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“ममत्व” ने चिकनगुनिया मरीजों को दिखाई नई राह
मुफ्त शिविर में प्राकृतिक उपचार से पेशेंटस को किया ठीक
Webdesk, Maharashtrakhabar24.com
नागपुर, 30 सितंबर
नागपुर में चिकनगुनिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हर दूसरा इंसान इस बीमारी की चपेट में है। इस बीमारी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। इसीलिए नागपुर में हेल्थ इमरजेंसी डिक्लेयर की गई है।एक रिपोर्ट के मुताबिक चिकनगुनिया के 53% केस 16-45 आयु वर्ग में दर्ज किए गए हैं और 50% से अधिक मामले महिलाओं से संबंधित हैं। 0-15 वर्ष की आयु के बच्चों में लगभग 20% केस हैं, जबकि 64 वर्ष और उससे अधिक आयु के नागरिकों में लगभग 27% मामले हैं।लोग डॉक्टरों के चक्कर लगाकर परेशान हैं. एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद सब ट्राय कर लिया लेकिन कोई आराम नहीं मिला।
“ममत्व” की पहल
इस बीच ममत्व मेडीटेशन और नेचुरल चिकित्सा केंद्र ने इस बीमारी पर रिसर्च शुरु की। बहुत से एक्सपीरिमेंट और लंबे रिसर्च के बाद ममत्व ने इस बीमारी से छुटकारा पाने की प्राकृतिक दवा व उपचार खोज निकाला। साथ ही मेडीटेशन के जरिए चिकनगुनिया को ठीक करने के नए आसन भी ढूंढ निकाले। अब मुशकिल ये थी कि इन सबके बारे मं लोगों को जागरूक कैसे करें। ममत्व ने नई पहल की। ममत्व ने गोकुल अपार्टमेंट,मंगलमूर्ति चौक, त्रिमूर्ति नगर में एक मुफ्त शिविर का आयोजन किया । शिविर में मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। सबकी एक ही शिकायत थी कि हमने सब इलाज कर लिया लेकिन कोई आराम नहीं मिला, हमारे हाथ-पैर में बहुत दर्द है। शिविर में इन सभी मरीजों की जांच की गई। इसके बाद डॉ. रंजना चिठोरे और ऐश्वर्या चिठोरे ने सभी मरीजों का मार्गदर्शन किया तथा इनका प्राकृतिक उपचार से इलाज किया।हाथ-पैर व जोड़ों के दर्द और शरीर की सूजन से राहत पाने का तरीका बताया . इस अवसर पर डॉ धनलाल शेन्द्रे और विवेक चिठोरे विशेष रूप से उपस्थित थे।
क्या कहते हैं मरीज
शिविर में आए एक मरीज जो दर्द के कारण चल भी नहीं पा रहे थे, उपचार के बाद चलते हुए घर गए। ऐसी ही कई मरीजों ने अपने एक्सपीरियंस शेयर किए। सभी ने एक ही बात कही कि हमें प्राकृतिक उपचार से बहुत फायदा हुआ है।इसके अलावा, इस शिविर में कई ऐसी बीमारियों का उल्लेख किया गया जिनका इलाज प्राकृतिक उपचार से किया जा सकता है।यह शिविर बहुत सफल रहा।
क्या है चिकनगुनिया
चिकनगुनिया, वायरल इन्फैक्शन के कारण, मानसून के मौसम के दौरान आम तौर पर होने वाली कुछ बीमारियों में से एक है। यह बीमारी मनुष्यों में, चिकनगुनिया वायरस ले जाने वाले मच्छरों के काटने के कारण होती है।ऐडीस इजिप्ती और एडीस एल्बोपिक्टस मच्छर चिकनगुनिया वायरस लेकर आते हैं।
कौन सा टेस्ट कराएं
चिकनगुनिया के लिए पीसीआर टेस्ट कराया जा सकता है। यह टेस्ट रक्त में चिकनगुनिया वायरस की मौजूदगी का पता लगाता है।
ये हैं लक्षण
- अचानक बुखार
- हड्डियों में दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द
- नोशिया
- थकान
- रैशेस