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नागपुर में बर्ड फ्लू की दस्तक
3 बाघों और 1 तेंदुए की मौत, रेड अलर्ट
वेब डेस्क, महाराष्ट्र खबर24.कॉम
नागपुर, 6 जनवरी
संतरानगरी में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। राज्य में पहली बार बर्ड फ्लू से हुई बाघों और 1 तेंदुए की मौत ने पूरे वन विभाग को हिलाकर रख दिया। इसलिए सभी चिडियाघरों, ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटरों में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। चूंकि यह वायरस हवा से फैलता है, इसलिए संभावना है कि यह इंसानों के लिए भी खतरा हो सकता है।इसीलिए गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में सभी जंगली जानवरों की जांच और रखरखाव के लिए 6 पशु चिकित्सकों की एक टीम बनाई गई है। नागपुर पशुवैद्यकीय महाविद्यालय के संस्थापक डॉ. शिरीष उपाध्याय के नेतृत्व में पिंजरों में बंद पक्षियों, जंगली जानवरों की जांच की गई। वन्यजीवों और पक्षियों का नमूना लिया गया है।
सैंपल लिए गए
उनकी जांच रेस्क्यू सेंटर की प्रयोगशाला में की जाएगी। ज्ञात हो कि गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में उपचार के दौरान हुई बाघों और तेंदुए की मौत के बाद उनके नमूने जांच के लिए भोपाल की पशु चिकित्सा प्रयोगशाला भेजे गए थे। रिपोर्ट में बर्ड फ्लू के कारण मौत सामने आने के बाद अब गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर प्रबंधन ने कड़े कदम उठाए हैं। रेस्क्यू सेंटर में पांच प्रजातियों की जांच की गई है।पशुचिकित्सक द्वारा इनके सैंपल भी ले लिए गए हैं। इसमें 12 बाघ, 24 तेंदुए, चील, दो भालू और तोते शामिल हैं। नमूने लेते समय पशुचिकित्सक द्वारा विशेष एहतियात के तौर पर पीपीई किट का उपयोग किया गया। मुख्य वन्यजीव रक्षक डॉ. विवेक खांडेकर ने कहा कि यह पहली बार है कि इस तरह के वायरस से बाघों की मौत हुई है। इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जंगली जानवरों से इंसानों को कोई नुकसान न हो और इसका प्रकोप न हो, इसका विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में भी विशेष अलर्ट दिया गया है।
रेसक्यू सेंटर जाने पर प्रतिबंध
गोरेवाड़ा प्रोजेक्ट के डिवीजनल मैनेजर शतानिक भागवत ने कहा, “गोरेवाडा रेस्क्यू सेंटर और प्राणी संग्रहालय लिए अलग-अलग पशु चिकित्सक है। इस घटना के पश्चात प्राणी संग्रहालय के डॉक्टरों को रेस्क्यू सेंटर में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं रेस्क्यू सेंटर के डॉक्टरों को भी क्वारंटाइन कर दिया गया है। जंगली जानवरों में बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए प्राणी संग्रहालय का दौरा करने से लेकर नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।”