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केसीआर के अराजक शासन को जड़ से उखाड़ फेकेंगे : रेवंत रेड्डी
रमेश सोलंकी . आदिलाबाद. निजाम सरकार से मुक्ति पाने के लिए इंद्रवेली से क्रांति का आगाज हुआ था। आदिवासियों के वीरों ने निजाम सरकार से मुक्ति दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इन्हीं की याद में क्रांतिकारी शहीदों के स्मारक स्तंभ बनाया गया है। सोमवार के दिन तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी इंद्रावेली से केसीआर के खिलाफ अपनी क्रांति शुरू की है।
केसीआर सरकार को घेरने के लिए अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर इंद्रावेली में क्रांतिकारी शहीद स्मारक स्तंभ के पास 1लाख लोगों से अधिक संख्या से आदिवासी दंडोरा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आपको बता दें कि तेलंगाना गठन होने के बाद कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से तेलंगाना राज्य में कमजोर हो चुकी है। लेकिन तेलंगाना के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को बागडोर सौंपने के बाद पूरे तेलंगाना मंत युवाओं में एक साथ उत्साह बढ़ गया है।
इंद्रावेली में आदिवासी दंडोरा कार्यक्रम में कांग्रेस के युवाओं नेताओं ने भारी मात्रा में भीड़ जुटाई। टीपीसीसी के अध्यक्ष रेवंतरेड्डी ने केसीआर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राव का राज्य जाए और गरीबों और कमजोर वर्ग का राज्य आए। उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य में अराजक शासन के लिए उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी। सीएम केसीआर ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं जिस प्रकार से अराजकता अनियमितता का व्यवहार किया है केसीआर को 20 महीने के बाद ब्याज के साथ वापस देने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह फार्म हाउस की दीवारें तोड़ देंगे और केसीआर को चारलापल्ली जेल भेज देंगे। कल तक का हिसाब कुछ और था लेकिन आज से हिसाब कुछ और है और अगर हमारे किसी कार्यकर्ताओं पर अवैध रूप से मामले दर्ज किए गए तो उनको ब्याज के साथ वापस दूंगा।
सोमवार को आदिलाबाद जिले के इंद्रवेली शहीद स्तूप पर कांग्रेस पार्टी के तत्वावधान में दलित एवं आदिवासी दंडोरा स्वाभिमानी सभा का आयोजन किया गया। शहीदों के स्तंभ पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद रेवंत ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दंडोरा इंद्रवेली से सरकार को घेरने आया हूं जिसका इतिहास राज्य तेलंगाना को मुक्त कराने के लिए संघर्षों का इतिहास रहा है। दलित को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के कुछ दिनों बाद अन्यायपूर्ण तरीके से बर्खास्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि मैं इंद्रावेली में 21 अप्रैल को आया था और यहां पर आने के लिए सरकार ने मुझे इजाजत भी नहीं दी और उल्टा मुझे डराया गया कि ये नक्सलवादी एरिया है और आपकी जान को खतरा है। लेकिन मैंने किसी बात की परवाह करते हुए 21 अप्रैल को इंद्रावेली मैं शहीद स्थल पर आकर वीरों को श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि क्या आदिवासी और दलित सिर्फ हुजराबाद में ही हैं। हुजराबाद के दलितों को दस लाख रुपए देने की घोषणा की गई है। क्या तेलंगाना के किसी और जिले में आदिवासी और दलित नहीं है अगर तेलंगाना सरकार सचमुच ही दलित और आदिवासियों का भला चाहती है तो दलित बंधु योजना पूरे राज्य में लागू करने की बात कही। लेकिन पूरे तेलंगाना में दलित बंधु योजना लागू नहीं करेंगे क्योंकि हुजूराबाद में उपचुनाव होने के कारण अपनी चुनाव में हार को देखते हुए दलितों को भ्रम में डालने के लिए यह योजना लागू की है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के सभी विधायकों को विधायक से इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला जाए ताकि राज्य की 118 सीटों पर उपचुनाव हो तभी सभी दलितों को 10 लाख रुपये मिलेंगे।
केसीआर के सीएम बनने के बाद 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। और राज्य के प्रत्येक व्यक्ति का 1 लाख रुपये बकाया कर दिया है। मिशन भगीरथ के नाम पर ठेकेदारों को 50,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने के बाद भी लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कि मेरा जन्म दलित और आदिवासी परिवार में नहीं हुआ था, लेकिन मेरा जन्म नल्लामल्ला जंगल में हुआ था, मैंने जंगली बच्चों की कठिनाइयों को देखा था। इसलिए मैं उनकी हर समस्याओं का समाधान करने के उनके साथ खड़ा हूं। दलित और आदिवासी दंडोरा की दूसरी बैठक इसी महीने की 18 तारीख को इब्राहिमपट्टनम में होगी। बैठक की अध्यक्षता मुलुगु विधायक सीताक्का ने की। इस कार्यक्रम में शब्बीर अली, विनोद, पूर्व एमएलसी प्रेमसागर राव, एआईसीसी कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष महेश्वर रेड्डी, पीसीसी महासचिव गंद्रत सुजाता, राज्य के नेता अडांकी दयाकर, श्रवणकुमार और आसिफाबाद कांग्रेस अध्यक्ष विश्व प्रसाद राव, कार्यकर्ता असद, अनिल व अन्य उपस्थित थे।
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PM मोदी ने द्वारका में लगाई आस्था की डुबकी
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श्री कृष्ण की द्वारिका नगरी के किए दर्शन
द्वारका. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के द्वारका में समुद्र में गहरे पानी के अंदर गए और भगवान श्रीकृष्ण की नगरी के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि यह एक दिव्य अनुभव था। उन्होंने उस स्थान पर प्रार्थना की जहां जलमग्न द्वारका नगरी है। उन्होंने कहा कि इस अनुभव ने मेरे सामने भारत की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक जड़ों के साथ एक दुर्लभ और गहरा संबंध प्रस्तुत किया।
Dwarka Darshan under the waters…where the spiritual and the historical converge, where every moment was a divine melody echoing Bhagwan Shri Krishna’s eternal presence. pic.twitter.com/2HPGgsWYsS
— Narendra Modi (@narendramodi) February 25, 2024
मोर पंख लेकर गए
पीएम मोदी अपने साथ भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करने के लिए समुद्र के अंदर मोर पंख लेकर गए थे। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘पानी में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें’। इसके बाद उन्होंने ओखा को बेट द्वारका से जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु का लोकार्पण किया। उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया।
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19 साल से ‘लटका’ है पुल
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सरकारें बदलीं पर, किस्मत नहीं बदली
बरसात में लोग जान हथेली पर रखकर नदी को पार करते हैं
आसिफाबाद. रमेश सोलंकी. कुमरम भीम आसिफाबाद मंडल में गुंडी के ग्राम में नदी पर पुल का निर्माण अधूरा होने के कारण ग्रामीणों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गुंडीवागु पुल का निर्माण 2005 में शुरू हुआ था। करीब 19 साल हो गए हैं लेकिन अभी तक पुल लटका हुआ है। ग्रामवासियों को आसिफाबाद जाने-आने के लिए नाव में बैठकर नदी पार करनी पड़ती है।
आसिफाबाद से गुंडी ग्राम जाने के लिए ग्रामीण ऑटो और बाइक नदी किनारे खड़ी करके तैरकर भी आना-जाना करते हैं। बारिश के मौसम मेंआसिफाबाद के कोमराम भीम प्रोजेक्ट के पानी का स्तर बढ़ने पर नदी में पानी का स्तर बढ़ जाता है। जिसके कारण ग्रामीणों को आसिफाबाद को आने के लिए और आसिफाबाद से गुंडी ग्राम को जाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
नाव से आना – जाना पड़ता है
ग्राम वासियों को नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है। नाव वाले ₹20 प्रति व्यक्ति से वसूलते हैं। हर साल न केवल गुंडी गांव के लोगों को बल्कि नंदुपा, चोरपल्ली, कनारगाम और अन्य गांवों के लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छात्र और मरीज बहुत परेशान है। नदी के दोनों और ऑटो वाले सवारियों का इंतजार करते हुए दिखाई देते हैं। जो बाइक से गांव जाने वाले बाइक को नदी किनारे खड़ा करके नदी पार करके अपने गांव जाते हैं। उनको रात में यह डर सताता है कि उनकी बाइक चोरी न हो जाए।
चुनाव के बाद भूल जाते हैं नेता
ग्राम वासियों का कहना है कि चुनाव के समय में नेता पुल का निर्माण कार्य पूर्ण करने का वादा करके ग्राम वासियों से वोट मांगते हैं और चुनाव जीतने के बाद गायब हो जाते हैं। ग्रामीणों ने सरकार से अनुरोध किया है कि पुल का निर्माण जल्दी करें।
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अभी तक की बड़ी खबरें
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