शनि ने बदली चाल, मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

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ढैया तथा साढ़े साती से बचने का खोज रहे उपाय

नागपुर. 17 जनवरी को शनि देव मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं. इस राशि परिवर्तन की वजह से कई राशि के जातकों ने शनि की ढैया तथा साढ़े साती और दशा-महादशा से बचने के लिए शांति के उपाय खोजने शुरू कर दिए हैं. इस बार शनि देव अपनी ही राशि में परिवर्तन करके विराजमान हुए हैं. ज्योतिषियों के अनुसार मकर राशि से कुंभ राशि में आगमन होने पर शनि देव का प्रभाव और बढ़ गया है. 12 राशियों में से 8 राशियां शनि के प्रभाव से ग्रस्त दिखाई दे रही हैं, इसलिए मंदिरों में शनि देव से पीड़ित भक्तों द्वारा शनि देव का तेल अभिषेक पूजन, शनि के वैदिक और पौराणिक मंत्रों से पूजन, मंत्रों से जाप आदि का सिलसिला शुरू हो गया है. ज्योतिषियों का कहना है कि नवग्रह में शनि देव लंबे समय के बाद राशि परिवर्तन करते हैं. बाकी ग्रहों का राशि परिवर्तन अवधि इस शनि देव से कम अवधि मानी जाती है, इसलिए शनि देव ढाई साल तक एक ही राशि में विचरण करते हैं और 3 राशियों में विचरण करने के बाद साढ़े सात साल के रूप में जातक को शुभ अशुभ प्रभाव देते हैं. शनि के प्रकोप से बचने के लिए भक्त हनुमान मंदिरों व शनि मंदिरों की शरण में पहुंच रहे हैं.

 इन राशियों पर ढैय्या

 कर्क तथा वृश्चिक

इन पर साढ़े साती

मकर, कुंभ, मीन

इनके लिए शुभ नहीं

मिथुन, सिंह, तुला

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