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एक्शन में सरकार: पोलैंड के रास्ते भारतीयों को किया जाएगा एयरलिफ्ट!
नई दिल्ली. रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद केंद्र सरकार ने वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए प्लान-बी पर काम शुरू कर दिया है। इसी मुद्दे को लेकर आज गुरूवार को प्रधामनंत्री मोदी की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग हुई। विदेश सचिव हर्ष वी. शृंगला ने मीटिंग के बाद बताया कि यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
भारतीय नागरिकों को पोलैंड के रास्ते भारत लाया जाएगा। इसके लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाक रिपब्लिक और हंगरी के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे। सीधे यूक्रेन से भी एयरलिफ्ट करने की संभावना जताई गई है।
मोदी ने की पुतिन से बात
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की। पीएम मोदी ने इस दृढ़ विश्वास को दोहराया कि रूस और नाटो समूह के बीच मतभेदों को केवल ईमानदार बातचीत के माध्यम से ही सुलझाया जा सकता है।
उन्होंने युद्ध खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि राजनयिक वार्ता और बातचीत से सभी पक्ष इस समस्या को सुलझाने का ठोस प्रयास करें।
ऐसे समझें, क्यों है तनाव
- 1991 में सोवियत संघ टूटने के बाद जो 14 देश बने थे यूक्रेन भी उनमें से एक था। ऐसा माना जाता है कि पुतिन फिर से यूनाइटेड रशिया बनाना चाहते हैं।
- रूस से अलग होने के बाद से यूक्रेन में ऐसी सरकारें रहीं जो रूस के समर्थन से चलती थीं। लेकिन 2014 के बाद से यूक्रेन में अमेरिका और यूरोप समर्थक सरकारें चल रही हैं।
- यूक्रेन नाटो (NATO) का सदस्य देश बनना चाहता है। अगर ऐसा होता है तो अमेरिका की पहुंच रूस के बॉर्डर तक हो जाएगी। पुतिन कभी नहीं चाहेंगे कि अमेरिका उनके बॉर्डर तक आ जाए।
- रूस द्वारा यूक्रेन के हिस्से क्रीमिया पर कब्जा करना भी दोनों देशों की बीच तनाव का एक बहुत बड़ा कारण है।