blog

नेताजी ने कहा मिशन सीक्रेट है…. . नागपुर के अतुलचंद्र ने लगा दी जान की बाजी

Published

on

 15 अगस्त पर विशेष : स्वतंत्रता संग्राम में अतुलचंद्र का  योगदान 

सौम्यजीत ठाकुर. नागपुर. भारत के स्वाधीनता आंदोलन में नागपुर का विशेष योगदान रहा है। स्वतंत्रता संग्राम की कई लड़ाइयां यहां लड़ीं गईं। शहीदों की चिताओं पर आज भी यहां मेले लगते हैं। देश के बीच होने के कारण नागपुर क्रांतिकारियों  की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है। ये स्टोरी भी नागपुर के एक ऐसे देशभक्त की है जिन्होंने सुभाष चंद्र बोस के बड़े-बड़े मिशन को अंजाम दिया। हम बात कर रहे हैं अतुलचंद्र कुमार की। 

अतुलचंद्र

अतुल जी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बहुत करीबी सहयोगी थे।वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी, वकील, और समाजसेवक भी थे। उन्होंने 1921 में महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन सहित अंग्रेजों के खिलाफ कई सत्याग्रह आंदोलनों में हिस्सा लिया। 1930 के दशक के दौरान कई वर्षों तक उन्हें जेल में जाना पड़ा। इस दौरान और अंग्रेज़ पुलिस अधिकारियों ने उन्हें काफी प्रताड़ित किया। अगस्त 1938 में चीन-जापान युद्ध के दौरान नेताजी  सुभाष चंद्र बोस ने उन्हें चीन में एक वैद्यकीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का आदेश दिया। उन्होंने इस कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इससे नेताजी बहुत प्रभावित हुए।

अक्टूबर 1943 को  नेताजी ने उन्हें गोपनीय संदेश दिया कि बर्मा मोर्चे से जापानी पनडुब्बी एक विशेष दूत  भेजा गया है जिससे एक बड़े सीक्रेट  मिशन से संबंधित सूचना और दस्तावेज़ों को लें और मिशन को कमांड करते हुए अंजाम दें। अतुल जी ने सुभाष बाबू के निर्देशों का पालन करते हुए स्पेशल मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करके नेताजी को इसकी जानकारी दी। इसके बाद से वे सुभाष बाबू के खास बन गए।  फिर वे  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और भारत रत्न सी. राजगोपालाचारी की स्वातंत्र पार्टी में शामिल हो गए। इस मंच से उन्होंने सबसे पहले बंगाल के तत्कालीन राज्यपाल स्टैनली जैक्सन के भारत विरोधी बयान के खिलाफ प्रदर्शन किया और फिर  साइमन कमीशन के खिलाफ देशभर में आंदोलन किया। हरिपुरा और त्रिपुरी कांग्रेस सत्र के अध्यक्ष के रूप में नेताजी की उम्मीदवारी को मजबूत करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सन् 1962 में आचार्य विनोबा भावे की  मालदा यात्रा के दौरान उनकी बैठकों और गतिविधियों का समन्वय करना और पूर्व केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री डॉ सुशीला नायर के साथ मिलकर महाराष्ट्र के सेवाग्राम में सामाजिक कार्यों के लिए योगदान देना अतुल जी की बड़ी उपलब्धियों में से हैं।

1937 में चीन पर जापान के हमले के बाद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जापानी साम्राज्यवाद के खिलाफ और चीन के लोगों के प्रति समर्थन के रूप में चीन में एक वैद्यकीय प्रतिनिधिमंडल भेजा। अगस्त 1938 में ली गई इस दुर्लभ तस्वीर में (बाएं से दाएं) अतुल चंद्र कुमार, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, देवेश मुखर्जी, डॉ रमेन सेन और डॉ सुनील चंद्र बोस।

                                                                                                                                                                                                                                                                                 (लेखक  अतुलचंद्र कुमार के नाती हैं)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version