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चीन ने तवांग से 150 किमी की दूरी पर की जंगी तैयारी
फाइटर जेटस और ड्रोन किए तैनात
बीजिंग. एक तरफ हमारे नेता तवांग मुद्दे को लेकर संसद में हंगामा कर रहे हैं वहीं चीन ने तवांग में भारतीय सीमा के नजदीक बड़े पैमाने पर युध्द तैयारी कर ली है। ताजा सैटलाइट तस्वीरों के मुताबिक तवांग से कुछ ही दूरी पर स्थित तिब्बत के कई एयरबेस पर चीन ने बड़े पैमाने पर फाइटर जेट और ड्रोन विमान तैनात किए हैं। चीन के इन हथियारों के निशाने पर सीधे तौर पर भारत का पूर्वोत्तर का इलाका है।
भारत ने चीनी विमानों को भारतीय सीमा के पास देखा था। तवांग से मात्र 150 किमी की दूरी पर स्थित बांग्डा एयरबेस पर चीन ने अपने अत्याधुनिक डब्लू जेड-7 ‘सोरिंग ड्रैगन’ ड्रोन को तैनात किया है। यह ड्रोन विमान खुफिया जासूसी और निगरानी करने में माहिर माना जाता है। यही नहीं यह ड्रोन विमान जमीन पर हमला करने के लिए क्रूज मिसाइलों को डेटा ट्रांसमिट कर सकता है। 14 दिसंबर की बांगडा एयरबेस की तस्वीरें बताती हैं कि दो फाइटर जेट एयरबेस पर मौजूद हैं.
संसद में चीन पर चिकचिक
दिल्ली.संसद में चीन मामले को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीचजमकर तकरार जारी है।सोमवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और सदन के नेता पीयूष गोयल के बीच नोंकझोंक के बाद कांग्रेस सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए वॉकआउट कर दिया। खड़गे ने शून्यकाल के दौरान चीन के सीमा अतिक्रमण मामले को उठाते हुये इस पर सदन में चर्चा कराने की मांग की। खड़गे का विरोध करते हुए सदन के नेता पीयूष गोयल ने उन्हें अपनी गरिमा न गिराने की सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में कांग्रेस के एक मंत्री ने स्वीकार किया था कि चीन ने 38 हजार किलोमीटर भारतीय जमीन कब्जा ली है। इस पर कांग्रेस सदस्य शोरगुल करने लगे।सभापति से चर्चा की अनुमति न मिलने से नाराज कांग्रेस सदस्यों ने कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
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PM मोदी ने द्वारका में लगाई आस्था की डुबकी
श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी के किए दर्शन
द्वारका. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के द्वारका में समुद्र में गहरे पानी के अंदर गए और भगवान श्रीकृष्ण की नगरी के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि यह एक दिव्य अनुभव था। उन्होंने उस स्थान पर प्रार्थना की जहां जलमग्न द्वारका नगरी है। उन्होंने कहा कि इस अनुभव ने मेरे सामने भारत की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक जड़ों के साथ एक दुर्लभ और गहरा संबंध प्रस्तुत किया।
Dwarka Darshan under the waters…where the spiritual and the historical converge, where every moment was a divine melody echoing Bhagwan Shri Krishna’s eternal presence. pic.twitter.com/2HPGgsWYsS
— Narendra Modi (@narendramodi) February 25, 2024
मोर पंख लेकर गए
पीएम मोदी अपने साथ भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करने के लिए समुद्र के अंदर मोर पंख लेकर गए थे। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘पानी में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें’। इसके बाद उन्होंने ओखा को बेट द्वारका से जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु का लोकार्पण किया। उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया।
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19 साल से ‘लटका’ है पुल
सरकारें बदलीं पर, किस्मत नहीं बदली
बरसात में लोग जान हथेली पर रखकर नदी को पार करते हैं
आसिफाबाद. रमेश सोलंकी. कुमरम भीम आसिफाबाद मंडल में गुंडी के ग्राम में नदी पर पुल का निर्माण अधूरा होने के कारण ग्रामीणों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गुंडीवागु पुल का निर्माण 2005 में शुरू हुआ था। करीब 19 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक पुल लटका हुआ है। ग्रामवासियों को आसिफाबाद जाने-आने के लिए नाव में बैठकर नदी पार करनी पड़ती है।
आसिफाबाद से गुंडी ग्राम जाने के लिए ग्रामीण ऑटो और बाइक नदी किनारे खड़ी करके तैरकर भी आना-जाना करते हैं। बारिश के मौसम मेंआसिफाबाद के कोमराम भीम प्रोजेक्ट के पानी का स्तर बढ़ने पर नदी में पानी का स्तर बढ़ जाता है। जिसके कारण ग्रामीणों को आसिफाबाद को आने के लिए और आसिफाबाद से गुंडी ग्राम को जाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
नाव से आना – जाना पड़ता है
ग्राम वासियों को नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है। नाव वाले ₹20 प्रति व्यक्ति से वसूलते हैं। हर साल न केवल गुंडी गांव के लोगों को बल्कि नंदुपा, चोरपल्ली, कनारगाम और अन्य गांवों के लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छात्र और मरीज बहुत परेशान है। नदी के दोनों और ऑटो वाले सवारियों का इंतजार करते हुए दिखाई देते हैं। जो बाइक से गांव जाने वाले बाइक को नदी किनारे खड़ा करके नदी पार करके अपने गांव जाते हैं। उनको रात में यह डर सताता है कि उनकी बाइक चोरी न हो जाए।
चुनाव के बाद भूल जाते हैं नेता
ग्राम वासियों का कहना है कि चुनाव के समय में नेता पुल का निर्माण कार्य पूर्ण करने का वादा करके ग्राम वासियों से वोट मांगते हैं और चुनाव जीतने के बाद गायब हो जाते हैं। ग्रामीणों ने सरकार से अनुरोध किया है कि पुल का निर्माण जल्दी करें।
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