Uttar pradesh
पीएम मोदी आज करेंगे जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को एशिया के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास कर विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी और सीएम योगी के अलावा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समेत राज्य सरकार के मंत्री और अन्य दिग्गज नेता शिरकत करेंगे।
जेवर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं ,प्रधानमंत्री के स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप ने कार्यक्रम स्थल को अपने कब्जे में ले लिया है। कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है।
कार्यक्रम स्थल पर बनाये गये तीन हेलीपैड
हेलीपैड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल , गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह , जिलाधिकारी सुहास एलवाई , स्थानीय सांसद डॉ.महेश शर्मा और जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह को जगह दी गई है। प्रधानमंत्री ठीक 12 बजे शिलान्यास स्थल पर पहुंच जायेंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिये भूमिपूजन और शिलान्यास कार्यक्रम का विधि-विधान से शुभारंभ होगा।
भूमिपूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , यमुना इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह , जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्रेनेलमैन , स्थानीय विधायक और सांसद को सम्मिलित किया जायेगा।
शिलान्यास कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी करीब चालीस मिनट जनसभा को संबोधित करेंगे। जनसभा को संबोधित करने के बाद वे दोपहर 1:10 पर मंच से वापस होकर हैलिपैड पहुंचेंगे जहां से दोपहर 1:15 पर उनका हेलीकॉप्टर दिल्ली के लिये टेकऑफ करेगा। इस हिसाब से जानकारी के अनुसार पीएम मोदी जेवर में लगभग 85 मिनट रहेंगे।
एक नजर जेवर एयरपोर्ट पर
यहां हवाई सफर करने वाले यात्रियों के लिये हर सुविधा का ख्याल रखा गया है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर तक पहुंचने के लिये यात्रियों को कई विकल्प दिये जायेंगे। मेट्रो के जरिये जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली एयरपोर्ट से जोड़ा जायेगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूपी का यह पांचवां अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा वर्ष 2024 में शुरू हो जायेगा। 34 हजार करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से विकसित होने वाला हवाई अड्डा एक लाख से अधिक लोगों के लिये रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
Uttar pradesh
मंगल भवन, अमंगल हारी….
‘रामलला’ की रक्षा में हमारा सागौन
2024 तक श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
यहां बनाए जा रहे विशाल राम मंदिर मेंचंद्रपुर की सागौन की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये लकड़ियां मुख्य व्दार समेत सभी दरवाजों में लगेगी. ताकि मंदिर की सुरक्षा मजबूत बनी रहे। यो हम विदर्भवादियों के लिए गर्व की बात है।
अयोध्या. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि, राम मंदिर में जो दरवाजे लगने हैं उनके लिए सागौन की लकड़ी का प्रयोग किया जा रहा है और यह लकड़ी महाराष्ट्र के चंद्रपुर से लायी जा रही है। यह लकड़ी उच्च कोटि की मानी जाती है और इस लकड़ी का चयन एक्सपर्ट ने किया है। प्रकाश गुप्ता ने बताया कि चंद्रपुर एक स्थान है जहां की लकड़ी बहुत उच्च कोटि की मानी गई है। दरवाजों के लिए जिस जगह पर लकड़ी का प्रयोग होना है उसके लिए इसका चयन किया गया है। कोई भी सामान मंदिर में लगता है तो पूरे देश में सबसे अच्छी चीज कहां पर है इसकी पूरी जानकारी करके एक्सपर्ट इसका चयन करते हैं, तब उसके बाद उपयोग में लाई जाती है, यह लकड़ी सागौन की है।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण लगातार तेजी से चल रहा है। मंदिर का निर्माण कार्य दिसंबर तक पूरा किया जाना है। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी 2024 में होनी है। वहीं श्रद्धालुओं के लिए जनवरी 2024 के बाद मंदिर खुलेगा। जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट निर्माण की समीक्षा कर रहा है। राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर का काम शुरू हो चुका है। मंदिर में गर्भगृह बनकर तैयार है।
पहले तल पर राम दरबार
आंतिरक सज्जा काम चल रहा है। ग्राउंड फ्लोर के गर्भगृह में रामलला अपने चारो भाइयों और हनुमान जी के साथ विराजमान होंगे। पहले तल पर राम दरबार बनेगा। अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि 24 जनवरी तक मंदिर में प्राण- प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चलेगा। 24-25 जनवरी 2024 से श्रद्धालु नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला का दर्शन कर सकेंगे। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ही इस मंदिर का शिलान्यास भी किया था।
ऐसे बनेगा मंदिर
161 फीट ऊंचाई
255 फीट चौड़ाई
350 फीट लंबाई
392 पिलर
330 बीम
106 खंबे
100 सालों तक भी नहीं होगा खराब मार्बल
अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर के गर्भ गृह को सफेद मार्बल से बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं मंदिर में दरवाजे की चौखट ,फर्श, गर्भ गृह का द्वार भी मकराना के सफेद मार्बल से बनाया जा रहा है। इस पत्थर पर बारीक नक्काशी भी की जा रही है .जो देखने में अद्भुत और अलौकिक है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की माने तो मकराना के सफेद मार्बल 100 साल तक अपना रंग नहीं बदलते। प्राप्त जानकारी के मुताबिक ताजमहल से भी बेहतरीन हाई क्वालिटी के मार्बल भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण में लगाया जा रहा है। जो 100 वर्षों तक भी खराब नहीं होंगे।
5 प्रवेश द्वार होंगे
भगवान रामलला के मंदिर में जाने के लिए कुल पांच प्रवेश द्वार होंगे। सबसे पहले सिंह द्वार होगा, दूसरा नृत्य मंडल, तीसरा रंग मंडप, चौथा कौली और पांचवा गर्भ ग्रह और परिक्रमा द्वार।
कुल 24 दरवाजे होंगे
राम मंदिर में कुल 24 दरवाजे होंगे। इन दरवाजों को महाराष्ट्र के चंद्रपुर की श्रेष्ठतम सागौन की लकड़ी से बनाया जाएगा। इसकी चौखट को संगमरमर के पत्थर से तराशा जाएगा। मंदिर का मुख्य द्वार मकराना के सफेद संगमरमर के पत्थर से बनाया जाएगा।
मंदिर के लिए 400 किलो का ताला
एक रामभक्त ने रामलला की निगरानी के लिए 400 किलो को ताला बनाया है, ताकि राम मंदिर की सुरक्षा हो सके।इस ताले की लंबाई 10 फीट है, इसकी चौड़ाई 4.6 फीट चौड़ा और 9.5 इंच मोटा है। इस ताले को सत्य प्रकाश शर्मा नाम के एक भक्त ने बनाया है। ये अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा हस्तनिर्मित ताला है।
2 लाख रुपये की लागत से हुआ तैयार
इस ताला को बनाने में लगभग 2 लाख रुपये खर्च हुए हैं। इस पर भगवान राम की तस्वीर बनी हुई है। इस ताले को बनाने वाले सत्य प्रकाश शर्मा का कहना है कि वे इसे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को उपहार देना चाहते हैं ताकि इसे भव्य मंदिर परिसर में रखा जा सके।सत्य प्रकाश शर्मा बचपन से ताले बना रहे हैं।
खुदाई के दौरान मिली पुरानी मूर्तियां
राम मंदिर का काम आखिरी चरण में है। अब वहां से खुदाई के दौरान अवशेष मिले हैं, जिनकी तस्वीरें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रमुख चंपत राय ने जारी कीं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि खुदाई के दौरान पुराने राम मंदिर के अवशेष मिले हैं, जिसमें कई मूर्तियां और स्तंभ हैं। हालांकि इन अवशेषों को लेकर इससे अधिक कोई भी जानकारी शेयर नहीं की गई है। मंदिर परिसर में इन अवशेष को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया है। अभी मंदिर के निर्माण में फीनिशिंग का काम बाकी है। बाकी सारे काम पूरे कर लिए गए हैं। जनवरी में प्राण-प्रतिष्ठा से पहले तक इनके पूरा हो जाने की उम्मीद है।
2 लाख गांवों में जाएगी संत-महात्माओं की टोली
एक तरफ रामनगरी में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा कई धार्मिक अनुष्ठानों का कार्य संचालित है, तो अब वहीं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले संत-महात्माओं की टोली देश भर के दो लाख गांवों में जाएगी और वहां राम मंदिर के संघर्ष की गाथा सुनाएगी. रामंदिर के संघर्ष की गाथा सुनाएंगे संत-महात्मा यही नहीं जहां एक तरफ बजरंग दल पूरे देश में अपनी शौर्य यात्रा के माध्यम से राम मंदिर के संघर्ष की गाथा जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेगा तो वहीं अब दीपावली के बाद से संतों की पदयात्रा भी निकल जाएगी. देश के बड़े-बड़े संत-महात्मा देश के लगभग एक लाख गांवों और शहर की स्लम बस्तियों में पदयात्रा निकलेंगे.
Uttar pradesh
RSS तय करेगा BJP का एजेंडा
आज से संघ की 3 दिन की बैठक
लखनऊ .अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मंगलवार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, संगठन और सरकार की समन्वय बैठक होने जा रही है. इस मौके पर आरएसएस के सरकार्यवाह और संघ-बीजेपी के बीच सेतु की भूमिका निभाने वाले सरकार्यवाह अरुण कुमार भी मौजूद रहेंगे. शिशु मंदिर में होने जा रही इस अहम बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री संगठन भी शामिल होंगे.
क्यों अहम है बैठक
यह बैठक 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कई मामलों को लेकर बेहद अहम मानी जा रही है. अयोध्या में राम मंदिर के भव्य निर्माण, नए वोटरों को जोड़ने में आरएसएस की भूमिका, दलित-आदिवासी बस्तियों जरिये सामाजिक समरसता बढ़ाने की कोशिश, सरकार की जमीनी हकीकत, दलित वोटरों के नाराजगी तक हर विषयों पर गहन मंथन किया जाएगा. साथ ही माना जा रहा है कि यूपी में संभावित मंत्रिमंडल भी विस्तार से चर्चा हो सकती है.
दलित वोटरों पर विशेष चर्चा
उत्तर प्रदेश में हुए पिछले तीन उपचुनाव से ये संकेत मिल रहे हैं कि दलित समाज के लोग बीजेपी से खुश नहीं हैं और ये तब है जब दलित केंद्र और राज्य की योजनाओं के सबसे बड़े लाभार्थी वर्ग हैं. समन्वय बैठक में इस पर भी गहन मंथन होना है. माना जा रहा है कि आरएसएस अपनी तरफ से बीजेपी को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश भी दे सकता है. संघ इस बात को समझ रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में दलित- आदिवासी वोटर्स निर्णायक होने जा रहे हैं. लिहाजा दलित और आदिवासी समुदाय में समरसता बढ़ाने हेतु सघन अभियान चलाने संबंधी फैसले भी लिए जा सकते हैं.
Uttar pradesh
अतीक-अशरफ हत्याकांड का मास्टरमाइंड कौन?
प्रयागराज, अतीक-अशरफ हत्याकांड का मास्टरमाइंड की पहेली अभी तक नहीं सुलझ पाई है. 3 शूटर कैमरों में कैद तो हुए लेकिन पुलिस अभी भी खाली हाथ है. एसआईटी अरुण, सनी और लवलेश को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. बावजूद इसके अब तक उस साजिशकर्ता का नाम सामने नहीं आया जिसने अतीक की हत्या कराई. अगर इन तीनों ने राज नहीं खोला तो पुलिस इनका नार्को टेस्ट या पॉलीग्राफी टेस्ट करा सकती है.
एसआईटी ने पूरी तैयारी कर ली है. एसआईटी सीबीआई की तरह की जांच को आगे बढ़ा रही है. इस बात का दबाव बना हुआ है कि इस प्रकरण की न्यायिक आयोग के सदस्य जांच कर रहे हैं.यह भी पता नहीं चला कि इस हमले में पकड़े गए तीनों शूटरों का मददगार कौन है? असलहा मुहैया कराया होगा. एसआईटी ने अभी तक इसे अति गोपनीय रखा है. उसके नाम का खुलासा नहीं किया है. तीनों आरोपितों से अतीक की हत्या की साजिश रचने और विदेशी पिस्टल किसने मुहैया कराई, जैसे सवाल पूछे जा रहे हैं.
-
kaam ki baat2 years ago
LPG पर 1 साल और मिलेगी सब्सिडी
-
desh dunia2 years ago
बिल नहीं फाड़ते तो बच जाते!
-
Featured9 months ago
2024 MG Astor 9.98 लाख रुपए में हुई लॉन्च
-
nagpur samachar11 months ago
संघर्ष ही जीवन, बांटें सुख : डिडवानिया
-
maharashtra2 years ago
महाराष्ट्र में गर्मी का कहर, लू से 25 लोगों की हुई मौत, चंद्रपुर सबसे गर्म
-
Featured8 months ago
सीहोर में बनी फिल्म ‘व्हाट-ए-किस्मत’ 1 मार्च को होगी रिलीज
-
desh dunia9 months ago
राम मंदिर में लगे सोने के गेट की पहली तस्वीर देखी आपने?
-
blog2 years ago
सावधान/ व्हाट्सअप पर वीडियो कॉल की आड़ में न्यूड रिकॉर्डिंग !