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सोलर कंपनी विस्फोट : शव के लिए बिलखते रहे लोग
फैक्टरी को घेरा, पुलिस बल तैनात
अमरावती-नागपुर रोड किया जाम
नागपुर. जिले में रविवार सुबह विस्फोटक बनाने वाली एक फैक्टरी में धमाके के साथ बड़ा हादसा हो गया जिसमें 6 महिलाओं समेत 9 लोगों की मौत हो गई। बता दें कि उपराजधानी में पूरी सरकार मौजूद है। हालांकि रविवार होने से दोनों सदनों का कामकाज नहीं हुआ। लेकिन आज सोमवार को इस मामले पर जोरदार हंगामा होने के आसार हैं।
परिजनों ने किया जमकर हंगामा
हादसे के बाद पीड़ित परिवार के लोग अपने करीबियों के शव को देखने फैक्टरी के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया, जिससे वहां पर तनाव की स्थिति बन गई। हादसे के बाद परेशान कर्मचारियों के रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों ने फैक्टरी के मेन गेट को घेर लिया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। बाद में पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया।
काफी देर तक शव वहीं फैक्टरी के अंदर ही रखे रहे। हादसे के शिकार कर्मचारियों के रिश्तेदारों और आक्रोशित लोगों ने शव देखने की मांग करते हुए अमरावती-नागपुर रोड को भी जाम कर दिया। उन्होंने फैक्टरी के मेन गेट के सामने नारे भी लगाए । वे अपने परिजनों के शव देखने के लिए परिसर के अंदर जाने की अनुमति देने की मांग कर रहे थे। इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।बता दें कि सोलर इंडस्ट्रीज कंपनी सशस्त्र बलों के लिए ड्रोन और विस्फोटक बनाती है।
‘ कुछ नहीं चाहिए, बेटी का शव दे दो’
हादसे में एक परिवार ऐसा भी है जिसकी दुनिया ही उजड़ गई क्योंकि घर का मुख्य कमाने वाला ही चला गया। हादसे के बाद बुजुर्ग पिता नीलकंठराव सहारे किसी तरह घटनास्थल के पास पहुंचते हैं। सुबह 9.30 बजे उन्हें जानकारी मिलती है कि उनकी 22 साल की बेटी आरती भी उन 9 लोगों में शामिल है जिसकी हादसे में मौत हो गई। वह अपने परिवार की कमाने वाली एकमात्र सदस्य थी।
पिता नीलकंठराव कुछ दिन पहले लकवे के शिकार हो गए और तब से लंगड़ाकर चलते हैं। घर में बोलने-सुनने में अक्षम उसकी मां और छोटी बहन रहती है। सहारे कहते हैं कि वह अपनी बेटी का शव को देखने के लिए सुबह 9.30 बजे से ही फैक्ट्री के गेट के बाहर खड़े हैं लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिल रहा। निराश पिता ने कहा, “मुझे कुछ नहीं चाहिए, बस मेरी बेटी का शव मुझे सौंप दो।” उन्होंने कहा कि बेटी की मौत के बाद मेरी पूरी दुनिया ही उजड़ गई है।
मौत ने रोक लिया
हादसे में 2 बच्चों की मां, 32 साल की रुमिता उइके की भी जान चली गई। घटनास्थल के पास ही खैरी क्षेत्र में रहने वाली रुमिता को रविवार को ही धामनगांव स्थित अपने पैतृक घर के लिए निकलना था। लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं मिल सकी । पिता देवीदास ने बताया कि रुमिता के दो बेटे हैं और उनका पति खेत मजदूर के रूप में काम करता है। देवीदास का भी कहना है, “हमें नहीं पता कि वे रुमिता का शव हमें कब सौंपा जाएगा। हम उसका इंतजार कर रहे हैं।”
5-5 लाख का मुआवजा
हादसे को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दुख जताते हुए इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और मौतों पर शोक व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देगी।