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झुक गई सरकार

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हिट-एंड-रन : सरकार बोली- कानून नहीं होगा लागू

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि हिट एंड रन कानून फिलहाल लागू नहीं होगा। गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि फिलहाल यह कानून लागू नहीं हुआ है। हिट-एंड-रन मामलों में कड़ी सजा के खिलाफ ड्राइवरों द्वारा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी ट्रक ड्राइवरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिए शाम को ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सदस्यों से मुलाकात की। इस बैठक के बाद ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने ट्रक मालिकों से काम पर लौटने का आह्वान किया।

क्या कहा सरकार ने

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा, “हमने ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों से चर्चा की। सरकार कहना चाहती है कि नया नियम अभी लागू नहीं किया गया है, हम सभी कहना चाहते हैं कि भारतीय न्याय संहिता 106/2 लागू करने से पहले हम ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेंगे और उसके बाद ही हम कोई निर्णय लेंगे।”

यह है मामला

भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (1) पुराने भारतीय दण्ड विधान की धारा 304-ए का ही नवीनतम स्वरूप है जिसके तहत सड़क दुर्घटना के प्रकरण में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी वाहन चालक को 5 वर्ष की सजा का ही प्रावधान रखा गया। किन्तु ‘हिट एण्ड रन’ के तहत लाये गये नये कानून की धारा 106(2) में दोषी वाहन चालक जो सड़क दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति को ठोकर मारकर भाग जाते है जिसके कारण पीड़ित व्यक्ति ईलाज के अभाव में मौके पर ही दम तोड़ देते है तथा ऐसे प्रकरण में पीड़ित के परिवार शासन से मिलने वाले मुआवजे से वंचित रहना पड़ जाता है। ऐसे सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं दोषी चालकों पर कठोर कार्यवाही के लिए 10 वर्ष तक की सजा एवं जुर्माने (राशि निर्धारित नहीं है) का प्रावधान रखा गया है। ये नए कानून सड़क दुर्घटना में अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए बनाए गए हैं। ये कानून दोपहिया, तीन पहिया से लेकर कार, ट्रक, टैंकर, बस समेत सभी वाहनों पर लागू होंगे।

बात को समझें

केन्द्र सरकार द्वारा सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण हेतु ‘हिट एण्ड रन’ के तहत लाये गये नये कानून सभी प्रकार के वाहनों पर लागू किया गया है किन्तु ट्रक/बस ड्राइवर एवं ट्रांसपोर्टर ऑपरेटरों द्वारा कानून का विरोध किया जा रहा है। ट्रक ड्राइवर 10 वर्ष की सजा एवं 7 लाख रूपये जुर्माना लगाये जाने का विरोध कर चक्काजाम किया जा रहा है जबकि ऐसा बिल्कुल भी नही है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) में जुर्माने की राशि का कोई उल्लेख नही है। नये कानून में केवल उन्ही वाहन चालक को 10 वर्ष सजा का प्रावधान है जो दुर्घटना कर भाग जाते हैं।

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बहू-बेटियां सावधान : हाईकोर्ट ने कहा – दांत हथियार नहीं

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महिला ने ससुराल पक्ष पर काटे जाने का आरोप लगाया

वेबडेस्क,औरंगाबाद

एक महिला ने  ससुराल पक्ष के ऊपर दांतों से काटने पर धारदार हथियार से हमला करने और चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था। हाईकोर्ट की संभाजीनगर (औरंगाबाद) पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इंसानी दांत को हथियार नहीं माना जा सकता।यहां हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला की ससुराल पक्ष पर दांत से काटे जाने का आरोप लगाया था। बंबई हाईकोर्ट ने महिला द्वारा उसके ससुराल वालों के खिलाफ की गई शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि मानव दांतों को ऐसा खतरनाक हथियार नहीं माना जा सकता है, जिससे गंभीर नुकसान की संभावना हो।हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ की जज विभा कंकनवाड़ी और न्यायमूर्ति संजय देशमुख ने 4 अप्रैल को अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता के चिकित्सा प्रमाणपत्र से पता चलता है कि दांतों के निशान से उसे केवल मामूली चोट लगी। इसी चोट के आधार पर महिला ने अप्रैल 2020 में एफआईआर दर्ज करवाई थी।

यह है मामला

थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक ससुराल पक्ष के साथ हाथापाई के दौरान एक रिश्तेदार ने महिला को काट लिया, जिससे उसे खतरनाक नुकसान पहुंचा। पुलिस के मुताबिक महिला की शिकायत के आधार पर आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता के अनुसार चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था।

हाईकोर्ट का फैसला

  • मानवीय दांतों को खतरनाक हथियार नहीं कहा जा सकता।
  • इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपियों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए केस को खारिज कर दिया।
  •  मामले में शिकायतकर्ता के मेडीकल सर्टिफिकेट से पता चलता है कि दांतों से केवल साधारण चोट लगी थी। इसके कारण यहां पर धारा 324 के तहत अपराध नहीं बनता है। ऐसे में ससुराल पक्ष या अभियुक्त पर केस चलाना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करना होगा।

क्या कहता है कानून

आपको बता दें भारतीय दंड संहिता की धारा 324 (खतरनाक हथियार का उपयोग करके चोट पहुंचाना) के तहत, चोट किसी ऐसे उपकरण से लगी होनी चाहिए जिससे मृत्यु या गंभीर नुकसान होने की आशंका हो अगर ऐसा नहीं है तो यह मामला नहीं बनता है

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मुगलों ने 70% भारत को शिक्षित किया था : भागवत

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मुगलों ने 70% भारत को शिक्षित किया था। फिर क्या हुआ?

 

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नकली नोट छापने वाले 8 गिरफ्तार

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वारंगल/ आसिफाबाद .( रमेश सोलंकी):वारंगल पुलिस ने नकली नोट छापने वाले 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।  उनके पास से भारी मात्रा में नकली नोट बरामद किए गए हैं। पुलिस ने 38.84 लाख रुपये नकद, 21 लाख रुपये के नकली नोट, एक कार और नौ मोबाइल फोन के साथ ही नकली नोट छापने में इस्तेमाल होने वाला कागज भी जब्त किया।

  पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा

गिरोह के मुख्य आरोपी की पहचान भद्राद्री कोठागुडेम जिले के मणिकला कृष्णा (57) के रूप में हुई है।  जल्दी से पैसा कमाने के लिए उसने नकली मुद्रा चलाने की योजना बनाई।  इसके लिए उन्होंने हन्माकोंडा के एर्रागोल्ला श्रीनिवास के साथ मिलकर काम किया। श्रीनिवास ने उसे हन्माकोंडा में नकली नोट सौंपने को कहा।  कृष्णा ने शर्त मान ली। समझौते के अनुसार, कृष्णा चार अन्य लोगों के साथ शुक्रवार रात वारंगल आउटर रिंग रोड पर पेगडापल्ली चौराहे पर एक कार में पहुंचे।  श्रीनिवास और दो अन्य आरोपी पहले से ही वहां मौजूद थे।  पुलिस गश्ती दल ने उन्हें नोटों की अदला-बदली करते समय पकड़ लिया।  पूछताछ करने पर कमिश्नर ने बताया कि आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है।इस गिरोह के मुख्य आरोपी कृष्णा के खिलाफ पहले भी सथुपल्ली, वीएम बंजारा और लक्ष्मी देवी पेटा पुलिस थानों में 500 रुपये के नकली नोट छापने और अपने दोस्तों के साथ मिलकर उन्हें चलाने के मामले दर्ज हैं।

बांसवाड़ा तक जुड़ें हैं तार

हाल ही में पुलिस को सूचना मिली कि कामारेड्डी जिले के बिचकुंडा में एक व्यापारी नकली नोट चला रहा है।  पुलिस उस पर नज़र रख रही थी।  वह किससे मिल रहा है?  इस बात की जानकारी जुटाई गई कि वह चोरी के नोट कैसे इकट्ठा करता था।  पूरी जानकारी मिलने के बाद इसे सील कर दिया गया।  पुलिस को पता चला कि वह हैदराबाद से बांसवाड़ा और वहां से बिचकुंडा तक नकली नोट ला रहा था।

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