चंद्रपुर लोकसभा चुनाव : बदल सकते हैं समीकरण
चंद्रपुर. यहां आगामी लोकसभा चुनाव की हलचल तेज हो गई है। अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले राजेश बेले की लोकसभा चुनाव में एंट्री खेल कर सकती है।
चंद्रपुर, वरणी, आरणी लोकसभा क्षेत्र में जहां बीजेपी से अशोक जीवतोड़े, हंसराज अहीर, सुधीर मुंनगंटीवार के नामों पर चर्चा हो रही है वहीं कांग्रेस से प्रतिभा धानोरकर, प्रकाश देवतले और विनायक बांगड़े की उम्मीदवारी पर मंथन चल रहा है। मनसे पहले ही राजू उबंरकर की उम्मीदवारी की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में बेले के चुनावी मैदान में आने से समीकरण बदल सकते हैं। यहां के वोटर्स भी अब बदलाव के मूड में है।
इसलिए है बेले की ‘लहर’
1. संजीवनी पर्यावरण संस्था के माध्यम से जिले में व्याप्त भयंकर प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी.
2. नगर निगम, लोकनिर्माण विभाग, सिंचाई विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई.
3. चाहे ओबीसी आरक्षण का मुद्दा हो या जनसमस्या हमेशा आगे आकर उनका समाधान किया।
4. हाल ही में धम्मचक्र परिवर्तन दिवस के अवसर पर ‘भारत के संविधान’ पर किताब का वितरण कर नया रिकार्ड बनाया।
क्या है गणित
1.चंद्रपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में ओबीसी का चेहरा निर्णायक रहा है। हंसराज अहीर वैसे तो अल्पसंख्यक हैं लेकिन ओबीसी समुदाय से आते हैं।
2.बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में अहीर को अब तक 4 बार विजय मिली है, लेकिन पिछले चुनाव में वे हार गए थे।
3.कांग्रेस के बालू धानोरकर की जीत ने यह साबित कर दिया कि जनता सिर्फ काम करने वालों को मौका देना चाहती है।
4.बदलाव की इस बयार में बेले सभी के लिए चुनौती बनते नजर आ रहे हैं। जिसके कारण समीकरण बदलने की संभावना जताई जा रही है।