सब्सिडी बंद करने से विदर्भ के उद्योगपति मुश्किल में

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 विदर्भ के साथ  अन्याय क्यों :गिरधारी मंत्री

नागपुर. विदर्भ में उद्योगों को बढ़ावा देने और बेरोजगारी की समस्या कम करने के लिए पिछली बीजेपी सरकार ने 1,200 करोड़ रुपए की सब्सिडी की घोषणा की थी। लेकिन महाविकास आघाड़ी सरकार ने इस सब्सिडी को अचानक बंद कर दिया। जिससे विदर्भ के उद्योगपतियों की हालत दुबले पर दो आषाढ़ जैसी हो गई है। सब्सिडी बंद करने से विदर्भ के उद्योगपति संकट में हैं। 

एक तरफ कोरोना से धंधा चौपट हो गया है तो दूसरी तरफ सब्सिडी खत्म हो गई है। बीजेपी के विदर्भ संयोजक गिरधारी मंत्री का कहना है कि आखिर इस हालात में उद्योगपति क्या करे? ऐसी स्थिति में विदर्भ का विकास कैसे होगा?

सोलर सिस्टम लगाया जाए

गिरधारी मंत्री कहते हैं कि जब भी सोलर सिस्टम लगाने की बात होती है तो विदर्भ के साथ अन्याय किया जाता है। मुंबई, पुणे के बारे में पहले सोचा जाता है। मंत्री पूछते हैं ऐसा पक्षपातपूर्ण रवैय्या क्यों? विदर्भ से मुंबई, पुणे को बिजली आपूर्ति की जाती है और विदर्भ में बिजली कटौती। विदर्भ के साथ ये अन्याय क्यों?

सब्सिडी बंद करने से विदर्भ के उद्योगपति संकट में

उन्होंने कहा कि 750 एकड़ खाली जमीन पर सोलर सिस्टम लगाया जाए। क्योंकि जली हुई राख को जमीन में गाड़ा जा रहा है, जिससे मिट्टी की उर्वरता नष्ट हो रही है और मिट्टी प्रदूषण जैसी समस्या पैदा हो रही है।

बालासाहेब की याद दिलाई

मंत्री ने बालासाहेब की याद दिलाते हुए कहा कि एक बार रामटेक में आयोजित एक जनसभा में माननीय बालासाहेब ने सार्वजनिक रूप से चुनौती दी थी कि अगर  विदर्भ के लोगों को न्याय नहीं मिला तो मैं खुद विदर्भ के लिए न्याय की मांग करूंगा। 

उन्होंने सीएम उध्दव ठाकरे को इस बयान की याद दिलाते हुए कहा कि वे बालासाहेब के वचन को पूरा करके विदर्भवासियों को न्याय दिलाएं।

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