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सीएम के स्थान पर  महाकाल की तस्वीर पर फूटा  गुस्सा

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भोपाल.  उज्जैन में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अपनी सीट पर भगवान महाकाल के चित्र को विराजित करने की घटना पर कुछ पूर्व नौकरशाहों ने नाराजगी जताई है।पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने कहा  विभिन्न वर्गों से इसकी आलोचना होगी। यदि राज्य सरकार देवता के प्रति आभार व्यक्त करना चाहती थी तो बैठक में शामिल होने के बाद मंत्री महाकालेश्वर मंदिर जा सकते थे और आर्शीवाद ले सकते थे।   मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव कृपाशंकर शर्मा ने कहा कि इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है। 

शर्मा ने कहा,  ऐसा करना सही बात नहीं है। भगवान हर जगह मौजूद हैं। इसे विशेष रुप से सरकार और प्रशासन में दिखाने की कोई आवश्यकता नहीं है। हमारा एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है। कल अन्य धर्मों के लोग भी सरकार से ऐसा करने की मांग करेंगे। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि जब पार्टी सत्ता में थी (2018 से 2020 तक) उज्जैन में कैबिनेट की एक बैठक होने वाली थी लेकिन धार्मिक नेताओं द्वारा विचार विमर्श के बाद इसे रद्द कर दिया गया।

ये है पूरा मामला

मंत्रिपरिषद की बैठक में आयताकार मेज के बीच भगवान महाकाल का एक बड़ा चित्र रखा गया था। वैसे मंत्रिपरिषद के बैठक के दौरान यह स्थान मुख्यमंत्री के लिए निश्चित रहता है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार मंत्रिपरिषद के बैठक उज्जैन में हुई है।  मंगलवार को हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री और प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस आयताकार मेज के भगवान महाकाल के चित्र के दाएं एवं बाएं बैठे थे। यह बैठक सम्राट विक्रमादित्य प्रशासनिक भवन में आयोजित की गई थी।   मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को बैठक में नव विकसित महाकालेश्वर मंदिर गलियारे का नाम ‘‘ महाकाल लोक ” रखने का निर्णय लिया।

पीएम करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोपाल से लगभग 200 किलोमीटर दूर उज्जैन में 856 करोड़ रुपए लागत की महाकालेश्वर मंदिर गलियारा विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। मध्य प्रदेश में नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं।

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