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इस्कॉन की ओर से संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का महाअनुष्ठान आज से नागपुर में
नागपुर. अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन), नागपुर की ओर से कोरोना महामारी काल में दिवंगत स्नेही – संबंधियों की सद्गति के लिए पितृपक्ष महापर्व पर 125 संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ महाअनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। यह भागवत कथा 29 सितंबर से 5 अक्टूबर तक संध्या 5 से 8 तक एम्प्रेस सिटी, गेट नंबर 2 स्थित श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर में संपन्न होंगी । श्रीमद भागवत कथा का मधुर रसपान परम ओजस्वी वाणी के धनी श्रीमान अनंतशेष प्रभुजी के मुखारविंद से श्रवण करने का सौभाग्य लाभ प्राप्त हो रहा है । साथ ही श्रीधाम बरसाना के परम वैष्णव श्रीपाद मुरारीशरण प्रभु जी के द्वारा विधिवत भागवत पूजन, सम्पूर्ण भागवत के मूल पाठ, यज्ञ संपन्न होंगा । “Anant Shesh Das” यू-टयूब चैनल पर भी कथा का लाइव सीधा प्रसारण किया जाएगा। प्रत्येक दिवस कथा प्रसंग के अनुसार विभिन्न झांकिया वा उत्सव मनाये जायेंगे।
श्रीमद् भागवत में कहा गया है कि –
आख्यानमेतत्परमं पवित्रं श्रुतं सकृव्दै विदहेदघौघम।
श्राध्दे प्रयुक्तं पितृतृप्तिमावह-त्रित्यं सुपाठादपुनर्भवं च।।
अर्थात यह भागवत कथा परमपवित्र है। एक बार श्रवण से ही समस्त पाप राशि को भस्म कर देती है। यदि इसका श्राध्द के समय पाठ किया जाए तो इससे पितृगण को बड़ी तृप्ति होती है और नित्यपाठ करने से निश्चित भगवत्प्राप्ति होती है। अतएव परिवार के सुख और समृद्धि के लिए व पितृदोष से मुक्ति पाने का सर्वोत्तम उपाय पितृपक्ष में श्रीमद् भागवत का श्रवण,पठन या पाठन को माना गया है।
इसी तरह ये भी कहा गया है कि –
एवं विधानत: श्राध्द कुर्यात स्वविभवोचितम्।
आब्रहास्तम्बपर्यन्त जगत प्रीणाति मानव:।।
अर्थात इस तरह विधिवत श्राध्द से केवल अपनी तथा पितरों की संतृप्ति नहीं होती , जो व्यक्ति अपने धन के अनुरूप श्रध्दा एवं विधिपूर्वक भागवत श्रवण कर श्राध्द करता है वह ब्रम्हा से लेकर कीटपर्यन्त संपूर्ण जगत को संतुष्ट कर देता है।
कथा व्यास परिचय
पूज्यनीय श्री अनंतशेष प्रभुजी मूलतः एक संस्कारी मारवाड़ी वैष्णव परिवार से सम्बन्ध रखते है । आपके दादाजी गोलोकवासी पंडित श्री उदयकृष्ण व्यासजी महाराज एक सुप्रसिध्द श्रीमद् भागवत प्रवक्ता, ज्योतिषाचार्य, वैद्य एवं विव्दान पुरूष थे। आपको कृष्णभक्ति एवं विव्दता अपने पूर्वजों से विरासत में प्राप्त हुई है।आप नागपुर में CA ( चार्टेड एकाउंटेंट) का कोर्स करते हुए अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के संपर्क में आए, जिसका उद्गम चार प्रामाणिक वैष्णव संप्रदायों में से एक श्री ब्रम्ह–मध्व-गौड़ीय संप्रदाय से है।
अनंतशेष प्रभुजी |
अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के संस्थापकाचार्य श्रील प्रभुपाद जी द्वारा आज संपूर्ण विश्व में हरिनाम संकीर्तन व गीता और भागवत को पहुंचाया गया है । उन्हीं कलियुग उद्धारक महा भागवत संत श्रील प्रभुपाद जी का इस वर्ष 2021 को सम्पूर्ण विश्व में 125 वां जन्मवर्ष महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।श्रील प्रभुपादजी के कृपापात्र वरिष्ठ शिष्य, त्रिदंडी संन्यासी, विश्व पदयात्रा संचालक प. पू. श्रील लोकनाथ स्वामी महाराज व्दारा आपने विधिवत वैष्णव मंत्र की दीक्षा ग्रहण की।
नागपुर व अमरावती स्थित इस्कॉन केंद्र के व्यवस्थापन में आपकी प्रमुख भूमिका है। आप महाराष्ट्र क्षेत्रीय सचिव सहायक के रूप में भी सेवारत है। वर्त्तमान में सम्पूर्ण विदर्भ क्षेत्र के गीता भागवत प्रचार कार्य में आप काफी सक्रिय है। आप ओजस्वी, मधुर, सारगर्भित, सरल, स्पष्ट, शास्त्रोक्त, धाराप्रवाह, मूर्धन्य वाणी में गीता, भागवत, कृष्ण व चैतन्य लीला कथा के विश्व विख्यात कथा प्रवक्ता के रूप में जाने जाते है।
पितृपक्षीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ महा अनुष्ठान के यजमान बनकर अपने सभी पितरो का उद्धार करने के लिए सम्पूर्ण नागपुर वासियो को आवाहन किया जाता है । भागवत यजमान सेवा के लिए मोबाइल नं. 9766447719 या 9970328276 पर संपर्क किया जा सकता है।
इस अनुष्ठान में 20 यजमान शामिल हो रहे हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं- अखिलेश बैस, महावीर जी सेठिया, सौरभ नसीने (सीए), संजय दामले, अविनाश भारव्दाज, डॉ. राजेश सिंगारे, प्रशांत दत्त पंत पाटीवार, सुनीता अग्रवाल, सीमा अग्रवाल, अशोक नाचनकर, रवि मेहाडिया, आकाश जैस्वाल, अंशकुमार कृष्ण कुमार, डा. मनीषा राठोड़, कमला धोंडे , नलिनी बुते, महेश भारूक, तेजस अशोक बियानी, गोपाल कृष्ण बुध्दराजा (सीए), मनीषा गोस्वामी.