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क्या आपको डायबिटीज है….शुगर कैसे कंट्रोल करें, जानें यहां

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ज बदलती जीवन शैली और खान-पान के कारण डायबिटीज एक आम बीमारी बन गई है। यही कारण है कि बच्चे,युवा से लेकर बूढ़े लोग तक इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। शुगर की बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। हमारे देश में 6 करोड़ से अधिक लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। 

यह एक ऐसा रोग है जो धीरे-धीरे शरीर को खोखला कर देता है। एक बार यह बीमारी हो जाए और इसे नजरअंदाज किया जाए तो इसका जीवनभर साथ रहता है। 

डायबिटीज के प्रति जागरूकता की कमी की वजह से शुगर पेशेंट बीमारी को हल्के में लेता है। वह बीमारी से जुड़े कई सवालों के बीच में फंस जाता है। लेकिन उसको सही जवाब नहीं मिल पाता है। फिर वह एलौपेथि इलाज के चक्कर में पड़ता है। जहां उसको कोई फायदा नहीं होता। आयुर्वेद में इस बीमारी का सटीक इलाज है। कुछ समय जरूर लगता है लेकिन मरीज को फायदा भी मिलता है और दवाओं का साइड इफेक्ट भी नहीं होता है ।

क्या शुगर कंट्रोल हो सकती है?

शिवशंकर आयुर्वेदिक एजेंसी के Dr. Atul Telrandhe बताते हैं कि आयुर्वेद एक प्राचीन शास्त्र है। इसमें प्रमेह के 20 वें प्रकार के रूप में मधुमेह का उल्लेख किया गया है। शुगर या डायबिटिस 3 प्रकार की होती है। टाईप-1, टाईप-2 और गर्भावस्था में होने वाली शुगर। वे बताते हैं कि मधुसूदन डीएक्स कैप्सूल, मधुसूदन पाऊडर, शिलाजीत रस , वसंतकुसुमागर रस आदि आयुर्वेदिक औषधियां डायबिटीज में अत्यंत लाभकारी हैं। इन दवाओं से न केवल शुगर लेबल में आती है बल्कि डायबिटीज से होने वाली अन्य बीमारियों में भी लाभ मिलता है। लेकिन इन्हें किसी चिकित्सक से परामर्श करने के बाद ही लेना चाहिए।

शिवशंकर आयुर्वेद एजेंसी ही क्यों?

वैसे तो डायबिटीज का इलाज कई जगह होता है लेकिन शिवशंकर आयुर्वेद एजेंसी की यह खासियत है कि  यहां अनुभवी वैद्य सलाहकारों और चिकित्सकों व्दारा शुगर पेशेंट का न केवल इलाज किया जाता है बल्कि उनका मार्गदर्शन भी किया जाता है। उन्हें ये भी बताया जाता है कि कैसे संतुलित आहार और नियमित दिनचर्या में बदलाव करके भी शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। यही वजह है कि यहां दूर-दूर से मरीज आते हैं। 

 Creadit/ Shankhnaad News

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बहू-बेटियां सावधान : हाईकोर्ट ने कहा – दांत हथियार नहीं

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महिला ने ससुराल पक्ष पर काटे जाने का आरोप लगाया

वेबडेस्क,औरंगाबाद

एक महिला ने  ससुराल पक्ष के ऊपर दांतों से काटने पर धारदार हथियार से हमला करने और चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था। हाईकोर्ट की संभाजीनगर (औरंगाबाद) पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इंसानी दांत को हथियार नहीं माना जा सकता।यहां हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला की ससुराल पक्ष पर दांत से काटे जाने का आरोप लगाया था। बंबई हाईकोर्ट ने महिला द्वारा उसके ससुराल वालों के खिलाफ की गई शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि मानव दांतों को ऐसा खतरनाक हथियार नहीं माना जा सकता है, जिससे गंभीर नुकसान की संभावना हो।हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ की जज विभा कंकनवाड़ी और न्यायमूर्ति संजय देशमुख ने 4 अप्रैल को अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता के चिकित्सा प्रमाणपत्र से पता चलता है कि दांतों के निशान से उसे केवल मामूली चोट लगी। इसी चोट के आधार पर महिला ने अप्रैल 2020 में एफआईआर दर्ज करवाई थी।

यह है मामला

थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक ससुराल पक्ष के साथ हाथापाई के दौरान एक रिश्तेदार ने महिला को काट लिया, जिससे उसे खतरनाक नुकसान पहुंचा। पुलिस के मुताबिक महिला की शिकायत के आधार पर आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता के अनुसार चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था।

हाईकोर्ट का फैसला

  • मानवीय दांतों को खतरनाक हथियार नहीं कहा जा सकता।
  • इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपियों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए केस को खारिज कर दिया।
  •  मामले में शिकायतकर्ता के मेडीकल सर्टिफिकेट से पता चलता है कि दांतों से केवल साधारण चोट लगी थी। इसके कारण यहां पर धारा 324 के तहत अपराध नहीं बनता है। ऐसे में ससुराल पक्ष या अभियुक्त पर केस चलाना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करना होगा।

क्या कहता है कानून

आपको बता दें भारतीय दंड संहिता की धारा 324 (खतरनाक हथियार का उपयोग करके चोट पहुंचाना) के तहत, चोट किसी ऐसे उपकरण से लगी होनी चाहिए जिससे मृत्यु या गंभीर नुकसान होने की आशंका हो अगर ऐसा नहीं है तो यह मामला नहीं बनता है

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मुगलों ने 70% भारत को शिक्षित किया था : भागवत

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मुगलों ने 70% भारत को शिक्षित किया था। फिर क्या हुआ?

 

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नकली नोट छापने वाले 8 गिरफ्तार

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वारंगल/ आसिफाबाद .( रमेश सोलंकी):वारंगल पुलिस ने नकली नोट छापने वाले 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।  उनके पास से भारी मात्रा में नकली नोट बरामद किए गए हैं। पुलिस ने 38.84 लाख रुपये नकद, 21 लाख रुपये के नकली नोट, एक कार और नौ मोबाइल फोन के साथ ही नकली नोट छापने में इस्तेमाल होने वाला कागज भी जब्त किया।

  पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा

गिरोह के मुख्य आरोपी की पहचान भद्राद्री कोठागुडेम जिले के मणिकला कृष्णा (57) के रूप में हुई है।  जल्दी से पैसा कमाने के लिए उसने नकली मुद्रा चलाने की योजना बनाई।  इसके लिए उन्होंने हन्माकोंडा के एर्रागोल्ला श्रीनिवास के साथ मिलकर काम किया। श्रीनिवास ने उसे हन्माकोंडा में नकली नोट सौंपने को कहा।  कृष्णा ने शर्त मान ली। समझौते के अनुसार, कृष्णा चार अन्य लोगों के साथ शुक्रवार रात वारंगल आउटर रिंग रोड पर पेगडापल्ली चौराहे पर एक कार में पहुंचे।  श्रीनिवास और दो अन्य आरोपी पहले से ही वहां मौजूद थे।  पुलिस गश्ती दल ने उन्हें नोटों की अदला-बदली करते समय पकड़ लिया।  पूछताछ करने पर कमिश्नर ने बताया कि आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है।इस गिरोह के मुख्य आरोपी कृष्णा के खिलाफ पहले भी सथुपल्ली, वीएम बंजारा और लक्ष्मी देवी पेटा पुलिस थानों में 500 रुपये के नकली नोट छापने और अपने दोस्तों के साथ मिलकर उन्हें चलाने के मामले दर्ज हैं।

बांसवाड़ा तक जुड़ें हैं तार

हाल ही में पुलिस को सूचना मिली कि कामारेड्डी जिले के बिचकुंडा में एक व्यापारी नकली नोट चला रहा है।  पुलिस उस पर नज़र रख रही थी।  वह किससे मिल रहा है?  इस बात की जानकारी जुटाई गई कि वह चोरी के नोट कैसे इकट्ठा करता था।  पूरी जानकारी मिलने के बाद इसे सील कर दिया गया।  पुलिस को पता चला कि वह हैदराबाद से बांसवाड़ा और वहां से बिचकुंडा तक नकली नोट ला रहा था।

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