी उपस्थित थे। बैठक में महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर मंथन हुआ। राजनाथ सिंह बैठक में लगभग एक घंटे तक उपस्थित रहे।

गरमाई राजनीति

मराठा आरक्षण को लेकर एक बार फिर राज्य का माहौल गरमा गया है। मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल फिर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। मंत्री गिरीश महाजन ने सुबह  जारांगे को फोन किया और उनसे अनशन खत्म करने का अनुरोध किया। लेकिन मनोज  अपना अनशन वापस लेने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब तक मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता तब-तक वह अपनी भूख हड़ताल वापस नहीं लेंगे।

घिरी शिंदे सरकार

मुख्यमंत्री शिंदे ने दशहरा सभा भाषण के दौरान  माइक छोड़कर मंच पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने चले गये थे।  उन्होंने सबसे पहले छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के सामने माथा टेका। इसके बाद वह वापस मंच के बीच में आये और अपना भाषण शुरू किया। इस मौके पर उन्होंने शिवाजी की शपथ ली और मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने का वादा किया। इसलिए अब सरकार के लिए मराठा समुदाय को आरक्षण देना जरूरी है।

अंदर ही अंदर कुछ पक रहा है

मनोज जरांगे ने कहा- ‘पीएम नरेंद्र मोदी को गरीबों पर दया आती है, लेकिन अब मुझे संदेह है। अंदर ही अंदर कुछ पक रहा है, नहीं तो सीएम  शिंदे छत्रपति शिवाजी की शपथ नहीं लेते। मनोज ने कहा- अगर प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ एक फोन कर दें तो भी आरक्षण मिल जाएगा। लेकिन, ये सिर्फ कागजों में घूम रहे हैं। वह भी कसम खाते हैं और मैं भी कसम खाता हूं। बस मोदी जी  दोनों उपमुख्यमंत्रियों और मुख्यमंत्री को एक फोन करवा दीजिए, आरक्षण का कागज तुरंत आ जाएगा।

40 दिन का अल्टीमेटम  खत्म 

मनोज जरांगे पाटिल ने मांग की है कि मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण दिया जाना चाहिए। इस बीच राज्य सरकार  को दिया गया 40 दिन का अल्टीमेटम गुरूवार को खत्म हो गया । मीडिया से बात करते हुए  जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र  सरकार को आश्वासन दिए हुए 40 दिन हो रहे हैं लेकिन मराठा आरक्षण के मुद्दे पर कोई भी पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिल रहा है, इसलिए मैं फिर से अपनी भूख हड़ताल शुरू करने जा रहा हूं।

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अमरावती में होगा ‘खेला’

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शहर कांग्रेस के बड़े दिग्गज होंगे भाजपा में शामिल

 बगावत की तैयारी पूरी

Webdesk, maharashtrakhabar24.com

नागपुर,21 दिसंबर

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह हार के बाद शहर कांग्रेस में बड़ी बगावत हो सकती है. अमरावती के दो दिग्गज नेताओं ने इसकी पूरी प्लानिंग कर ली है. यदि कांग्रेस के ये नेता भाजपा में प्रवेश ले लेंगे तो स्थानीय निकाय चुनावों पर काफी बड़ा फर्क पड़ जाएगा.

पार्टी में असंतोष का वातावरण है और संभावना है कि शिवसेना (यूबीटी) की तरह शहर कांग्रेस के दिग्गजों सहित शहर के कई स्थानीय नेता भाजपा में प्रवेश कर कांग्रेस को बड़ा झटका दे सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि बातचीत अंतिम दौर में चल रही है और संभव हुआ तो देवेंद्र फडणवीस के अमरावती दौरे के दौरान इन लोगों का भाजपा में प्रवेश हो सकता है.सूत्रों की मानें तो शहर कांग्रेस के दो दिग्गज सहित 40-50 नेता भाजपा का दामन थाम सकते हैं. भाजपा के साथ बातचीत लगभग अंतिम दौर में है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के 22 दिसंबर के संभावित दौरे के दौरान कांग्रेस के ये तमाम नेता भाजपा में प्रवेश ले सकते हैं.

दो दिग्गज नेता बना रहे स्टैटजी

सूत्रों ने बताया कि शहर कांग्रेस के दो बड़े नेता इस बगावत की प्लानिंग कर रहे हैं. इनमें से एक तो गेट के अंदर के बड़े कांग्रेसी नेता हैं जो मनपा में कई पदों पर रह चुके हैं और इनका मनपा कर कंट्रोल भी रहा है. वहीं दूसरे नेता एक बड़े राजनीतिक घराने से हैं और इन दोनों को कट्टर कांग्रेसी माना जाता है. इनके साथ में 40-50 स्थानीय स्तर के नेता भी भाजपा में प्रवेश करेंगे.

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ईवीएम पर हंगामा

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शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में हुआ बवाल

Webdesk, maharashtrakhabar24.com

Nagpur, 16 Dec 24

महाराष्ट्र में देवेंद्र सरकार के गठन के बाद सोमवार को नागपुर में विधानमंडल का शीतसत्र शुरु हुआ. महायुति की प्रचंड जीत के बाद विपक्ष का नामो-निशान खत्म हो गया है. सोमवार को विपक्षी आघाड़ी नेताओं ने महाराष्ट्र विधान भवन की सीढ़ियों पर जोरदार प्रदर्शन किया . एमवीए ने चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम के इस्तेमाल के विरोध में जमकर नारे लगाए.

‘ईवीएम हटाओ देश बचाओ’

इस दौरान विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने महा विकास आघाडी ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया. इस बीच ‘ईवीएम हटाओ देश बचाओ’, ईवीएम हटाओ संविधान बचाओ’ और ‘ईवीएम हटाओ लोकतंत्र बचाओ’ जैसे नारे भी लगे.

एमवीए के नेताओं ने संविधान और लोकतंत्र को बचाने का आह्वान किया और ईवीएम के इस्तेमाल का विरोध किया है. दानवे के साथ इस प्रदर्शन में कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार, नितिन राऊत, भाई जगताप और विकास ठाकरे, शिवसेना (यूबीटी) नेता भास्कर जाधव, वरुण देसाई और सचिन अहीर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) (राकांपा-एसपी) के विधायक जितेंद्र अवध भी शामिल हुए. दानवे ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि ईवीएम लोकतंत्र के लिए ‘खतरनाक’ है और लोग भी चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल का विरोध कर रहे हैं.

 हर वोट महायुति के लिए

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को विपक्षी एमवीए पर सत्तारूढ़ महायुति को ‘ईवीएम की सरकार’ कहने के लिए निशाना साधा था. फडणवीस ने कहा था, ‘‘हमारी सरकार इसलिए सत्ता में आई क्योंकि हर वोट महाराष्ट्र के लिए किया गया.’’ वहीं कांग्रेस नेता भाई जगताप ने कहा कि ईवीएम का मतलब है हर वोट महायुति के लिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और भाजपा की महाराष्ट्र सरकार ने ईवीएम का दुरुपयोग किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एमवीए चुनावों में ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर के इस्तेमाल के बारे में जागरूकता फैलाएंगे.

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ईवीएम को लेकर आघाड़ी का हंगामा

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शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में बवाल

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Nagpur, 16 Dec 24

महाराष्ट्र में देवेंद्र सरकार के गठन के बाद सोमवार को नागपुर में विधानमंडल का शीतसत्र शुरु हुआ. महायुति की प्रचंड जीत के बाद विपक्ष का नामो-निशान खत्म हो गया है. सोमवार को विपक्षी आघाड़ी नेताओं ने महाराष्ट्र विधान भवन की सीढ़ियों पर जोरदार प्रदर्शन किया . एमवीए ने चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम के इस्तेमाल के विरोध में जमकर नारे लगाए.

ईवीएम पर घमासान

इस दौरान विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने महा विकास आघाडी ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया. इस बीच ‘ईवीएम हटाओ देश बचाओ’, ईवीएम हटाओ संविधान बचाओ’ और ‘ईवीएम हटाओ लोकतंत्र बचाओ’ जैसे नारे भी लगे.

एमवीए के नेताओं ने संविधान और लोकतंत्र को बचाने का आह्वान किया और ईवीएम के इस्तेमाल का विरोध किया है. दानवे के साथ इस प्रदर्शन में कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार, नितिन राऊत, भाई जगताप और विकास ठाकरे, शिवसेना (यूबीटी) नेता भास्कर जाधव, वरुण देसाई और सचिन अहीर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) (राकांपा-एसपी) के विधायक जितेंद्र अवध भी शामिल हुए. दानवे ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि ईवीएम लोकतंत्र के लिए ‘खतरनाक’ है और लोग भी चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल का विरोध कर रहे हैं.

ईवीएम यानी हर वोट महायुति के लिए

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को विपक्षी एमवीए पर सत्तारूढ़ महायुति को ‘ईवीएम की सरकार’ कहने के लिए निशाना साधा था. फडणवीस ने कहा था, ‘‘हमारी सरकार इसलिए सत्ता में आई क्योंकि हर वोट महाराष्ट्र के लिए किया गया.’’ वहीं कांग्रेस नेता भाई जगताप ने कहा कि ईवीएम का मतलब है हर वोट महायुति के लिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और भाजपा की महाराष्ट्र सरकार ने ईवीएम का दुरुपयोग किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एमवीए चुनावों में ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर के इस्तेमाल के बारे में जागरूकता फैलाएंगे.

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