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सारडा, चौधरी और पटेल को एनसीसीएल अवार्ड
नागपूर चेंबर ऑफ कामर्स का दिपावली मिलन सपन्न
Web Desk, maharashtrakhabar24.com, नागपुर.
नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स व्यपारियों की 92 वर्ष पूरानी संस्था का दिपावली मिलन व अवॉर्ड कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता चेंबर के अध्यक्ष सीए कैलास जोगानी ने की। मुख्य अतिथी प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर इन्कम टॅक्स श्रीमती परमिंदर, आई. आर.एस. श्री अनिल कुमार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक महानगर संघ संचालक सीए राजेश लोया थे।इस वर्ष उद्योग क्षेत्र से अवॉर्ड श्री रामस्वरूप सारडा – चेअरमेन रामसन्स इंडस्ट्रीज लि. को दिया । उन्होने अपने संबोधन मे कैसे एक ट्रेडर से इस्पात उद्योग तक सफर तय किया ये बताया। उन्होने परिवार तथा मुख्यतः अपनी धर्मपत्नी के योगदान का भी जिक्र किया।व्यापार क्षेत्र से किशोर व्दारकादास चौधरी डायरेक्टर चौधरी लाइफस्टाईल प्रायवेट ली. को दिया गया। उन्होने अपने संबोधन में बताया कि वे कैसे एक छोटीसी कटपीस सेंटर से आज पांच बडे शोरूम स्थापित किए। उन्होने ग्राहक की संतुष्टी पर विशेष ध्यान दिया तथा उपने सक्सेस स्टोरी मे पिता, परिवार धर्मपत्नी व पुत्रो का पूर्ण सहयोग की बात कही।सेवा क्षेत्र से सुरेश भाई लालजीभाई पटेल, सुपर कंस्ट्रक्शन को दिया गया। इन्होने सुरेश भट सभागृह नागपुर, पोहरा देवी म्यूजियम, वाशीम, स्पोर्स्ट कॉम्लेक्स आदि बनाए। अध्यक्ष कैलास जोगानी ने सभी को दिपावली की शुभकामनाएं देते हुए कुछ व्यापारीक समस्याओं का जिक्र करते हुए सभी व्यापारीयों को आगे आने वाले विधानसभा चुनाव में शत-प्रतिशत वोट देने तथा कर्मचरियों को भी वोटिंग के लिए छूट्टी देकर देखे की हर कर्मचारी अपने वोट का उपयोग करे । उन्होने सरकार व्दारा वोटो के वास्ते नगद भुगतान स्किमस् पर अर्थ व्यवस्था को होने वाले नुकसान पर आम जनता को आग्रह किया तथा नगद भुगतान स्किम्स के लोभ मे वोट न देकर, उपयुक्त सही उम्मीदवार चुनने को आग्रह किया।
आनंद निर्बाण को लाईफटाईम अचिवमेंट अवॉर्ड
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री आनंद निर्बाण जी को लाईफटाईम अचिवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उनके पत्रकारीता मे 50 वर्ष पूर्ण हो गये। उनका का परिचय सचिव विजय जायस्वाल ने दिया। श्री आनंदजी निर्बाण को शाल-श्रीफल से सम्मनीत किया गया।
मुख्य अतिथीयो व्दारा एनसीसीएल अवॉर्ड देकर सत्कारमूर्तियों का सत्कार किया गया। मुख्य आयकर आयुक्त श्रीमती परमिंदर तथा आय. आर. एस. श्री अनिल कुमार ने बताया कि आयकर विभाग करदाताओं के लिए फ्रेंडली हो गया है तथा व्यापारीयों को भारी डायरेक्ट कर संग्रह के लिए धन्यवाद दिया । श्रीमती परमिंदर ने कहा कोई भी करदाता उन्हे मिल सकता है।सीए राजेश लोया ने भी व्यापारीयों को दिपावली की बधाई देते हुए राष्ट्र प्रेरित विभिन्न मुद्दो पर विस्तार से संबोधित किया। उन्होने विभिन्न संस्थाओ से आए अध्यक्ष व प्रतिनिधियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया।नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव विजय जायस्वाल ने धन्यवाद दिया। मंच संचालन आयपीपी गोविंद पसारी, ने किया। कार्यक्रम का सुत्र संचालन नेहा जायस्वाल ने किया। कार्यक्रम मे अशोक गोयल, जे.पी. शर्मा, धर्मपाल अग्रवाल, दिपेन अग्रवाल, जयप्रकाश गुप्ता, अश्विन मेहाडिया, गिरधारी मंत्री, धिरज अगासे, केतन सुचक, बलबिरसिंग रेणु, राजेश चांडक, डॉ. कविता चांडक, गौरव जेजानी, रिषभ जेजानी, एन.सी.सी.एल के उपाध्यक्ष प्रदिप जाजू, उपाध्यक्ष तरूण निर्बाण, कोषाध्यक्ष नाथाभाई पटेल, सहसचिव लक्ष्मिकांत अग्रवाल, संयोजक वेणुगोपाल अग्रवाल, शंकरलाल खंडेलवाल, देवकीनंदन खंडेलवाल, वसंतकुमार पालीवाल, गिरीष लिलाडीया, संजय पांडे, निखील काकाणी, सुनिल जेजानी, प्रशांत जग्यासी, विनोद पवार, विवेक उखलकर, विजय सराफ, रिषी ए. गोयल, दिनेश सारडा, हरेश सोनी पूर्व अध्यक्ष श्री संतोषकुमार अग्रवाल, श्री महेन्द्र कटारीया, श्री भागीरथ मुरारका, श्री कमलेश शाह उपस्थित थे।नागपूर के सभी व्यापारिक व उद्योग संस्थाओं के बडी मात्रा मे प्रतिनिधियों के साथ ही भारी मात्रा में व्यापारी परिवार सहित गणमान्य उपस्थित थे।
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चुनाव में पहली बार मैदान में 357 महिला उम्मीदवार
किसी महिला को CM-DCM का पद नहीं
Web Desk, maharashtrakhabar24.com.
Nagpur, 12 nov.2024
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. 2019 तक प्रदेश में 13 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. इस बार का चुनाव कई मायनों में खास है. राज्य के इतिहास में पहली बार 357 महिला उम्मीदवार अपनी राजनीतिक किस्मत आजमाएंगी. इससे पहले 2014 में 277 महिलाएं चुनाव मैदान में थीं. 2019 की विधानसभा तक 3 हजार 744 विधायक प्रदेश में जीतकर आए थे. इनमें से 160 महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिला. पुरुषों की तुलना में यह अनुपात सिर्फ 4.27 फीसदी है. इस साल जब महिला वोटरों की संख्या बढ़ी है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या महिला विधायक बनने का रिकॉर्ड टूट पाएगा?
महाराष्ट्र फुले-शाहू-आंबेडकर का राज्य है. 2019 में 3 हजार 237 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. इनमें से 235 महिला उम्मीदवार थीं. उसमें से 24 महिलाओं ने जीत हासिल की. चुनाव में 50 फीसदी महिलाएं वोट करती हैं, जो इसकी तुलना में नगण्य है. पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की एक स्टडी के मुताबिक, वर्तमान में लोकसभा में 15 फीसदी और राज्यसभा में 13 फीसदी सांसद महिलाएं हैं. 1972 में विधानसभा चुनाव में 51 महिलाएं मैदान में थीं.
चुनी गईं सबसे ज्यादा महिलाएं
2019 के चुनाव में सबसे ज्यादा 24 महिलाएं चुनी गईं. महाराष्ट्र में अब तक किसी महिला को मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री का पद नहीं मिला है. 1962 से 1919 तक 1 हजार 685 महिलाओं ने अपनी किस्मत आजमाई लेकिन केवल 165 महिलाएं ही विजेता रहीं. 1972 में महाराष्ट्र विधानसभा में कोई महिला नहीं थी.
विदर्भ में 4 महिलाओं की जीत
विदर्भ के मामले में, 2019 में 95 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं. इनमें से केवल चार महिला उम्मीदवार श्वेता महाले (चिखली), प्रतिभा धानोरकर (वरोरा), यशोमति ठाकुर (तिवसा) और सुलभा खोडके (अमरावती) ने जीत हासिल की. क्या इस साल बढ़ेगी विदर्भ और महाराष्ट्र की संख्या? इसका पता 23 नवंबर को आने वाले नतीजों के बाद चलेगा.
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अमरावती से जगदीश गुप्ता, बडनेरा से तुषार भारतीय बीजेपी से निष्कासित
पार्टी ने 40 नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता
WebDesk,Mumbai.maharashtrakhabar24.com
बीजेपी ने बडनेरा से तुषार भारतीय, अमरावती से जगदीश गुप्ता और अचलपूर से प्रमोद सिंह गडरेल को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। बता दें कि आगामी चुनाव में टिकट न मिलने से भाजपा और महायुति के कई नेता नाराज हो गए थे, जिसके चलते नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, अजित पवार जैसे बड़े नेताओं ने बागी नेताओं को मनाने की बहुत कोशिश की. जिसके बाद कुछ नेताओं ने तो अपना नामांकन वापस ले लिया लेकिन कुछ अपनी बात पर अड़े रहे और आखिरी मौके तक अपना नामांकन वापस नहीं लिया।
इस पर अब कार्रवाई करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने एक बड़ा फैसला लिया है और बीजेपी की 37 सीटों पर बगावत करने वाले 40 बागी नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा कर दी है। पार्टी ने एक लिस्ट जारी की है जिसमें पार्टी धर्म का पालन न करने पर 40 नेताओं को निष्कासित करने की घोषणा कर दी गई है।
40 नेताओं को किया निष्कासित
महाराष्ट्र भाजपा ने पार्टी अनुशासन का पालन न करने और उसे तोड़ने के आरोप में 37 विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के 40 कार्यकर्ताओं/नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
निष्कासित हुए ये नेता
भाजपा द्वारा जारी इस लिस्ट में धुले से श्रीकांत करर्ले और सोपान पाटील, जलगांव शहर से मयुर कापसे और आश्विन सोनवणे, अकोट से गजानन महाले वाशिम से नागेश घोपे, बडनेरा से तुषार भारतीय, अमरावती से जगदीश गुप्ता अचलपूर से प्रमोद सिंह गडरेल आदि नेता शामिल है।साकोली से सोमदत्त करंजेकर, आमगांव से शंकर मडावी, चंद्रपूर से ब्रिजभूषण पाझारे, ब्रम्हपूरी से वसंत वरजुरकर, वरोरा से राजू गायकवाड और अतेशाम अली, उमरखेड से भाविक भगत और नटवरलाल उंतवल, नांदेड़ उत्तर से वैशाली मिलिंद देशमुख और मिलिंद उत्तमराव देशमुख आदि कार्यकर्ता शामिल है।
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महायुति का सियासी ट्रैप बना कांग्रेस की मुश्किल
बचने बना रही है रणनीति
वेबडेस्क, maharashtrakhabar24.com
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे की खींचतान से रूबरू हो रहे महाविकास आघाड़ी गठबंधन के लिए ध्रुवीकरण के भाजपा के दांव से निपटना भी बड़ी चुनौती है. विशेषकर इस गठबंधन का अघोषित नेतृत्व कर रही कांग्रेस इस बात से सशंकित है कि लोकसभा चुनाव में सफलता का आधार बने उसके सामाजिक समीकरणों को दरकाने के लिए भाजपा ध्रुवीकरण को एक अहम चुनावी फैक्टर बनाने की कोशिश नहीं छोड़ेगी.इसके मद्देनजर ही पार्टी ने अपने नेताओं के साथ सभी सहयोगी दलों को इस बारे में आगाह करते हुए चुनाव प्रचार अभियान में महायुति के इस सियासी ट्रैप में नहीं आने की सलाह दी है.
टीका-टिप्पणी से बचने की सलाह
केंद्रीय और प्रदेश स्तर के तमाम नेताओं को कांग्रेस की ओर से दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि चुनावी माहौल की गरमारगमी में भी ऐसी कोई टीका-टिप्पणी न की जाए जिससे ध्रुवीकरण तेज हो.महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार वैसे तो पिछले कुछ सालों में यह कांग्रेस के सामान्य चुनावी सर्तकता प्रोटोकॉल का हिस्सा बन गया है मगर कांग्रेस नेताओं के अनुसार पिछले दो-तीन महीने के दौरान अमरावती से लेकर नासिक आदि में हुए घटनाक्रमों से साफ है कि भाजपा चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए हर संभव दांव चलती रहेगी.
”बंटगे तो कटेंगे” का खेल
एमआइएमआइएम के नेता असदुद्दीन औवेसी के समर्थकों को संवेदनशील माहौल में भी मुंबई में बाइक रैली निकालने की इजाजत देने के शिंदे सरकार के कदम को भी कांग्रेस इसी दांव का हिस्सा मान रही है. पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्तर पर महाराष्ट्र में जाकर ”बंटगे तो कटेंगे” का खुला अनुमोदन इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि कांग्रेस के सामाजिक समीकरण पर निशाना साधने के लिए ध्रुवीकरण का हथियार चलाने में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
ओबीसी छिटक सकता है.
महाराष्ट्र के प्रभावशाली मराठा समुदाय के साथ दलित-आदिवासी तथा अल्पसंख्यक वर्ग का 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर झुकाव का ही नतीजा रहा कि 13 लोकसभा सीट जीतकर राज्य में वह सबसे बड़ी पार्टी बन गई. शरद पवार की एनसीपी तथा उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी को भी इसका फायदा मिला. कांग्रेस की चिंता है कि विधानसभा चुनाव को मराठा बनाम ओबीसी बनाने का भाजपा का दांव चल गया तो पिछले चुनाव में साथ आया ओबीसी का एक हिस्सा भी उसे छिटक सकता है.
दांव चलती रहेगी बीजेपी
महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े पार्टी रणनीतिकारों के अनुसार वैसे तो पिछले कुछ सालों में यह कांग्रेस के सामान्य चुनावी सर्तकता प्रोटोकॉल का हिस्सा बन गया है मगर कांग्रेस नेताओं के अनुसार पिछले दो-तीन महीने के दौरान अमरावती से लेकर नासिक आदि में हुए घटनाक्रमों से साफ है कि भाजपा चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए हर संभव दांव चलती रहेगी.
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