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स्वास्थ्य सेवा के लिए ‘योग’- ‘अध्यात्म’ जरूरी
श्री आयुर्वेद महाविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन
नागपुर,श्री आयुर्वेद महाविद्यालय एवं ब्रह्माकुमारी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान मे ‘स्वास्थ्य सेवा में मूल्यों का महत्व – एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण’ विषय पर शुक्रवार को कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला के प्रथम और व्दितीय सत्र में ‘स्वास्थ्य सेवा में आध्यात्मिक दृष्टिकोण एवं मन की शांति’ का महत्व विषय पर जानकी फाउंडेशन लंदन की मुख्य सचिव पूजा शर्मा, डॉ. निर्मल चन्ने, डॉ. उल्हास घोटकर, डॉ. उमा ढोले ने विभिन्न गतिविधियों द्वारा महाविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्र एवं अध्यापकों का मार्गदर्शन किया गया। साथ ही ब्रह्माकुमारी संस्थान की मंजू दीदी एवं वर्षा दीदी ने ‘‘राजयोग ध्यान’का महत्व बताया और सहभागियों द्वारा प्रात्यक्षिक भी करवाया।
इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में भारतीय वैद्यक समन्वय समिति के कार्याध्यक्ष डॉ. गोविंद प्रसाद उपाध्याय, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बृजेश मिश्रा, उपप्राचार्य डॉ. मृत्युंजय शर्मा, विदर्भ प्रांतीय आयुर्वेद महासम्मेलन की अध्यक्ष डॉ. अर्चना दाचेवार, पीएच.डी. प्रमुख डॉ. विनोद चौधरी, पी.जी. प्रमुख डॉ. सचिन चंडालिया, कार्यशाला के संयोजक डॉ. देवयानी ठोकळ प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
कार्यशाला के सत्र का संचालन डॉ. गायत्री व्यास एवं डॉ. जयकृष्ण छांगाणी ने किया एवं आभार प्रदर्शन डॉ. स्मिता कामडे एवं डॉ. सायली खंडेलवाल ने किया। इस कार्यशाला में कुल 100 सहभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने के लिए महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों का अमूल्य सहयोग प्राप्त हुआ।