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अब 4 डे वीक, बढ़ेगा पीएफ!  

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वेब डेस्क.दिल्ली. केंद्र सरकार  ने नए लेबर कोड्स को  जुलाई से लागू कर सकती  है. अब कर्मचारियों के हफ्ते में काम के दिन घट जाएंगे. साथ ही उन्हें पीएफ में वृद्धि जैसे कई दूसरे फायदे भी मिलेंगे. केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार कल्याण मंत्रालय ने पिछले वर्ष इन लेबर कोड्स के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया था.

हफ्ते में 48 घंटे काम

लेबर कोड्स लागू होने के बाद कर्मचारियों के हफ्ते में काम के दिन घट जाएंगे. नए नियम से कर्मचारियों के हफ्ते में काम के दिन 5 से घटकर 4 रह सकते हैं. अर्थात कर्मचारियों को हफ्ते में 3 दिन छुट्टी मिलेगी. लेकिन कर्मचारियों के रोजान के काम के घंटे बढ़ जाएंगे. नियम के अनुसार एक हफ्ते में 48 घंटे काम करना होगा. इसका मतलब है कि एक वर्किंग डे में 12 घंटे काम करना होगा. नियम के अनुसार एक कर्मचारी को हफ्ते में 48 घंटे काम करना होगा. हफ्ते में 4 वर्किंग डे के हिसाब से 1 दिन में 12 घंटे काम करना होगा. अब अगर किसी कर्मचारी से हफ्ते में 12 घंटे से अधिक काम कराया जाता है, तो उसे ओवर टाइम दिया जाएगा. लेकिन कर्मचारी 3 माह में 125 घंटे से ज्यादा ओवरटाइम पर भी काम नहीं कर सकते.

बेसिक सैलरी में होगी बढ़ोतरी

नए लेबर कोड्स के अनुसार किसी भी कर्मचारी को लगातार 5 घंटे से अधिक काम नहीं करवाया जा सकता है. लगातार 5 घंटे काम करने के बाद कर्मचारी को आधे घंटे का ब्रेक देना होगा. नए वेज रूल से कर्मचारी की सीटीसी में भी काफी बदलाव आने वाले हैं. नए वेज रूल के तहत सारे भत्ते कुल सैलरी के 50% से अधिक नहीं हो सकते. इसके चलते कर्मचारी की बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी होगी. वर्तमान में कंपनियां सीटीसी का 25-30%  हिस्सा ही बेसिक सैलरी में रखती हैं. ऐसे में सभी तरह के अलाउंस 70 से 75% तक होते हैं. इन अलाउंस के कारण कर्मचारियों के खाते में अधिक सैलरी आती है, क्योंकि तमाम तरह के डिडक्शन बेसिक सैलरी पर होते हैं. बेसिक सैलरी बढ़ने से कर्मचारी की इन हैंड सैलरी या टेक होम सैलरी कम हो जाएगी. लेकिन ग्रेच्युटी, पेंशन और कर्मचारी व कंपनी दोनों का ही पीएफ में योगदान बढ़ जाएगा. इसका मतलब है कि कर्मचारी की बचत बढ़ जाएगी.

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अब आपको नहीं लगाने होंगे डॉक्टरों के चक्कर

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हर डॉक्टर की होगी यूनिक  ID

वेबडेस्क, महाराष्ट्र खबर24

अब आपको सही इलाज के लिए डॉक्टरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है. क्योकि हर डॉक्टर की यूनिक आईडी होगी जिससे आपको उस डॉक्टर के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध होगी. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बीमारी का सही इलाज हो सकेगा. आपको भटकना नहीं पड़ेगा.देश में अब हर डॉक्टर की एक अलग पहचान होगी. उन्हें एक यूनिक आईडी नंबर दिया जाएगा. सरकार ने सभी डॉक्टरों के लिए नेशनल मेडिकल रजिस्टर (एनएमआर) में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. डॉक्टरों को MBBS सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन और आधार कार्ड सबमिट करना होगा. इस पोर्टल को नेशनल मेडिकल कमीशन ने तैयार किया है.

इसलिए पड़ी जरूरत

नेशनल मेडिकल कमीशन के एक अधिकारी के मुताबिक, आज तक हमारे पास ऐसा कोई डेटा नहीं था, जो यह बता सके कि देश में कुल कितने डॉक्टर हैं. हालांकि, एक अनुमानित संख्या है, लेकिन सही आंकड़े अब पता चलेंगे. इसके अलावा कितने डॉक्टरों ने देश छोड़ दिया. कितने डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द हुआ. कितने डॉक्टरों की जान गई. ये सारी जानकारी अब एक पोर्टल पर दिखेगी. अधिकारी के मुताबिक, करीब 13 लाख से ज्यादा डॉक्टर इससे जुड़ सकते हैं.

रजिस्ट्रेशन शुरू,  आप भी देख सकेंगे

 डेटा नेशनल मेडिकल कमीशन के सचिव डॉ. बी श्रीनिवास ने कहा, पोर्टल पर तत्काल प्रभाव से डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन शुरु हो गया है. इसमें कुछ डेटा आम लोगों को दिखाई देंगा. बाकी जानकारी नेशनल मेडिकल कमीशन, स्टेट मेडिकल काउंसिल, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जॉमिनेशन, एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड और मेडिकल इंस्टीट्यूट को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार दिखाई देंगे.

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अब ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी

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1 अक्टूबर से लागू होगी नई दरें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, हार्स रेसिंग और कैसिनो पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू करने का फैसला किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी की दर 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगी। इसे लागू होने के छह महीने बाद एक बार फिर से इसपर रिव्यू किया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग और हॉर्स रेसिंग पर 28% जीएसटी की समीक्षा अगले छह महीने में की जाएगी। बैठक में विदेशी गेमिंग कंपनियों पर भी सख्ती करने पर सहमति बनी है।

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बर्नआउट नहीं होने देते छोटे-छोटे ब्रेक्स

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अक्सर हम काम करते- करते थक जाते हैं, तो किसी पर भी झल्ला पचटते हैं, फोकस नहीं  कर पाते. इस दौरान बर्नआउट होना स्वाभाविक है. अपनी मेंटल हेल्थ को बनाए रखने  के लिए तनाव को दूर करना ज़रूरीहै. अक्सर देखा जाता है कि हम ऑफिस के काम को लेकर तनाव में रहते हैं. ऑफिस स्ट्रेस का  हमारी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है. जिसके कारण ढेरों बीमारियां और इंफेक्शन हमें घेर लेते हैं. माइंड को रिलैक्स रखने और वर्कप्लेस पर तनाव को दूर करने के लिए इन टिप्स को अपने रूटीन में शामिल करें-

ब्रेक जरूर  लें :  ऑफिस में लगातार काम करने से बचें. ब्रेक लेकर थोड़ा टहलें. इसके अलावा रिलैक्स होने के लिए सीधे खड़े होकर अपने हाथों को इधर-उधर घुमाएं. इस दौरान ऑफिस मे करने वाले सहयोगियों से बातचीत करें.

काम की लिस्ट  बना लें :  ऑफिस में कामों की सूची बना लें. इससे काम मे लगने वाला समय पता चल जाएगा. हर काम को बराबर समय मिल जाएगा और कोई काम भी नहीं छुटेगा. इससे तनाव कम हो जाएगा.

  काम पर फोकस : ऑफिस काम करने के दौरान कई तरह से आपका काम डिस्टर्ब होता है. इसमें फोन कॉल और ईमेल आना है. इसके बार-बार चेक करने से भी तनाव बढ़ता है. आप इसके लिए एक समय निर्धारित कर दें. जिससे आप अपने काम पर फोकस कर सकेंगे और तनाव से दूर रहेंगे.

पर्याप्त नींद जरूरी : ऑफिस के तनाव के कारण लोगों रात को नींद नहीं आती है. इससे आपका तनाव और ज्यादा बढ़ जाता है और साथ ही बीमार हो जाते हैं. इसलिए पर्याप्त नींद लेनी चाहिए. इससे तनाव कम हो जाता है.

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