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त्योहार पर महंगी पड़ेगी हॉलमार्क ज्वेलरी की खरीदारी
अगर फेस्टिव सीजन पर हॉलमार्किंग वाले सोने-चांदी के गहने खरीदना चाह रहे हैं तो अब इसके लिए आपको ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। बता दें कि हॉलमार्किंग चार्ज बढ़ने से सोने और चांदी की ज्वेलरी पहले से और महंगी हो गई है. सोने और चांदी के गहनों पर प्रति नग 10 रुपये तक हॉलमार्किंग चार्ज में वृद्धि की गई है।
हाल के कुछ दिनों को छोड़ दें तो सोने के भाव 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास चल रहे हैं। पहले से यह रेट अधिक है जिसके चलते लोग ज्वेलरी की खरीदारी कम कर रहे हैं। उसके बाद ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग चार्ज बढ़ने से भी गहनों की महंगाई बढ़ गई है। इसके अलावा जीएसटी भी है जो ज्वेलरी पर 18 फीसद की दर से देनी होगी। हॉलमार्किंग चार्ज गहने के हर नग के हिसाब से लिया जाता है। इसलिए खरीदारी जितनी अधिक होगी, आपकी जेब भी उतनी ही ढीली होगी। 2018 में हॉलमार्किंग रेगुलेशन की शुरुआत के बाद पहली बार हॉलमार्किंग के चार्ज में वृद्धि की गई है यानी 4 साल बाद सोने और चांदी के गहनों पर हॉलमार्किंग चार्ज बढ़ाया गया है।
हॉलमार्किंग क्या है
सोने या चांदी की शुद्धता को प्रमाणित करने की प्रक्रिया को हॉलमार्किंग कहते हैं। भारत में हॉलमार्किंग को अनिवार्य कराने की जिम्मेदारी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की है। नियम के मुताबिक सोने के गहनों की हॉलमार्किंग जरूरी है, लेकिन चांदी के लिए यह नियम अनिवार्य नहीं है। हॉलमार्किंग से ग्राहकों को सोने की प्रामाणिकता और शुद्धता के बारे में गारंटी मिलती है।
ऐसे चेक करें
सोने-चांदी के गहने खरीद रहे हैं, तो आप आसानी से चेक कर सकते हैं कि वह हॉलमार्क है या नहीं। इसमें बीआईएस मार्क, प्योरिटी, फाइननेस ग्रेड और 6 अंकों वाला हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर शामिल है। इसे एचयूआईडी नंबर भी कहते हैं। इस एचयूआईडी नंबर से ग्राहक अपने सोने की हॉलमार्किंग को बीआईएस केयर ऐप पर चेक कर सकते हैं।