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अकोला में मिला ‘JN1’ का पहला मरीज

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नागपुर में भी मिले  कोरोना के 3 नए मरीज

वेब डेस्क .नागपुर. महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना से 2 और लोगों की मौत हो गई है। महाराष्ट्र में तीन महीने बाद कोरोना से कोई मौत हुई है। इसके अलावा कोरोना के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। कोरोना केसों की संख्या बढ़कर अब 87 हो गई है।

वहीं 10 लोगों में कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 की भी पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि महाराष्ट्र के ठाणे से 5, अकोला और सिंधदुर्ग से 1-1 जेएन.1 के मरीज मिले हैं। इसमें 8 पुरुष, 1 महिला और 9 साल का एक नाबालिग लड़का भी शामिल है। पुणे के जिस मरीज में जेएन.1 की पुष्टि हुई है वो हाल ही में अमेरिका की यात्रा पर गया था।

नागपुर में 5 एक्टिव मरीज

उपराजधानी में बुधवार को तीन नये कोरोना मरीज पाये गये। यहां एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या अब 5 हो गई है। इससे पहले शहर में एक 81 साल के बुजुर्ग और एक 60 साल की महिला में भी कोरोना की पुष्टि हुई थी।

इधर शिंदे सरकार ने राज्य में कोविड-19 पर एक टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया है। 7 सदस्यीय इस टास्क फोर्स  का नेतृत्व पूर्व आईसीएमआर प्रमुख डॉ. रमन गंगाखेडकर करेंगे।

सबसे ज्यादा पुणे में

स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि नए मामलों में से, सबसे अधिक 39 पुणे सर्कल से, इसके बाद मुंबई सर्कल (36), नागपुर और कोल्हापुर सर्कल (4 प्रत्येक) और लातूर और छत्रपति संभाजीनगर सर्कल (2 प्रत्येक) से रिपोर्ट की गई.

 

 

साल 2020 में कोविड-19 महामारी फैलने के बाद से महाराष्ट्र में कुल 81,72,287 मामले और 148,566 मौतें दर्ज की गई हैं, जो देश में सबसे अधिक हैं.

JN.1 के  कितने मरीज?

देश में कोरोना के JN.1 वेरिएंट के 40 नए मामले सामने आए हैं और इसके साथ इस स्वरूप से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 109 हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में 36, कर्नाटक में 34, गोवा में 14, केरल में 6, राजस्थान और तमिलनाडु में 4-4 और तेलंगाना में 2 मामले सामने आए। ज्यादातर मरीज फिलहाल घर में क्वारेंटाइन में हैं।

अब तक 136 की मौत

महाराष्ट्र में 1 जनवरी, 2023 से अब तक कोविड से 136 मौतें दर्ज की गई हैं। इनमें 60 साल से अधिक उम्र के 71 प्रतिशत से अधिक, बहुसंख्यक (84 प्रतिशत) अन्‍य बीमारियों के साथ और बाकी बिना किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के शामिल हैं। इस समय राज्य में कोविड से मृत्युदर 1.81 प्रतिशत है।

 

 

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रिश्वतखोरी में रेवेन्यू वाले सबसे आगे

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महाराष्ट्र : 8 महीने में भ्रष्टाचार के 499 केस

एसीबी ने किया बड़ा खुलासा

मुंबई, 5 सितंबर,वेबडेस्क, महाराष्ट्र खबर 24.

रिश्वतखोरी के मामले में राज्य में पहले स्थान पर राज्य के राजस्व और भूमि अभिलेख विभाग के अधिकारी और कर्मचारी हैं. पुलिस का स्थान दूसरे नंबर पर है. महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से मिली जानकारी के मुताबिक, राजस्व के बाद पुलिस, पंचायत समिति और जिला परिषद का स्थान है.

भ्रष्टाचार के 499 मामले दर्ज

एसीबी के अनुसार जनवरी से अगस्त के बीच राज्य में भ्रष्टाचार के 499 मामले दर्ज किए गए हैं. यह केस एसीबी द्वारा बिछाए गए 472 जाल में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुए हैं. इस कार्रवाई में 22 से अधिक मामले आय से अधिक संपत्ति के, जबकि भ्रष्टाचार से संबंधित 5 मामले शामिल हैं. आय से अधिक संपत्ति से संबंधित 22 मामलों में कुल 16.46 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई. एसीबी के मुताबिक, कार्रवाई में सबसे अधिक आरोपी तृतीय श्रेणी के सरकारी अधिकारी हैं, जिनकी संख्या 345 है. दूसरे स्थान पर द्वितीय श्रेणी के सरकारी अधिकारी, जिनकी संख्या 71 है. प्रथम श्रेणी के अधिकारी 46 और चतुर्थ श्रेणी के 28 अधिकारियों का समावेश है.एसीबी ने पिछले 8 महीने में की गई कार्रवाई के दौरान सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को मिले रिश्वत के तौर पर 1.49 करोड़ रुपये को जब्त किया है. एसीबी के मुताबिक, सबसे अधिक घूस लेने का आरोप पुलिसवालों के खिलाफ दर्ज है. पुलिसकर्मियों द्वारा घूस के तौर पर ली गई रकम 41.24 लाख रुपये हैं. इसके बाद राजस्व और भूमि अभिलेख विभाग पर 21.13 लाख रुपये घूस लेने का आरोप लगा है. जिला परिषद विभाग के खिलाफ 14.57 लाख रुपये और पंचायत समिति के नाम पर 9.6 लाख रुपये की रिश्वत लेने का मामला शामिल है.

घूस की रकम टॉइलेट में बहाई

एसीबी ने अग्निशमन के एक अधिकारी प्रल्हाद शितोले (43) को बोरीवली के एक होटल में पीएनजी कनेक्शन के लिए एनओसी जारी करने के एवज में कथित तौर पर 60 हजार रुपये की रिश्वत को स्वीकार करते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया था. शिकायतकर्ता संपर्क अधिकारी है जिन्होंने शितोले से संपर्क किया था. हालांकि, दहिसर स्थित कार्यालय की लिफ्ट में शितोले जब घूस की रकम 60 हजार ले रहा था, तो उसको शक हो गया और वह रकम लेकर घर के टॉयलेट में फेंककर फ्लैश कर दिया. एसीबी अधिकारियों ने दो प्लंबरों की मदद से ड्रेनेज चेंबर से 57 हजार जब्त कर शितोले को अरेस्ट कर लिया.

किस विभाग में कितने केस

  1. राजस्व विभाग : 134
  2. पुलिस : 88
  3. पंचायत समिति : 42
  4. जिला परिषद : 32
  5. एमएसईडीसीएल : 27
  6. शिक्षा विभाग : 24

 

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कहीं बाहर जाने से पहले ये खबर जरूर पढ़ें

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63 डिपो बंद, यात्री बेहाल

एसटी कर्मचारियों की राज्यव्यापी हड़ताल जारी

मुंबई, वेब डेस्क,महाराष्ट्र खबर24. महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारी मंगलवार से वेतन वृद्धि करने और अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर है. यह हड़ताल बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहने से परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं. खासकर गणेश उत्सव से पहले हुई इस हड़ताल से लाखों यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतन और राज्य क्षेत्र के अपने समकक्षों के समान वेतनमान समायोजन की मांग कर रहे हैं.

त्योहार स्पेशल बसें भी बंद

एमएसआरटीसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि 11 ट्रेड यूनियनों की कार्य समिति द्वारा आहूत हड़ताल के कारण निगम के कुल 251 बस डिपो में से 63 बस डिपो पूरी तरह बंद रहे और 73 बस डिपो आंशिक रूप से बंद रहे, जबकि शेष 115 पूरी तरह संचालित रहे. हड़ताल के कारण राज्य भर में यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. नियमित सेवाओं के अलावा, एमएसआरटी की गणेश उत्सव के लिए विशेष बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है. एमएसआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न समूहों द्वारा बुक की गईं 4,300 सेवाओं सहित कुल पांच हजार अतिरिक्त ‘त्यौहार विशेष बसें’ तीन से सात सितंबर के बीच मुंबई, ठाणे और पालघर खंडों से संचालित करने की योजना थी. बुधवार को एक हजार से अधिक ऐसी बसें कोंकण के लिए रवाना होने वाली थीं.एमएसआरटीसी प्रशासन ने कहा कि एक औद्योगिक अदालत ने हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है और ट्रेड यूनियनों तथा कर्मचारियों को काम पर लौटने का निर्देश दिया है. निगम ने स्थानीय प्राधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ड्यूटी पर आने के इच्छुक कर्मचारियों के काम में बाधा डालने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें तथा ऐसी घटनाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग करें. हड़ताल के प्रभाव को देखते हुए, एमएसआरटीसी निर्बाध सेवा सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक अनुबंधों पर चालकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति पर विचार कर रहा है.

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लाडली बहिनों की ‘सीक्रेटस’ लीक

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धुले में गोपनीय जानकारी की लिस्ट आई सामने

डॉ. एस. शर्मा, नागपुर.विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने एमपी की तर्ज पर लाडकी बहिन योजना शुरू की है. लेकन यह योजना विवादों में फंसती जा रही है. स्कीम को लेकर अब एक नया मामला सामने आया है.

धुले महा नगर पालिका में इस योजना के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं की गोपनीय जानकारी लीक हो गई है. मनपा के एक वार्ड की  लिस्ट लीक हुई है जिसमें बहनों की सभी व्यक्तिगत जानकारयों का उल्लेख है. बता दें कि इस योजना के लिए  भरवाए जा रहे फार्म में लाडकी बहनों का पूरा डाटा मांगा जा रहा है. जिसमें उनका नाम, पूरा पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, ससुराल  का नाम, पता आदि सभी व्यक्तिगत व गोपनीय जानकारी हैं. शिवसेना ठाकरे समूह के प्रवक्ता किशोर तिवारी का कहना है कि यह इसकी गहन जांच की जानी चाहिए.

आईटी कानूनों का उल्लंघन

शिवसेना ठाकरे समूह के प्रवक्ता किशोर तिवारी का कहना है कि यह एक गंभीर मामला है. सरकार द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए एप्लीकेशन में गोपनीय जानकारी साझा करना आईटी कानूनों की धारा 43, 71,व 72 का उल्लंघन है. इसकी गहन जांच की जानी चाहिए.

विपक्ष को मिला मुद्दा

विपक्ष अब इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है. शिवसेना (यूबीटी) नेता  किशोर तिवारी  का कहना है कि आईटी कानूनों की धाराओं के उल्लंघन पर 1 लाख रुपए दंड या मुआवजे का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि  मैंने मुख्य सचिव सुजाता सौनिक के नाम कानूनी नोटिस जारी किया है.  इस मामले की पूरी जांच करने  और  मुआवजा देने की मांग की है.

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