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इस्कॉन मंदिर में साकार हो उठीं श्री कृष्ण की लीलाएं

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 नागपुर. अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन), नागपुर की ओर से चल रही  संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ  महाअनुष्ठान का शनिवार को  पांचवां दिन था। इस अवसर पर  कथा व्यास व ओजस्वी वाणी के धनी श्रीमान अनंतशेष प्रभुजी ने श्रीमद्भागवतम के 10 वें स्कंद में वर्णित मथुरा, वृंदावन और द्वारका में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का का उल्लेख किया । व्याख्यान शुरू होने से पहले यजमान  अखिलेश बैस, नंदकिशोर व्यास, अशोक नचनकर, नलिनी बुटे, मनीषा राटोडे, अनूप दामले और संदीप घोटे ने भागवत पुराण की आरती की।

अनंत शेष प्रभुजी ने श्री कृष्ण की लीलाओं का बहुत सुंदर वर्णन करते हुए बताया कि  गोकुल में नंदोत्सव के दौरान  नंद बाबा ने कई दिनों तक कृष्ण के जन्म का जश्न मनाया और पूरे नगर में उपहार वितरित किए। प्रभुजी ने श्री कृष्ण  व्दारा पूतना , शक्तासुर , वत्सासुर, बकासुर, और अघासुर राक्षसों का वध। साथ ही माखन चोरी , कालिया दमन आदि का ऐसा वर्णन किया कि भगवान की सारी लीलाएं भक्तगणों के सामने साकार हो उठीं।

इसके बाद अनंतशेष प्रभुजी ने कहा कि ब्रजवासियों को इंद्र की मूसलाधार बारिश से बचाने के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर आश्रय दिया था। गिरिराज गोवर्धन को पहाड़ों में भगवान कृष्ण का एक रूप माना जाता है।मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की गोवर्धन लीला को  प्रस्तुत किया गया। बेबी पद्मजा ने शिशु कृष्ण की भूमिका निभाई। किशन दवे और कुसुम दवे ने नंद बाबा और यशोदा मैय्या की भूमिकाएँ निभाईं।

अद्वैताचार्य प्रभुजी ने भगवान कृष्ण (पद्माजा) की पूजा की, जिसके बाद गिरिराज और भागवत आरती हुई। इसके बाद प्रसाद वितरित किया गया।  ऊपर फोटो में प्रसादम के साथ कल्पतरू प्रभुजी। भक्तगणों ने  कार्यक्रम को खूब सराहा।

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