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बहू की बगावत से बढ़ीं मुश्किलें

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अपर्णा  ने कहा -राष्ट्र की आराधना के लिए निकली हूं।

बहू की बगावत, नेता जी की मुश्किलें बढ़ीं

 एडीटर डेस्क.देखते ही देखते अपर्णा यादव बीजेपी की हो गईं। यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की बहू हैं, सो हंगामा तो बनता है। बहू की बगावत से मुश्किलें बढ़ गईं हैं। जैसे ही आज अपर्णा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में पार्टी का दामन थामा सपा में बेचैनी बढ़ गई। 

हालांकि अभी तक मुलायम सिंह यादव या अखिलेश का कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन इस झटके को सपा प्रवक्ता फखरूल हसन चांद सहन नहीं कर सके और उन्होंने आनन-फानन में बयान जारी कर कह दिया कि नेताजी का सिर्फ एक ही बेटा है। दूसरे बेटे प्रतीक का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि उनकी रगों में नेताजी का खून ही नहीं है।

 राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा जोरों पर है कि चांद से ये बयान किसने और क्यों दिलवाया? चांद ने सोशल मीडिया एप कू पर लिखा है- हम एक ही बात जानते हैं कि नेताजी का एक ही बेटा है -अखिलेश यादव। जब किसी दूसरे बेटे को हम नहीं मानते तो दूसरी कोई बहू भी नहीं हो सकती।

बीजेपी की यादव परिवार में फूट का फार्मूला कितना कारगर साबित होगा ये तो समय ही बताएगा। लेकिन अपर्णा के बीजेपी में शामिल होने से फिर घर की लड़ाई लक्ष्मण रेखा तोड़कर बाहर आ गई है। इस टूट से भले ही सपा पर ज्यादा फर्क न पड़े लेकिन अखिलेश की छवि पर असर जरूर पड़ेगा।

  ये भी पढ़ें- राणे  के बहाने सेना पर लगाम कसना चाहती है बीजेपी।

 https://www.maharashtrakhabar24.com/2021/06/blog-post_99.html

कौन हैं अपर्णा यादव

बहुत पढ़ी-लिखीं हैं अपर्णा। उन्होंने मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों और राजनीति में स्नातकोत्तर किया। वे पीएम मोदी की नीतियों की मुरीद रहीं हैं। उन्होंने सपा की पार्टी लाइन से अलग जाकर धारा 370 खत्म करने का समर्थन किया था। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 11 लाख रुपये का दान भी दिया।

पूर्व सीएम मुलायम सिंह के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं अपर्णा । प्रतीक मुलायम की दूसरी पत्नी साधना सिंह के बेटे हैं। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान प्रतीक और अपर्णा में प्यार हो गया , दोनों ने शादी कर ली।  

2017 में अपर्णा ने लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी से हार गईं थीं। अपर्णा  के पिता अरविंद सिंह बिष्ट पत्रकार हैं और यूपी के वर्तमान राज्य सूचना आयुक्त हैं।

मोदी की हैं मुरीद 

पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में अपर्णा ने कहा कि मैं हमेशा पीएम मोदी से प्रभावित रही हूं। उनकी कार्यशैली से बहुत प्रभावित रहीं हूं। मेरे चिंतन में राष्ट्र सबसे पहले रहा है।मैं अब राष्ट्र की आराधना के लिए निकली हूं।

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मंगल भवन, अमंगल हारी….

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‘रामलला’ की रक्षा में हमारा सागौन

 2024 तक श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन

 यहां बनाए जा रहे विशाल राम मंदिर मेंचंद्रपुर की सागौन की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये लकड़ियां मुख्य व्दार समेत सभी दरवाजों में लगेगी. ताकि मंदिर की सुरक्षा मजबूत बनी रहे। यो हम विदर्भवादियों के लिए गर्व की बात है।

अयोध्या. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि, राम मंदिर में जो दरवाजे लगने हैं उनके लिए सागौन की लकड़ी का प्रयोग किया जा रहा है और यह लकड़ी महाराष्ट्र के चंद्रपुर से लायी जा रही है। यह लकड़ी उच्च कोटि की मानी जाती है और इस लकड़ी का चयन एक्सपर्ट ने किया है। प्रकाश गुप्ता ने बताया कि चंद्रपुर एक स्थान है जहां की लकड़ी बहुत उच्च कोटि की मानी गई है। दरवाजों के लिए जिस जगह पर लकड़ी का प्रयोग होना है उसके लिए इसका चयन किया गया है। कोई भी सामान मंदिर में लगता है तो पूरे देश में सबसे अच्छी चीज कहां पर है इसकी पूरी जानकारी करके एक्सपर्ट इसका चयन करते हैं, तब उसके बाद उपयोग में लाई जाती है, यह लकड़ी सागौन की है।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण लगातार तेजी से चल रहा है। मंदिर का निर्माण कार्य दिसंबर तक पूरा किया जाना है। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी 2024 में होनी है।  वहीं श्रद्धालुओं के लिए जनवरी 2024 के बाद मंदिर खुलेगा। जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट निर्माण की समीक्षा कर रहा है। राम मंदिर के फर्स्ट फ्लोर का काम शुरू हो चुका है। मंदिर में गर्भगृह बनकर तैयार है।

पहले तल पर राम दरबार

 आंतिरक सज्जा काम चल रहा है। ग्राउंड फ्लोर के गर्भगृह में रामलला अपने चारो भाइयों और हनुमान जी के साथ विराजमान होंगे। पहले तल पर राम दरबार बनेगा। अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि 24 जनवरी तक मंदिर में प्राण- प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चलेगा। 24-25 जनवरी 2024 से श्रद्धालु नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला का दर्शन कर सकेंगे। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ही इस मंदिर का शिलान्यास भी किया था।

ऐसे बनेगा मंदिर

 161 फीट ऊंचाई

 255 फीट चौड़ाई

 350 फीट लंबाई

 392 पिलर

 330 बीम

 106 खंबे

100 सालों तक भी नहीं होगा खराब मार्बल

अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर के गर्भ गृह को सफेद मार्बल से बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं मंदिर में दरवाजे की चौखट ,फर्श, गर्भ गृह का द्वार भी मकराना के सफेद मार्बल से बनाया जा रहा है। इस पत्थर पर बारीक नक्काशी भी की जा रही है .जो देखने में अद्भुत और अलौकिक है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की माने तो मकराना के सफेद मार्बल 100 साल तक अपना रंग नहीं बदलते। प्राप्त जानकारी के मुताबिक ताजमहल से भी बेहतरीन हाई क्वालिटी के मार्बल भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण में लगाया जा रहा है। जो 100 वर्षों तक भी खराब नहीं होंगे।

5 प्रवेश द्वार होंगे

भगवान रामलला के मंदिर में जाने के लिए कुल पांच प्रवेश द्वार होंगे। सबसे पहले सिंह द्वार होगा, दूसरा नृत्य मंडल, तीसरा रंग मंडप, चौथा कौली और पांचवा गर्भ ग्रह और परिक्रमा द्वार।

कुल 24 दरवाजे होंगे

राम मंदिर में कुल 24 दरवाजे होंगे। इन दरवाजों को महाराष्ट्र के चंद्रपुर  की श्रेष्ठतम सागौन की लकड़ी से बनाया जाएगा। इसकी चौखट को संगमरमर के पत्थर से तराशा जाएगा। मंदिर का मुख्य द्वार मकराना के सफेद संगमरमर के पत्थर से बनाया जाएगा।

मंदिर के लिए 400 किलो का ताला

एक रामभक्त ने रामलला की निगरानी के लिए 400 किलो को ताला बनाया है, ताकि राम मंदिर की सुरक्षा हो सके।इस ताले की लंबाई 10 फीट है, इसकी चौड़ाई 4.6 फीट चौड़ा और 9.5 इंच मोटा है। इस ताले को सत्य प्रकाश शर्मा नाम के एक भक्त ने बनाया है। ये अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा हस्तनिर्मित ताला है।

2 लाख रुपये की लागत से हुआ तैयार

इस ताला को बनाने में लगभग 2 लाख रुपये खर्च हुए हैं। इस पर भगवान राम की तस्वीर बनी हुई है। इस ताले को बनाने वाले सत्य प्रकाश शर्मा का कहना है कि वे इसे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को उपहार देना चाहते हैं ताकि इसे भव्य मंदिर परिसर में रखा जा सके।सत्य प्रकाश शर्मा बचपन से ताले बना रहे हैं।

खुदाई के दौरान मिली पुरानी मूर्तियां

राम मंदिर का काम आखिरी चरण में है। अब वहां से खुदाई के दौरान अवशेष मिले हैं, जिनकी तस्वीरें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रमुख चंपत राय ने जारी कीं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि खुदाई के दौरान पुराने राम मंदिर के अवशेष मिले हैं, जिसमें कई मूर्तियां और स्तंभ हैं। हालांकि इन अवशेषों को लेकर इससे अधिक कोई भी जानकारी शेयर नहीं की गई है। मंदिर परिसर में इन अवशेष को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया है। अभी मंदिर के निर्माण में फीनिशिंग का काम बाकी है। बाकी सारे काम पूरे कर लिए गए हैं। जनवरी में प्राण-प्रतिष्ठा से पहले तक इनके पूरा हो जाने की उम्मीद है।

2 लाख गांवों में जाएगी संत-महात्माओं की टोली

एक तरफ रामनगरी में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा कई धार्मिक अनुष्ठानों का कार्य संचालित है, तो अब वहीं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले संत-महात्माओं की टोली देश भर के दो लाख गांवों में जाएगी और वहां राम मंदिर के संघर्ष की गाथा सुनाएगी. रामंदिर के संघर्ष की गाथा सुनाएंगे संत-महात्मा यही नहीं जहां एक तरफ बजरंग दल पूरे देश में अपनी शौर्य यात्रा के माध्यम से राम मंदिर के संघर्ष की गाथा जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेगा तो वहीं अब दीपावली के बाद से संतों की पदयात्रा भी निकल जाएगी. देश के बड़े-बड़े संत-महात्मा देश के लगभग एक लाख गांवों और शहर की स्लम बस्तियों में पदयात्रा निकलेंगे.

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RSS तय करेगा BJP का एजेंडा

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आज से संघ की 3 दिन की बैठक

लखनऊ .अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले  मंगलवार  से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, संगठन और सरकार की समन्वय बैठक होने जा रही है. इस मौके पर  आरएसएस के सरकार्यवाह  और संघ-बीजेपी के बीच सेतु की भूमिका निभाने वाले सरकार्यवाह अरुण कुमार भी मौजूद रहेंगे. शिशु मंदिर में होने जा रही इस अहम बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री संगठन भी शामिल होंगे.

  क्यों अहम है बैठक

यह बैठक 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कई मामलों को लेकर बेहद अहम मानी जा रही है. अयोध्या में राम मंदिर के भव्य निर्माण, नए वोटरों को जोड़ने में आरएसएस की भूमिका, दलित-आदिवासी बस्तियों जरिये सामाजिक समरसता बढ़ाने की कोशिश, सरकार की जमीनी हकीकत, दलित वोटरों के नाराजगी तक हर विषयों पर गहन मंथन किया जाएगा. साथ ही माना जा रहा है कि यूपी में संभावित मंत्रिमंडल भी विस्तार से चर्चा हो सकती है.

दलित वोटरों पर विशेष चर्चा

उत्तर प्रदेश में हुए पिछले तीन उपचुनाव से ये संकेत मिल रहे हैं कि दलित समाज के लोग बीजेपी से खुश नहीं हैं और ये तब है जब दलित केंद्र और राज्य की योजनाओं के सबसे बड़े लाभार्थी वर्ग हैं. समन्वय बैठक में इस पर भी गहन मंथन होना है. माना जा रहा है कि आरएसएस अपनी तरफ से बीजेपी को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश भी दे सकता है. संघ इस बात को समझ रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में दलित- आदिवासी वोटर्स निर्णायक होने जा रहे हैं. लिहाजा दलित और आदिवासी समुदाय में समरसता बढ़ाने हेतु सघन अभियान चलाने संबंधी फैसले भी लिए जा सकते हैं.

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अतीक-अशरफ हत्याकांड का मास्टरमाइंड कौन?

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प्रयागराज, अतीक-अशरफ हत्‍याकांड का मास्टरमाइंड की पहेली अभी तक नहीं सुलझ पाई है. 3 शूटर कैमरों में कैद तो हुए लेकिन पुलिस अभी भी खाली हाथ है.  एसआईटी अरुण, सनी और लवलेश को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. बावजूद इसके अब तक उस साजिशकर्ता का नाम सामने नहीं आया जिसने अतीक की हत्या कराई. अगर इन तीनों ने राज नहीं खोला तो पुलिस इनका नार्को टेस्ट या पॉलीग्राफी टेस्ट करा सकती है.

एसआईटी ने पूरी तैयारी कर ली है. एसआईटी सीबीआई की तरह की जांच को आगे बढ़ा रही है. इस बात का दबाव बना हुआ है कि इस प्रकरण की न्यायिक आयोग के सदस्य जांच कर रहे हैं.यह भी पता नहीं चला कि इस हमले में पकड़े गए तीनों शूटरों का मददगार कौन है? असलहा मुहैया कराया होगा. एसआईटी ने अभी तक इसे अति गोपनीय रखा है. उसके नाम का खुलासा नहीं किया है. तीनों आरोपितों से अतीक की हत्या की साजिश रचने और विदेशी पिस्टल किसने मुहैया कराई, जैसे सवाल पूछे जा रहे हैं.

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