Featured

‘उध्दव’ न बन जाएं शिंदे?

Published

on

मलाईदार विभागों पर फंसा पेंच

Webdesk, maharashtrakhabar24.com

Nagpur, 7 Dec.

(यह वीडियो शिंदे आर्मी ने अपने एक्स एकाउंट पर डाला है , जिसमें  साफ दिखाई दे रहा है किस तरह शरद पवार, उध्दव ठाकरे को रूम से बाहर जाने को कह रहें हैं.)

महाराष्ट्र में महायुति सरकार का गठन हो गया. चेहरे पुराने ही हैं, केवल पोर्टफोलियो में फेरबदल है. महाराष्ट्र को सीएम-डिप्टी सीएम मिलने के बाद अब सबकी नजर कैबिनेट विस्तार और पोर्टफोलियो पर है. मुख्यमंत्री पर तस्वीर साफ होने में 12 दिन लग गए. अब मंत्रिमंडल पर देरी हो रही है. अब पोर्टफोलियो बंटवारे को लेकर बात अटकी है. पहले सीएम पद के लिए एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच तकरार देखने को मिली थी. अब मंत्रिमंडल के विभागों के बंटवारे पर पेच फंस गया है. सूत्रों का कहना है कि एकनाथ शिंदे पहले डिप्टी सीएम पद के लिए मानने को तैयार नहीं थे. मगर देवेंद्र फडणवीस ने जब पोर्टफोलियो में सही बंटवारे का भरोसा दिया था, तब वह तैयार हुए. अब शिंदे होम मिनिस्ट्री पर अड़ चुके हैं. राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड़ से शिंदे की कई मुलाकातें यह भी संकेत दे रहीं हैं कि कहीं वे उध्दव ठाकरे की राह पर चलते हुए राकांपा से हाथ न मिला लें. राजनीति में कुछ भी संभव है.

 

सीट बंटवारे का फार्मूला

सूत्रों की मानें तो सबसे अधिक मंत्री भाजपा कोटे से ही बनेंगे. महायुति सरकार में भाजपा कोटे से 20 तो एकनाथ शिंदे की शिवसेना कोटे से 13 मंत्री बनेंगे. वहीं, अजित पवार वाली एनसीपी के कोटे से 10 मंत्री बन सकते हैं. यह सब तो तय है. पर असल मसला फंसा है कि सुरक्षा के लिहाज से अहम और पैसे के लिहाज से मालदार विभाग किसके पास जाएंगे. जी हां हम बात कर रहे हैं होम मिनिस्ट्री और वित्त विभाग की है. असल पेच इन्हीं दो मंत्रालय पर फंसा है. भाजपा होम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय अपने पास रखने के पक्ष में है. वह नहीं चाहती कि ये दोनों विभाग एकनाथ शिंदे और अजित पवार के पास जाए.

यह है तकरार की असल वजह

हालांकि, एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम तो बन गए, मगर वह गृह मंत्रालय पर अड़े हैं. वह चाहते हैं कि इस बार होम मिनिस्ट्री शिवसेना के कोटे में आए. गृह विभाग पिछली सरकार में देवेंद्र फडणवीस के पास था. देवेंद्र फडणवीस तब डिप्टी सीएम थे और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री. भाजपा और शिवसेना के बीच तकरार की असल वजह होम मिनिस्ट्री ही है. इसी को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच बातचीत चल रही है. पोर्टफोलियो में बंटवारे की असल वजह भी यही है. हालांकि, वित्त मंत्रालय पर भाजपा का पेच अजित पवार की एनसीपी संग फंसा है. पिछली सरकार में वित्त विभाग अजित पवार के पास था. मगर भाजपा इस बार यह पद भी अपने पास ही रखना चाहती है.

शिंदे फिर नहीं मान रहे?

सूत्रों का कहना है कि शिंदे होम मिनिस्ट्री पर अड़ चुके हैं. साथ ही शिवसेना अब होम मिनिस्ट्री के बदले अर्बन डेवलपमेंट विभाग चाहती है. अगर होम मिनिस्ट्री उसे नहीं मिलती है तो ऐसी सूरत में वह शहरी विकास विभाग अपने पास रख सकती है. उम्मीद की जा रही है कि सोमवार तक मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के बंटवारे की तस्वीर साफ हो जाएगी. यहां बताना जरूरी है कि महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे आने के 12 दिन बाद मुख्यमंत्री पद की तस्वीर साफ हुई थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version